बांग्लादेश में 5 अगस्त, 2024 को हुए तख्तापलट के बाद कट्टरपंथी लगातार हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। हाल ही में बांग्लादेश में दुर्गापूजा के दौरान लगातार दुर्गा पंडालों पर हमले किए गए। पहले पूजा पर हमले किए गए और फिर दुर्गा विसर्जन के दौरान निकाले जा रहे जुलूसों को निशाना बनाया गया। गत 13 अक्तूबर को पुराने ढाका में दुर्गा पूजा के समापन के बाद मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे हिंदू समुदाय के लोगों पर ईटें फेंकी गईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
पुलिस और सेना भी कट्टरपंथियों के साथ
ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनोरिटीस की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, ”विसर्जन के लिए प्रतिमाएं ले जा रहे हिंदुओं पर नूर सुपरमार्केट की छत से ईंटों से हमला किया गया। प्रतिमाओं पर गंदा पानी फेंका गया। दुर्गा प्रतिमाओं पर पत्थर फेंकने वाले अपराधियों का पीछा करने के बजाय, सेना, और पुलिस ने हिंदू युवकों को बेरहमी से निशाना बनाया और उनकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस और सेना दोनों पर वहां पर मौजूद थीं बावजूद इसके हमलावरों को रोकने की कोशिश नहीं की गई।
हमलावरों को पकड़ने के लिए प्रदर्शन कर रहे हिंदू समुदाय के लोगों ने जब नूर सुपरमार्केट में प्रवेश करने का प्रयास किया, तो सेना और पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। इसमें हिंदू समुदाय के 100 से अधिक लोग घायल हो गए। इतना ही नहीं, इस घटनाक्रम के वीडियो बना रहे हिंदुओं से पुलिस ने मोबाइल छीन लिए और बनाए गए वीडियो डिलीट कर दिए। हिंदू समुदाय के विरोध के बाद भी अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई। ऐसी घटनाएं किशोरगंज और पबना सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हैं। हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय यहां भय के माहौल में जी रहा है।
वेबसाइट पर एक और समाचार में बताया गया है कि कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के पक्ष में पत्रकारिता करने वाले एक हिंदू पत्रकार की भी बर्बरता से हत्या कर दी। घटना 13 अक्तूबर की है। 65 वर्षीय पत्रकार और तारकंडा प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष स्वपन कुमार भद्र की उनके घर के सामने दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। वे आतंकवाद और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अन्याय पर अपनी निडर रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते थे। स्वपन को शंभूगंज के माझीपारा के तानपारा इलाके में सुबह करीब 11:00 बजे निशाना बनाया गया।
वे अपने घर के बाहर बैठे थे जब उन पर हमला किया गया। वे चिल्लाए। स्थानीय निवासी और उनकी पत्नी उनकी मदद के लिए दौड़े तो कट्टरपंथी वहां से फरार हो गए। उन्हें गंभीर अवस्था में मैमनसिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। स्वपन के भतीजे, माणिक सरकार ने बताया कि उनकी हत्या अल्पसंख्यक समुदायों की वकालत करने के कारण की गई है। उनकी पुत्रवधु ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर सवाल उठाए हैं। वीडियो में उन्होंने कहा है, ‘‘क्या मेरे ससुर की जान की कीमत इतनी कम थी? क्या उन्हें अन्याय के खिलाफ खड़े होने के लिए मौत के घाट उतार दिया जाना चाहिए?’’
बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद से हिंदुओं को बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। बांग्लादेशी की यूनुस सरकार की निष्क्रियता के चलते इस तरह की घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही। तख्ता पलट के बाद हिंदुओं के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और संपत्तियों पर तोड़फोड़ की गई थी। मंदिरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। हिंदुओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर विरोध जताया था। बांग्लादेश पर अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद कुछ हद तक ऐसी घटनाओं पर रोक लगी थी लेकिन दुर्गा पूजा के शुरू होते ही फिर से हिंदुओं को निशाना बनाया जाने लगा।
दुर्गा पूजा पर हुईं प्रमुख उन्मादी घटनाएं
- 28 अगस्त को बांग्लादेश में 18 वर्षीय रब्बी हुसैन ने भारत द्वारा छोड़े गए पानी से वहां पर आई बाढ़ की अफवाह पर कालीग्राम सर्वजनिन दुर्गा मंदिर में तोड़-फोड़ की।
- 10 सितंबर को बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने दुर्गा पूजा समारोह से पहले हिंदू समुदाय के लिए एक आदेश जारी किया, जिसमें पूजा समितियों को नमाज से पांच मिनट पहले दुर्गा पूजा अनुष्ठान और लाउडस्पीकरों को बंद करने का निर्देश दिया।
- 22 सितंबर को खुलना में दंगाइयों ने दुर्गा पूजा पंडाल लगा रहे आयोजकों को धमकी दी कि यदि उन्होंने 5 लाख टके का भुगतान नहीं किया तो उन्हें पूजा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ेंगे।
- 25 सितंबर को बांग्लादेश के गौरीपुर में 22 वर्षीय यासीन मियां ने दुर्गा पंडाल में मूर्तियों को तोड़ दिया।
- 27 सितंबर को बांग्लादेश के उत्तरा के सेक्टर 11 और 13 में आयोजित दुर्गा पूजा के खिलाफ मस्जिद के मौलानाओं और छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। यहां पर लगे दुर्गा पंडाल को जबरन हटवा दिया गया।
- 1 अक्तूबर को दंगाइयों ने बांग्लादेश के राजशाही डिवीजन में ऋषिपारा बरवारी पूजा मंडप में 4 मूर्तियों और मणिकाडी पालपारा बरवारी पूजा मंडप में पांच हिंदू मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
- 2 अक्तूबर को बांग्लादेश के पबना के सुजानगर में स्थित पालपारा दुर्गा मंदिर में कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा के लिए बनाई जा रहीं तीन प्रतिमाओं को तोड़ दिया।
- 3 अक्तूूबर को ढाका के किशोरगंज में गोपीनाथ जीउर अखाड़ा दुर्गा पूजा में लगी 7 मूर्तियों को तोड़ दिया गया। मजहबी उन्मादी दीवार फांद कर अंदर आए थे। इसी दिन बांग्लादेश के कोमिला में कट्टरपंथियों ने दुर्गा प्रतिमा को तोड़ दिया और मंदिर के दान पात्र को लूट लिया। मुस्लिम संगठनों से जब बातचीत करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने दुर्गा पूजा की अनुमति देने से इंकार कर दिया। इसी दिन शेरपुर जिले में देर रात कट्टरपंथियों ने मंदिर का ताला तोड़ा और दुर्गा प्रतिमा को तोड़ दिया।
- 4 अक्तूबर को बांग्लादेश के बरिसाल स्थित श्यामपुर गांव में मजहबी उन्मादी घुस आए। उन्होंने वहां लगे दुर्गा पंडाल में कई मूर्तियों को तोड़ दिया।
- 8 अक्तूबर को बांग्लादेश के राजबाड़ी में दुर्गा मंदिर में घुसकर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने मूर्तियों को तोड़ दिया और वहां के पुजारी के साथ भी मारपीट की।
- 9 अक्तूबर को चटगांव में दुर्गा पूजा के दौरान इस्लामिक कट्टरपंथी दुर्गा पंडाल में घुस आए। वहां आकर वे मंच पर चढ़ गए और इस्लामिक नारे लगाने लगे। उन्होंने लोगों को धमकाया। स्थानीय पुलिस ने हमेशा की तरह मामले को दबाने की कोशिश की लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद छह लोगों को गिरफ्तार किया। यहां की पूजा समिति के अध्यक्ष आशीष भट्टाचार्य ने बताया, ”हम मेहमानों की अगवानी में व्यस्त थे। कुछ लोगों ने इस्लामी गीत गाना शुरू कर दिया। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
- 11 अक्तूबर को ढाका के टाटी बाजार इलाके में लगे दुर्गा पूजा पंडाल पर मजहबी उन्मादियों ने पेट्रोल बम से हमला किया। बम धमाके से वहां भगदड़ मच गई। इस दौरान कई लोग घायल हो गए।
मां काली का मुकुट हुआ चोरी
गत 10 अक्तूबर को बांग्लादेश के सतखीरा के श्यामनगर में जेशोरेश्वरी मंदिर से काली माता का मुकुट चोरी कर लिया गया। यह मुकुट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2021 में अपनी यात्रा के दौरान भेंट किया था। बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, यह चोरी दोपहर 2.00 बजे से 2.30 बजे के बीच हुई।
मंदिर के पुजारी दिलीप मुखर्जी दिन की पूजा के बाद घर चले गए थे। जेशोरेश्वरी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मामले की जांच गहनता से करने की बजाए बांग्लादेश की सरकार ने मां काली के स्वर्ण मुकुट की चोरी के लिए मंदिर के पुजारी और स्टाफ पर दोष मढ़ने की कोशिश की।
वहां के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि सतखीरा जिला में जेशोरेश्वरी काली मंदिर से स्वर्ण मुकुट चोरी मामले में सामने आया है कि मुख्य पुजारी ने उस दिन दोपहर ढाई बजे तक नियमित पूजा की थी। उस समय तक मुकुट वहीं पर था।
भारत का सख्त बयान
बांग्लादेश में लगातार हो रही ऐसी घटनाओं को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि ऐसी घटनाएं ऐसी निंदनीय हैं। बांग्लादेश में मंदिरों और देवताओं को अपवित्र और नुकसान पहुंचाने का काम योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। कहना न होगा, इस पर तुरन्त लगाम लगनी चाहिए।
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