देहरादून: एनएच 72 में एक पक्का लेंटर डाल कर कमरा बनाया अंदर ईंट रख कर शैय्या बना दी लो जी हो गई मजार तैयार, ये दृश्य राजधानी देहरादून के प्रेम नगर इलाके का है जो कि सोशल मीडिया में खूब प्रचारित हो रहा है। जिससे शासन प्रशासन की खासी किरकिरी हो रही है। प्रेमनगर व्यापारी नेता अमित भाटिया में अपनी पोस्ट में लिखा है कि प्रेमनगर में सनातन धर्म एक बार फिर शर्मसार हुआ है।
भाटिया लिखते हैं कि मंदिर टूटे तो कोई विकल्प नहीं दुकाने टूटे तो कोई विकल्प नहीं मजार हटाई जाए तो हटने से पहले उसका निर्माण करवा दिया, ये NH 72 के अधिकारियों का मजारों के प्रति उभरता प्रेम है। भाटिया कहते हैं, जहां एक और सरकार द्वारा अवैध माजारों को हटाया गया वहीं एक बार हटने के बाद पुनः निर्माण होने के बाद भी दूसरी बार हटने से पहले ही केहरी गांव प्रेमनगर मे मजार का निर्माण नेशनल हाईवे के फंड से कराया जाना आखिर क्या साबित करता है?
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व्यापारी नेता कहते हैं कि उन्हें याद है आज भी 16 सितंबर 2018 को अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रेमनगर के विक्रम स्टैंड पर बने ‘श्री नागेश्वर मंदिर’ को भी अधिकारियों द्वारा तोड़ दिया गया था। तब से लेकर आज तक उस मंदिर के लिए जगह न उपलब्ध कराना अपने आप पर कई सवाल खड़े करता है, वहीं एक मजार टूटने से पहले बनवा देना। सवाल ये है कि क्या सनातन धर्म की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना नहीं है।
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विश्व हिंदू परिषद के विजय कोहली कहते हैं कि ये मजारें फर्जी हैं और इन्हें देहरादून की सड़कों से तत्काल हटाया जाए अन्यथा हिंदुत्वनिष्ठ संगठन इसे खुद ही ध्वस्त कर देंगे। बहरहाल इस मामले के संज्ञान में आते ही जिला अधिकारी सर्विन बंसल ने जांच के आदेश दे दिए है। मौके पर मजार खड़ी कर दी गई। बताया जाता है कि ये किसी पीर फकीर की मजार नहीं बल्कि, फ्रेंचाइजी मजार है, इस नाम की कई और मजारें मुस्लिम खादिमों के लिए चादर, अगरबत्ती झाड़ू बेचने का ओधंधा बनी हुई है।
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