देहरादून: उत्तराखंड में कट्टरपंथी मुस्लिमों का दुस्साहस बढ़ता ही जा रहा है। दो दिन पहले प्रेम नगर क्षेत्र में अवैध मजार बना दिए जाने के बाद अब प्रतिष्ठित दून स्कूल की बाउंड्री के भीतर मजार बनाने का मामला सामने आया है। खास बात ये कि धामी सरकार की इतनी सख्ती के बावजूद खादिम लोग नई नई मजारें बनाने का दुस्साहस कर रहे हैं। हालांकि, बाद में लोगों ने जब इसका विरोध किया तो प्रशासन ने इसे तोड़ दिया।
दून स्कूल देश दुनिया में एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान माना जाता है, यहां के परिसर में अचानक मजार का बनाया जाना हैरत पैदा करता है। सवाल ये है कि यहां बच्चे पढ़ने आयेंगे या फिर मजार पर सजदा करने आयेंगे ? सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि कोई भी मजार या धार्मिक स्थल बिना डीएम की अनुमति के नहीं बनाया जा सकता। ऐसे में दून स्कूल की ये मजार सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उलंघन है।
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बहरहाल जैसे ही इस मामले की खबर जिला प्रशासन को हुई तो ऊपर से नीचे तक हड़कंप मच गया। इस बारे में शासन से डीएम देहरादून को रिपोर्ट देने और इसका काम रूकवाने को कहा गया। डीएम सर्वीन बंसल ने तत्काल एसडीएम और सीओ को मौके पर भेज कर काम रुकवाया। पहले उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच पड़ताल कर वैधानिक कारवाई की जाएगी। हालांकि, बाद में प्रशासन ने इसे ध्वस्त करवा दिया।
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दो दिन पूर्व प्रेम नगर क्षेत्र में एनएच विभाग द्वारा एक मजार को शिफ्ट करने के बदले नई मजार बनवा कर देने के मामले में भी डीएम श्री बंसल ने बताया कि फिलहाल काम रुकवा दिया गया है। आगे इस पर प्रशासनिक बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा। उधर हिंदुत्व निष्ट संगठन की राधा सेमवाल धोनी ने कहा है कि प्रशासनिक लापरवाही की वजह से फिर से मजारें बनाई जा रही हैं।
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