कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रितु सिंह द्वारा दायर याचिका पर 6 नवंबर, 2024 को दुर्गा और लक्ष्मी पूजा समारोहों के दौरान इस्लामिक उन्मादियों द्वारा भड़काई गई हिंसा पर पश्चिम बंगाल पुलिस से 11 नवंबर, 2024 तक रिपोर्ट सौंपने और 14 नवंबर, 2024 को होने वाली सुनवाई से पहले सभी रिपोर्टों का विस्तृत सारांश प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
पश्चिम बंगाल में इस साल दुर्गा और लक्ष्मी पूजा समारोहों के दौरान कई जगहों पर हिंसा और झड़पों की घटनाएं सामने आई हैं। विभिन्न इलाकों में मुस्लिम भीड़ द्वारा दुर्गा पूजा पंडालों पर हमला, विसर्जन यात्राओं पर पत्थरबाजी, और प्रशासनिक हस्तक्षेप की घटनाओं ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही, पुलिस द्वारा पूजा आयोजनों में बाधा डालने और कुछ डॉक्टरों और युवाओं की गिरफ्तारी से भी विवाद उत्पन्न हुआ है। इसके चलते राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राष्ट्रीय महिला आयोग को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।
इस समाचार आलेख में हम पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में ‘दुर्गा/लक्ष्मी पूजा व विसर्जन 2024’ के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों और प्रशासन द्वारा किए गए हमलों व मानवाधिकार आयोग के नोटिस की 10 प्रमुख घटनाओं पर प्रकाश डालेंगे।
मुस्लिम भीड़ ने पंडाल को किया आग के हवाले
13 अक्टूबर, 2024, हावड़ा : श्यामपुर इलाके में मुस्लिम उपद्रवियों ने मूर्ति विसर्जन के दौरान यात्रा में शामिल लोगों पर पत्थरबाजी की। भीड़ ने श्यामपुर बाजार व्यवसायी समिति पूजा पंडाल में मूर्तियों को आग लगा दी और अन्य पंडालों में भी तोड़फोड़ की।
पूजा पंडाल में घुसकर मुस्लिम भीड़ ने की तोड़-फोड़
11 अक्टूबर, 2024, कोलकाता : गार्डन रीच इलाके में न्यू बंगाल स्पोर्टिंग क्लब द्वारा आयोजित पूजा पंडाल में 50-60 की संख्या में आई मुस्लिम भीड़ ने घुसकर तोड़-फोड़ की और धमकी दी कि उत्सव नहीं रोका गया तो वे माँ दुर्गा की मूर्ति को तोड़ देंगे।
सुनियोजित हमला
विसर्जन जुलूस के दौरान हिंदुओं पर हमला
2 नवंबर, 2024, कोलकाता : पाकर नारकेलडांगा क्षेत्र में मां काली और लक्ष्मी के मूर्ति विसर्जन पर दंगाइयों ने भीषड़ पथराव किया। विसर्जन में शामिल लोगों के शिकायत के बावजूद कोलकाता पुलिस ने इसे बाइक पार्किंग विवाद बताकर मामला रफा-दफा कर दिया।
प्रशासनिक हस्तक्षेप और प्रतिबंध
कोलकाता पुलिस ने रोकी जूनियर डॉक्टरों की दुर्गा पूजा की ‘अभय परिक्रमा’
9 अक्टूबर, 2024, कोलकाता : कोलकाता पुलिस ने दुर्गा पूजा के दौरान प्रमुख पंडालों में जूनियर डॉक्टरों की ‘अभय परिक्रमा’ रैली को रोक दिया। कोलकाता पुलिस ने महिला डॉक्टरों सहित 29 लोगों को हिरासत में लिया।
112 फीट की दुर्गा प्रतिमा पर रोक
11 अक्टूबर, 2024, नदिया : राणाघाट में 50 वर्षों से दुर्गापूजा का आयोजन करने वाले क्लब को 112 फीट की दुर्गा प्रतिमा की पूजा को कानून और व्यवस्था का हवाला देकर ममता सरकार ने मंजूरी नहीं दी। प्रशासन के असहयोग के कारण क्लब ने पूजा का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया।
दुर्गा पूजा पंडाल से डॉक्टर प्रदर्शन का हवाला देकर नौ युवकों की गिरफ्तारी
