परिवार साथ रहे तो उसके हर सदस्य का जीवन आसान और सफल हो जाता है। कुछ ऐसा ही संदेश देता है मुरादाबाद में रामपुर रोड पर रहने वाला गुप्ता परिवार। इस परिवार में कुल 24 सदस्य हैं। यह परिवार है एक प्रसिद्ध कारोबारी रहे स्व. चिदंमी लाल गुप्ता का। उनके पुत्र थे स्व. जगदीश शरण गुप्ता। आज से 19 वर्ष पहले उनका निधन हो गया था। उनके तीन पुत्र हैं-अनिल गुप्ता, अजय गुप्ता और राघव गुप्ता। इन तीनों भाइयों का परिवार एक साथ रहता है। इनका कारोबार भी साथ ही है। ये सभी मिलकर अपने पूज्य स्व. चिदंमी लाल गुप्ता द्वारा स्थापित कंपनी ‘सी.एल. गुप्ता एक्सपोर्ट्स’ के लिए कार्य करते हैं। परिवार की नई पीढ़ी भी इसी कंपनी से जुड़ी है। 100 वर्ष पुरानी यह कंपनी पीतल के बर्तनों और कुछ अन्य उत्पादों का निर्यात करती है। बता दें कि मुरादाबाद को पीतल की वस्तुओं के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां सैकड़ों निर्यात कंपनियां हैं।
परिवार की सबसे छोटी बहू शिखा गुप्ता कहती हैं, ‘‘मैं इस परिवार में 40 वर्ष पहले बहू बनकर आई। मेरे ससुर जगदीश शरण जी जब तक रहे, उन्होंने सभी को यही सीख दी कि एक रहोगे तो घर का मान बना रहेगा, सफल भी हो जाओगे। पूरा परिवार आज भी उसी सूत्र पर चल रहा है। इसलिए हम सब एक हैं। एक ही घर में रहते हैं।’’
उन्होंने यह भी बताया, ‘‘अब सबसे बड़े भाई अनिल गुप्ता के पोते का भी विवाह हो गया है। ऐसे में पारिवारिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए अभी कुछ दिन पहले ही सभी भाइयों के अलग-अलग रसोई घर हो गए हैं। लेकिन अभी भी प्रतिदिन सुबह की चाय सभी एक साथ पीते हैं। परिवार के सदस्य घर के सबसे बड़े हॉल में जमा होते हैं। यहीं एक-दूसरे के कामकाज और अन्य जानकारी लेते हैं और फिर दिन चढ़ने के साथ ही सभी अपने कामकाज के लिए निकल जाते हैं।’’ उन्होंने यह भी बताया कि घर में कुछ भी नया करने से पहले सभी बड़े साथ में बैठते हैं और आवश्यक निर्णय लेते हैं। उन्हें परिवार का हर व्यक्ति मानता है। उन्होंने बताया, ‘‘होली, दीपावली, नवरात्र आदि पर्व-त्योहार सभी एक साथ मनाते हैं। हवन और पूजा एक ही स्थान पर होती है।’’
यह परिवार ‘सी.एल.गुप्ता आइज इंस्टीट्यूट’ के माध्यम से समाज सेवा भी करता है। यहां गरीबों का नि:शुल्क इलाज होता है, लेकिन जो लोग इलाज का खर्च दे सकते हैं, उनसे पैसा लिया जाता है।
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