बहराइच हिंसा से जुड़ा एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह लाइव वीडियो राम गोपाल मिश्रा को गोली मारने का है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जैसे ही वह छत से हरे रंग के झंडे को उठाते हैं, वैसे ही उनको गोली मार दी जाती है। इसके बाद वह नीचे गिर जाते हैं।
हत्या के बाद तभी पीछे से जिहादियों की आवाज आती है, ”वह मर गया जाओ जाओ।” फिर इन कट्टरपंथियों द्वारा 22 वर्षीय राम गोपाल के साथ बर्बरता की गई। बहराइच हिंसा का यह वीडियो 13 अक्टूबर की शाम 5 बजे का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लोग ज्यादा से ज्यादा शेयर कर रहे हैं।
अरुण कुमार सिंह एक्स पर लिखते हैं, ”गोपाल मिश्रा को गोली मारने का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें जिहादियों द्वारा गोली लगने के बाद जश्न मनाते हुए दिखाया गया है। यह घटना हिंसा और आतंकवाद के मुद्दे को फिर से उजागर करती है, जो समाज में बढ़ते तनाव और असुरक्षा की भावना को दर्शाती है। इसकी निंदा होनी चाहिए और सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए।”
विष्णु तिवारी नाम के यूजर ने महाराजगंज की एक घटना से जुड़ा एक और वीडियो बहराइच का बता कर साझा करते हुए लिखा है कि बहराइच के इस सच को भी वायरल करो हिंदुओं। गौर से देखो पहले जिहादियों ने भगवा ध्वज छीनकर फाड़कर फेंका, पीछे से दुर्गा शोभायात्रा पर पत्थर फेंका। इसी के बाद बहराइच में माहौल खराब हुआ। दिखाओ दुनिया को असली दंगाई कौन हैं?”
दरअसल, रविवार (13 अक्टूबर 2024) को बहराइच में दुर्गा पूजा के मौके पर मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 22 वर्षीय युवक राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके साथ ही इस हिंसा में पथराव और गोलीबारी में करीब छह लोग घायल हो गए थे। हत्या के बाद फैले तनाव के मामले में बुधवार (16 अक्टूबर 2024) तक कुल 11 केस दर्ज हुए हैं और अब तक 55 संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बहराइच पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा पर गोली चलाने के मुख्य आरोपी सरफराज को गुरुवार (17 अक्टूबर 2024) को एनकाउंटर में ढेर कर दिया, जबकि दूसरा आरोपी तालिब गोली लगने से घायल हो गया। ये दोनों नेपाल भागने की फिराक में थे।
बता दें कि राम गोपाल मिश्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि उनकी हत्या बड़ी क्रूरता से की गई थी। राम गोपाल मिश्रा के पोस्टमार्टम पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि गोली के 25 से 30 छर्रे लगने के कारण अधिक रक्त स्राव होने से राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि उसके चेहरे पर भी चोट के निशान थे।
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