11 अक्टूबर, 2024, अलीपुर : अलीपुर पुलिस ने आरजी कर प्रदर्शन का हवाला देकर दुर्गा पंडाल से 9 युवकों की गिरफ्तारी कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया। बाद में दायर याचिका पर युवकों को अंतरिम जमानत मिली। पुलिस की गिरफ्तारी पर अदालत ने कहा कि युवकों का उद्देश्य कोई नफरत फैलाना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होना नहीं था।
पूजा पंडाल से डॉक्टर को किया गिरफ्तार
15 अक्टूबर, 2024, कोलकाता : कोलकाता पुलिस ने दुर्गा पूजा कार्निवल में भाग ले रहे पश्चिम बंगाल के सरकारी ऑन-ड्यूटी डॉ. तपब्रत रॉय को इसलिए गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उन्होंने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों (RG कर केस) के समर्थन वाला एक बैज पहन रखा था। दुर्गा पूजा पंडाल से गिरफ्तारी का जब हिंदुओं और अन्य डॉक्टरों ने विरोध किया तो उन्हें चार घंटे बाद रिहा कर दिया।
हमलों पर लिखने वाले पत्रकार को उठा ले गई पुलिस
15 अक्टूबर, 2024, रजाबाजार : पश्चिम बंगाल पुलिस ने 5 नवंबर, 2024 को काली (लक्ष्मी) पूजा पर हमले के बारे में लिखने वाले पत्रकार अनन्यो गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। अनन्यो पश्चिम बंगाल की खबरें देने वाला पोर्टल ‘मध्यम’ चलाते हैं।
मानवाधिकार आयोग का कोलकाता पुलिस को नोटिस
7 नवंबर, 2024, त्रिधारा : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कोलकाता पुलिस को नोटिस जारी कर त्रिधारा सम्मिलनी दुर्गा पूजा पंडाल में जूनियर डॉक्टरों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिरासत और बल प्रयोग पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है। यह नोटिस अखिल भारतीय छात्र संघ (एआईएसयू) द्वारा 14 अक्टूबर, 2024 को एनएचआरसी में दर्ज कराई गई शिकायत के बाद जारी किया गया है।
हिंसा को लेकर महिला आयोग की राज्यपाल को चिट्ठी
2 नवंबर, 2024, नरकेलडांगा : राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने नरकेलडांगा हिंसा को लेकर राज्यपाल को पत्र लिख कर बताया कि पुलिस अधिकारियों ने काली/लक्ष्मी पूजा मूर्ति विसर्जन के बाद हुई हिंसा में उनके साथ भी बुरा सलूक किया। अर्चना मजूमदार ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो पुलिस अधिकारियों ने उनके साथ बहस कर विसर्जन यात्रा में शामिल पीड़ितों पर ही लाठीचार्ज कर दिया।
हमलों और पाबंदियों से हतोत्साहित हुए पूजा आयोजक
पश्चिम बंगाल में इस साल दुर्गा और लक्ष्मी पूजा के दौरान हुई घटनाओं ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर प्रशासनिक पाबंदियों और गिरफ्तारी ने पूजा आयोजकों को हतोत्साहित किया है, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम भीड़ द्वारा पूजा पंडालों और विसर्जन यात्राओं पर हमले से साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा है। अब देखना होगा कि हाई कोर्ट और विभिन्न आयोगों के हस्तक्षेप के बाद क्या राज्य सरकार और पुलिस कोई सख्त कदम उठाती हैं।
(नोट – यह रिपोर्ट विभिन्न समाचार संस्थानों के आलेखों से संदर्भित है।)
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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