कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती बीएम से जुड़े भूखंड विवाद की जांच तेज हो गई है। कर्नाटक लोकायुक्त की एक विशेष जांच टीम ने मैसूर में उस विवादित भूखंड का निरीक्षण किया, जिसे मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती बी.एम. को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से आवंटित किया गया था। पार्वती बी.एम. ने हाल ही में 14 भूखंडों को वापस लौटाने का निर्णय लिया था, जिसके बाद यह जांच शुरू हुई है।
इस भूखंड आवंटन विवाद ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है। राज्य में विपक्षी दलों ने इस आवंटन पर सवाल उठाए थे, जिससे यह मामला चर्चा में आ गया। इस भूखंड आवंटन की शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा भी जांच के समय मौके पर मौजूद थीं। समाचार एजेंसी ANI द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में दिखाया गया कि लोकायुक्त की टीम ने भू मापी से जुड़े उपकरणों के साथ जमीन का मुआयना किया और नापी की प्रक्रिया शुरू की।
#WATCH | Mysuru, Karnataka: Karnataka Lokayukta investigation team begins its investigation in the MUDA case and conducts spot inspection in Mysuru
Activist Snehamayi Krishna, the complainant in the case is also present with the team. pic.twitter.com/bFjjqeLoks
— ANI (@ANI) October 1, 2024
सूत्रों के अनुसार, यह जांच इस बात पर केंद्रित है कि MUDA द्वारा पार्वती बी.एम. को किस प्रक्रिया के तहत 14 भूखंड आवंटित किए गए थे और क्या यह आवंटन नियमानुसार था। टीम ने पूरे मामले की गहन जांच करते हुए जमीन के माप-तोल की प्रक्रिया को पूरा किया है और जल्द ही जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
यह मामला कर्नाटक के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख मुद्दा बन गया है, और इससे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी सरकार की साख पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि लोकायुक्त की जांच के बाद इस मामले में क्या निष्कर्ष निकलते हैं।
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