15 दिनों की सीधी लड़ाई के बाद, हिजबुल्लाह ने इजरायल के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। उसने इजरायल से युद्धविराम की अपील की है और गाजा की शर्तों को छोड़ने के लिए भी सहमति व्यक्त की है। हिजबुल्लाह के उपनेता नईम कासिम ने इस संबंध में एक टेलीविज़न भाषण में कहा, “हम युद्धविराम के लिए किए जा रहे राजनीतिक प्रयासों का समर्थन करते हैं। हमारे लिए लेबनान वासियों की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है।”
इजरायली सेना ने कुछ ही दिनों में हिजबुल्लाह के कई शीर्ष नेताओं को समाप्त कर दिया है। हिजबुल्लाह का प्रमुख हसन नसरल्लाह और उसके उत्तराधिकारी सफीइद्दीन को भी मार दिया गया है। इसके अलावा, इजरायली सेना ने सैकड़ों कमांडरों और आतंकियों को भी खात्मा कर दिया है। इजरायल ने साउथ लेबनान में अपने ठिकाने स्थापित कर लिए हैं, जहां जमीनी लड़ाई के दौरान कई क्षेत्रों पर कब्जा भी कर लिया गया है।
इजरायली सेना ने 23 सितंबर को हिजबुल्लाह के खिलाफ हवाई हमलों की शुरुआत की और इसके बाद जमीनी हमलों को अंजाम दिया। बुलडोजर और टैंकरों के साथ इजरायली रक्षा बल (IDF) ने लेबनान में घुसपैठ की और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए। इस युद्ध रणनीति के तहत, हिजबुल्लाह के हथियारों के जखीरे भी नष्ट कर दिए गए हैं।
बता दें कि इस युद्ध ने वैश्विक तनाव को बढ़ा दिया था, लेकिन अब सभी पक्ष युद्धविराम की दिशा में कदम बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। कासिम ने कहा, “एक बार जब युद्धविराम मजबूती से स्थापित हो जाए, तो कूटनीति के जरिए अन्य बातों पर भी सहमति बनाई जाएगी।”
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