हैदराबाद पुलिस ने मंगलवार (15 अक्टूबर, 2024) को मुथ्यालम्मा मंदिर में तोड़फोड़ मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में सफेद कुर्ता और इस्लामी टोपी पहने हुए दिखाई दे रहे एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मां अम्मावारी की मूर्ति को लात मारने वाले और उसे तोड़ने वाले की पहचान सलीम सलमान ठाकुर के रूप में हुई है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, सलीम ने मस्जिद जाते समय मंदिर को निशाना बनाया। पुलिस ने जब आरोपी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह सिकंदराबाद के सिने पुलिस होटल में ठहरा हुआ था। उसने यह भी कबूल किया कि मस्जिद की ओर जाते समय उसने ही मूर्ति तोड़ी थी। आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने जब 50 कमरों वाले सिकंदराबाद के सिने पुलिस होटल में छापा मारा, तो उन्हें पता चला कि होटल की तीसरी और चौथी मंजिल पर ज्यादातर कमरे चोरों ने किराए पर ले रखे थे।
पुलिस ने आगे बताया कि मंदिर पर हमला करने के दौरान सलीम के साथ और भी उपद्रवी थे, लेकिन बाकी सभी हमले के बाद भाग गए। रिसेप्शन से हमलावरों के रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और आधार कार्ड जब्त कर लिए गए हैं। उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मुंबई के ठाणे से आया था सलीम
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सलीम यहां का स्थानीय निवासी नहीं था। वह इंग्लिश लर्निंग वर्कशॉप के लिए मुंबई के ठाणे से सिकंदराबाद आया था। सलमान सलीम मंदिर से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित होटल में ठहरा हुआ था। यह घटना सोमवार (14 अक्टूबर 2024) को शहर के कुर्मागुडा क्षेत्र में पासपोर्ट कार्यालय के पास स्थित मुथ्यलम्मा मंदिर में हुई। सीसीटीवी फुटेज में सफेद कुर्ता और काली इस्लामी टोपी पहने एक शख्स को देवी की मूर्ति को बेरहमी से लात मारते और उसे क्षतिग्रस्त कर फर्श पर फेंकते हुए देखा जा सकता है। स्थानीय लोगों ने तुरंत उस चरमपंथी को पकड़ लिया और फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। देवी की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद से सिकंदराबाद में तनाव पैदा हो गया है। स्थानीय हिंदू निवासियों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। मंदिर के पास बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान भाजपा नेता भी उनके साथ शामिल हुए। माधवी लता समेत कई भाजपा नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी भी मंदिर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की। उन्होंने इसे ‘शर्मनाक’ कृत्य बताया और कुछ लोगों पर जानबूझकर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मंदिर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर किया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
मंदिर के 200 मीटर के दायरे में तीन मस्जिदें
कुर्मागुडा के निवासियों के अनुसार, जहां यह मंदिर स्थित है, उसके 200 मीटर के दायरे में तीन मस्जिदें हैं। इसके अतिरिक्त पास के मोंडा मार्केट क्षेत्र में छह और मस्जिदें हैं, जिससे आसपास के क्षेत्र में गैर स्थानीय लोगों के रहने को लेकर चिंता बढ़ रही है। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि कुर्मागुडा में केवल चार या पांच मुस्लिम परिवार हैं, जबकि बाकी आबादी हिंदू है। उनका दावा है कि पिछले 3-4 सालों में इन मुस्लिम परिवारों ने अपने घरों को मस्जिदों में बदल दिया है और दूसरे इलाकों के मुसलमानों को शुक्रवार की नमाज के लिए वहां इकट्ठा होने के लिए आमंत्रित करते हैं। अक्सर मस्जिदों और उनकी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए दान मांगते हैं।
धार्मिक भावनाओं का अपमान किया: भाजपा
तेलंगाना भाजपा ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए एक्स पर लिखा, “सलीम ने जो किया है, वह हिंदू देवी-देवताओं के प्रति उसकी घृणा को दर्शाता है। इस तरह के कृत्य न केवल धार्मिक भावनाओं का अपमान हैं, बल्कि समाज के रूप में हमें जोड़ने वाले सद्भाव पर भी हमला है। जबकि कांग्रेस पार्टी इसे महज चोरी बता रही है, वहीं अन्य राजनीतिक दल हिंदू समुदाय के खिलाफ इस घृणित अपराध को स्वीकार करने से इनकार करते हुए चुप हैं। उनकी निष्क्रियता बहुत कुछ बयां करती है।” उन्होंने आगे लिखा, ”कांग्रेस पवित्र मूर्ति को अपवित्र करने के लिए जिम्मेदार अपराधियों को बचाने पर ध्यान देती है, जबकि बीआरएस चुपचाप उनका समर्थन करती है। ये दल चुनावों के दौरान हिंदू वोट पाने के लिए तत्पर रहते हैं, लेकिन जब हिंदुओं के सम्मान और आस्था की रक्षा की बात आती है, तो उनके नेता उदासीनता दिखाते हैं। अब उनकी एकजुटता कहां है, जब इसकी वास्तव में आवश्यकता है?”
बता दें कि कांग्रेस शासित राज्य हैदराबाद में इससे पहले भी हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाने के मामले सामने आ चुके हैं। बीते दिनों नामपल्ली प्रदर्शनी मैदान में एक पूजा पंडाल में देवी दुर्गा की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया था।
टिप्पणियाँ