कोलकाता, (हि.स.)। जयनगर में नौ साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में हाई कोर्ट ने पुलिस को पॉक्सो एक्ट को जोड़ने का निर्देश दिया है। वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की टीम पीड़िता के घर पहुँच चुकी है व संबंधित तथ्य एकत्रित किए जा रहे हैं। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया के जरिये बताया कि अभी तक मौखिक रूप से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक आरोपी मोहम्मद सराज S/O मोहम्मद अकबर (परिवर्तित नाम) जिसकी आयु अभी नहीं बतायी गई है, उसे पकड़ा गया है। बच्ची के परिजन पश्चिम बंगाल सरकार के अस्पताल में पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहते हैं। इस संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के बाद से बंगाल में आक्रोश है। महिलाओं और बच्चियों से दरिंदगी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। जय नगर में भी बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने बच्ची के शव का पोस्टमॉर्टम कल्याणी एम्स में कराने का निर्देश दिया है। रविवार को हुई आपातकालीन सुनवाई में पुलिस प्रशासन को भी कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने पुलिस से पूछा कि जब बच्ची की उम्र 10 साल से कम थी, तो पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला क्यों नहीं दर्ज किया। सूरतहाल रिपोर्ट आने के बाद भी पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की ? इसके बाद अदालत ने पुलिस को मामले में तुरंत पॉक्सो एक्ट जोड़ने का आदेश दिया।
मृत बच्ची के पिता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में किसी केंद्रीय अस्पताल में अपनी बेटी के शव का पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की थी। इसी मांग को स्वीकार करते हुए पुलिस ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान, कमांड अस्पताल की ओर से कहा गया कि वहां आम नागरिकों का पोस्टमॉर्टम कराना संभव नहीं है। इसके विपरीत मृतक परिवार ने दलील दी कि पहले भी कमांड अस्पताल में बाहरी लोगों के पोस्टमॉर्टम किए जा चुके हैं।
आखिरकार अदालत ने सोमवार को कल्याणी एम्स में पोस्टमॉर्टम कराने का आदेश दिया। यदि वहां सही ढांचा नहीं होता, तो कल्याणी जेएनएम अस्पताल में भी पोस्टमॉर्टम किया जा सकता है। न्यायाधीश ने कहा, “कल्याणी एम्स के चिकित्सक ही पोस्टमॉर्टम करेंगे। पोस्टमॉर्टम के समय जेएनएम अस्पताल का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं रहेगा। सोमवार को सुबह 11:45 बजे बच्ची का शव कल्याणी एम्स पहुंचेगा, जहां बारुईपुर कोर्ट के मजिस्ट्रेट की मौजूदगी अनिवार्य होगी। यदि माता-पिता चाहें, तो वे पोस्टमॉर्टम का वीडियो देख सकते हैं, लेकिन वे पोस्टमॉर्टम कक्ष के बाहर ही रहेंगे।”
उल्लेखनीय है कि शनिवार को नौ वर्षीय बच्ची के बलात्कार और हत्या को लेकर जयनगर, दक्षिण 24 परगना में दिनभर तनावपूर्ण माहौल रहा। शुक्रवार की रात बच्ची का शव उसके घर से एक किलोमीटर दूर एक जलाशय से बरामद हुआ था। इसके बाद से शनिवार सुबह से ही इलाके में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। पीड़ित परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि बच्ची के लापता होने के बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन पुलिस ने तत्काल कार्रवाई नहीं की। यदि पुलिस समय पर सक्रिय होती, तो बच्ची की यह दुर्गति नहीं होती।
हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है और एक युवक को गिरफ्तार भी किया है। बच्ची के शव को कोलकाता के मोमिनपुर स्थित कटापुकुर शवगृह में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था, जहां माकपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा की अग्निमित्रा पॉल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी शवगृह के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। शव को ले जाते समय सबूत मिटाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए दीप्सिता धर और अन्य लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसके चलते शनिवार को पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया। पुलिस ने भाजपा और माकपा के नेताओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है।
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