विवेक ओबेरॉय का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियों में वह विश्नोई समाज की प्रशंसा करते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो दुबई में फरवरी 2023 में एक कार्यक्रम के दौरान का है। विवेक ने विश्नोई समुदाय के जानवरों के प्रति करुणामय व्यवहार की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘यह दुनिया में एक ही समाज है, विश्नोई समाज, जहाँ पर अगर हिरण मर जाए तो उसके बच्चे को, विश्नोई … हमारे माताएँ अपनी छाती से लगाकर, अपने बच्चे की तरह दूध पिलाती हैं।’
वीडियो में विवेक कहते हैं, “विश्नोई समाज की इतनी सुंदर संस्कृति है, इसे दुनिया में बटना चाहिए, लोगों तक पहुंचना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि हमने जब अमृता देवी की कहानी पढ़ी, आंखों में आंसू आ गए। पेड़ो को बचाने के लिए विश्नोई समाज के बलिदान पर फिल्म बननी चाहिए।
बता दें कि संत जाम्भोजी महाराज (सन् 1451-1536) की 120 से अधिक सबद वाणियों, उनके ज्ञानोपदेश के मूल में समाज सुधार के साथ-साथ जीव रक्षा, प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश निहित है। इसी उद्देश्य के लिए उन्होंने सन् 1485 में विश्नोई सम्प्रदाय की स्थापना कर, उनके अनुयायियों के लिए दैनिक जीवन के व्यवहार और आचरण से जुड़ें 29 नियमों का प्रतिपादन किया।
संत जाम्भोजी ने क्रमश: 19वें और 20वें नियम में ‘जीव दया पालणी, रूँख लीला नहिं घावै ‘ द्वारा आज से तक़रीबन 571 वर्ष पूर्व जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया, जोकि समय के साथ और ज्यादा प्रासंगिक हुआ है। ग़ौरतलब है कि विश्नोई समाज पेड़ों को अपनी संतान के समान समझकर, उनका सम्वर्द्धन और संरक्षण भी करता है। यही वज़ह है कि केवल विश्नोई बाहुल्य क्षेत्रों में वन्य जीव स्वच्छंद विचरण करते हैं। विश्नोई महिलाओं द्वारा नवजात हिरण को प्रायः स्तनपान करवाते हुए भी देखा जाता है।
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