पाकिस्तान के बिशप डॉ. आजाद मार्शल के साथ ही चर्च के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखे गए हैं। पत्र में चर्च के अनुयायियों ने कहा है कि सरकारी मेहमान के नाते पाकिस्तान आया जाकिर नाइक ईसाइयत और ईसाइयों पर अपमानजनक बातें कर रहा है, उनकी बाइबिल पर गलत बयानी कर रहा है। यह स्वीकार्य नहीं है।
दुनियाभर में बदनाम इस्लाम के नाम पर जहर उगलने वाले भारत का भगोड़ा अपराधी जाकिर नाइक पाकिस्तान का राज्य अतिथि बनकर शहर—शहर तकरीरें करता फिर रहा है। लेकिन इस भगोड़े ने वहां अपनी तकरीरों से वहां के अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय को इतना नाराज कर दिया कि उन्होंने उस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पाकिस्तानी ईसाइयों ने जिन्ना के देश के प्रधानमंत्री से मांग की है कि नाइक पर ऐसी कड़ी कार्रवाई की जाए जिससे वह याद रखे कि किसी अन्य पंथ का अपमान करने की क्या सजा होती है।
अपने भड़काऊ भाषणों से मुस्लिम युवाओं में उन्माद भरने वाले इस नाइक पर पाकिस्तान के ईसाइयों ने अनेक आरोप लगाए हैं। जाकिर ने अपने अपने भाषणों में न सिर्फ ईसाइयत का अपमान किया है, बल्कि उनकी ‘पवित्र’ पुस्तक पर भी सवाल खड़े किए हैं। ईसाइयत पर बेमतलब की जाकिर की टिप्पणी से ही वहां के ईसाई अनुयायी और पादरी वर्ग में आक्रोश है। ईसाइयों ने इस विषय पर चुप्पी साधने की बजाय सरकार को ऐसे इंसान के विरुद्ध हरकत में आने को कहा है।
ईसाई नेताओं ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ तथा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा है कि उनके पंथ का अपमान करने वाले इस जाकिर के विरुद्ध जल्दी से जल्दी कड़ी कार्रवाई की जाए।
जैसा पहले बताया, दुनियाभर में नफरत फैलाने वाले ‘इस्लामी प्रसारक’ के नाते कुख्यात जाकिर नाइक पाकिस्तान की सरकार के बुलावे पर ही गत लगभग 20 दिन से पाकिस्तान के अनेक शहरों में भाषण देता फिर रहा है जिसमें उसके दिए तर्क वहां के मुसलमानों तक को नाराज कर रहे हैं। शाहबाज सरकार ने ऐसे इंसान को सिर—माथे बैठाकर उसे सरकारी मेहमान का दर्जा दिया हुआ है। अभी तक वह इस्लामाबाद, कराची तथा लाहौर के अलावा अन्य कई शहरों में विवादास्पद बयान दे चुका है।
इससे पहले 1992 में पाकिस्तान गए जाकिर नाइक की तीन दशकों के बाद वापसी को लेकर भी पाकिस्तान के एक वर्ग के शंका है कि पाकिस्तान की सरकार आखिर चाहती क्या है!
यह इंसान 2016 से ही भारत में भगोड़े अपराधियों की सूची में शामिल है। इन दिनों वह मलेशिया सरकार में राजनीतिक शरण के तहत रह रहा है। वहां से वह अनेक फर्जी एनजीओ बनाकर पैसा बना रहा है। भारत में उस पर नौजवानों में उन्माद भड़काने, अपने नफरती भाषणों से समाज को तोड़ने तथा धनशोधन के आरोपों में घिरा है इसलिए भारत आना वह गवारा नहीं कर सकता।
पाकिस्तान में साइनोड चर्च ऑफ पाकिस्तान के बिशप डॉ. आजाद मार्शल के साथ ही चर्च के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखे गए हैं। पत्र में चर्च के अनुयायियों ने कहा है कि सरकारी मेहमान के नाते पाकिस्तान आया जाकिर नाइक ईसाइयत और ईसाइयों पर अपमानजनक बातें कर रहा है, उनकी बाइबिल पर गलत बयानी कर रहा है। यह स्वीकार्य नहीं है। इस संबंध में इस व्यक्ति पर जितनी जल्दी कड़ी कार्रवाई की जाए उतना अच्छा रहेगा।
पत्र आगे कहता है कि जाकिर के ऐसे भाषणों से यहां के ईसाइयों में आक्रोष है। वे गुस्से में हैं कि बेवजह उनके पंथ को लेकर बोला गया है, बाइबिल व अन्य ईसाई ग्रंथों को गलत तरह से उद्धृत कर रहा है। यह बर्दाश्त के बाहर है इसलिए इस व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई करनी आवश्यक है।
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