नई दिल्ली । भाजपा ने कांग्रेस शीर्ष नेताओं पर जमीन सौंदों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन नेताओं में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, अशोक गहलोत और भूपेश बघेल शामिल हैं। पार्टी का कहना है कि ये नेता गरीबों के लिए आवंटित भूमि को हड़पने में शामिल हैं और इनके इस्तीफे की मांग की है।
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मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे राहुल एम. खड़गे ने बेंगलुरु में पांच एकड़ भूमि के आवंटन के अपने अनुरोध को वापस ले लिया है, जिसके बाद भाजपा ने उन पर हमला बोला है। भाजपा का कहना है कि यह निर्णय कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं की भ्रष्टाचार में संलिप्तता का संकेत है। इससे पहले सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने भी मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण को 14 भूखंड वापस लौटाये थे। सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि खड़गे परिवार द्वारा भूमि लौटाने का हालिया निर्णय नैतिक जिम्मेदारी का संकेत नहीं है, बल्कि यह कानूनी दंड से बचने का प्रयास है। उनका कहना था कि जब सीएजी की रिपोर्ट सामने आई, तो कांग्रेस नेताओं ने अपनी गलती को मानते हुए यह निर्णय लिया। त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि यह कदम कानूनी कार्रवाई के दौरान होने वाली ‘जलालत’ से बचने के लिए उठाया गया है।
त्रिवेदी ने यह भी सवाल उठाया कि जो लोग भूमि लौटा रहे हैं, उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा क्यों नहीं देना चाहिए। उन्होंने कर्नाटक सरकार से इन आरोपों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उन्होंने बताया कि डी.के. शिवकुमार के खिलाफ 1986 से एक भूमि हड़पने का मामला चल रहा है, जबकि सिद्धारमैया MUDA घोटाले में आरोपी हैं। इसके अलावा, खड़गे परिवार का KIADB घोटाले से संबंध भी बताया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में सभी लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। कांग्रेस पार्टी में भ्रष्टाचार एक अंतर्निहित प्रवृत्ति बन गई है। भाजपा ने खड़गे और सिद्धारमैया दोनों से तुरंत इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के स्पष्ट उदाहरण हैं।
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सुधांशु त्रिवेदी ने सोनिया और राहुल गांधी की भी आलोचना करते हुए कहा कि वे यह स्पष्ट क्यों नहीं करते कि भूमि लौटाने वाले नेताओं को अपने पदों से इस्तीफा क्यों नहीं देना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं की चुप्पी पर कहा कि वे भ्रष्टाचार का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक समय महात्मा गांधी और विनोबा भावे के ‘भूदान’ आंदोलन से जुड़ी पार्टी अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ‘प्रेरणा’ से ‘भू हड़प आंदोलन’ चला रही है।त्रिवेदी ने यह बताया कि सोनिया और राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी हैं। उन पर आरोप है कि गांधी परिवार ने कांग्रेस पार्टी के धन का गलत इस्तेमाल कर नेशनल हेराल्ड को प्रकाशित करने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर कब्जा किया और 20 अरब रुपये से अधिक की संपत्ति हासिल करने का प्रयास किया।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी सुधांशु त्रिवेदी की बातों को दोहराते हुए कहा कि भूमि लौटाना खड़गे परिवार को भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त नहीं करता। उन्होंने इसे केवल अपराध स्वीकार करने के रूप में देखा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती बी एम के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन घोटाले में मामला दर्ज किया गया था। लोकायुक्त पुलिस ने 25 सितंबर को विशेष न्यायालय के आदेश के बाद 27 सितंबर को यह मामला दर्ज किया। इसमें सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, उनके करीबी रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी, और अन्य के खिलाफ आरोप लगाए गए। इस मामले में आरोप है कि पार्वती को 14 भूखंडों का आवंटन किया गया था, जिसमें कथित अनियमितताएं पाई गईं। प्रवर्तन निदेशालय ने भी 30 सितंबर को इस मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ एक प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की। सिद्धारमैया की पत्नी द्वारा भूखंड लौटाने की पेशकश के बाद, एमयूडीए ने एक अक्टूबर को उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस लेने का निर्णय लिया।
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