प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस अध्‍यक्ष को फोन करना
July 23, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस अध्‍यक्ष को फोन करना

निश्‍चित ही राजनीति में आरोप-प्रत्‍यारोप लगते हैं, सत्‍ता पक्ष है तो विपक्ष भी है, दोनों का निर्माण और कार्य, लोक के कल्‍याण के लिए है।

by डॉ. मयंक चतुर्वेदी
Sep 30, 2024, 11:43 am IST
in विश्लेषण
PM Narendra Modi make a call to Mallikarjun Kharge
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

मंच सजा हुआ था, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने खड़े होते हैं, कठुआ जिले के जसरोटा निर्वाचन क्षेत्र में वे बोले, “हम जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ेंगे। मैं 83 साल का हूं और इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूं। मैं तब तक जिंदा रहूंगा, जब तक प्रधानमंत्री मोदी सत्ता से बाहर नहीं हो जाते।” खड़गे अभी बोल ही रहे हैं कि अचानक एक घटना घटी, उनका सिर तेजी से चकराने लगा, सामने सब कुछ उलट-पुलट सा दिख रहा था… ऐसा लगा वे यहीं गिर जाएंगे और इस तरह से उनकी तबीयत खराब होना शुरू हो गई। फिर भी खरगे ने जैसे-तैसे खुद को संभाला।

श्री खड़गे की इस बिगड़ती तबीयत को मंच पर बैठे नेताओं ने भी महसूस किया, वे तुरंत ही माइक के पास दौड़े। खड़गे ने भी चक्कर आने के कारण अपना भाषण बीच में ही रोक दिया था, अब तक मंच के नीचे एक दम सन्‍नाटा छा चुका था। कांग्रेस नेताओं उन्हें सोफे पर बिठाया, इस बीच कुछ लोग उन्हें हवा करने लगे। उनके जूते भी खोल दिए गए। बाद में उनकी हालत में सुधार होने लगा। मेडिकल ट्रीटमेंट मिलने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे दोबारा मंच पर खड़े हुए और पीएम मोदी पर निधाना साधने लगे, पहले की तरह फिर दोबारा उन्‍होंने दोहराया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने से पहले मरने वाले नहीं हैं। मैं तब तक जिंदा रहूंगा, जब तक प्रधानमंत्री मोदी सत्ता से बाहर नहीं हो जाते….’ मैं बात करना चाहता था। लेकिन, चक्कर आने के कारण मैं बैठ गया, कृपया मुझे माफ करें।

इसे भी पढ़ें: तिरुपति लड्डू विवाद के बीच तिरुपति मंदिर पहुंचे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, स्वामी वेंकटेश्वर की पूजा की

निश्‍चित ही राजनीति में आरोप-प्रत्‍यारोप लगते हैं, सत्‍ता पक्ष है तो विपक्ष भी है, दोनों का निर्माण और कार्य, लोक के कल्‍याण के लिए है। दोनों का अपना किसी भी मामले को देखने का नजरिया भिन्‍न हो सकता है, लेकिन एक समानता तो दोनों से अपेक्षित रहती है, वह है मानवता की। संवेदना के स्‍तर पर पक्ष हो या विपक्ष अपेक्षा दोनों से ही लोक जीवन में समान रूप से की जाती है। हालांकि, ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि समाज जीवन में इसका अक्षरश: कोई पालन भी करे। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर इसमें सबसे आगे दिखे हैं। राजनीतिक मतभेद एवं विचारों की दूरियों को एक तरफ रख असहमतियों के बीच अपनी तमाम व्‍यस्‍तताओं के बीच भी अपने विरोधी का कष्‍ट के समय हाल-चाल जानने का अवसर उन्‍होंने निकाल ही लिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जैसे ही खड़गे के भाषण के वक्‍त चक्‍कर आने एवं तबीयत बिगड़ने की जानकारी लगी, उन्‍होंने तुरंत ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का हाल जानने के लिए उनसे बातचीत की। सिस्‍टम को यथासंभव एक्‍ट‍िव किया और उनके स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखने के लिए कहा। वास्‍तव में ये बड़ी बात है कि जब आपके खिलाफ ही जहर उगला जा रहा हो, तब भी आप अपने विरोधी विचार के सम्‍मान में कोई कमी न होने दें। दरअसल, आप प्रधानमंंत्री मोदी के इस कदम को राजनीतिक तनाव के बीच शिष्टाचार का एक उल्लेखनीय उदाहरण भी मान सकते हैं। आज यह शिष्‍टाचार भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती भी बंया कर रहा है। साथ ही उस प्राचीन भारत की ज्ञान परंपरा की भी याद दिला रहा है, जिसमें तमाम असहमतियों को समान रूप से एक साथ अपनी अभिव्‍यक्‍ति का अधिकार प्राप्‍त रहा… ।

क्‍या फर्क पड़ता है कोई मंडन मिश्र शब्दाद्वैत का समर्थन करे, मंडन ने अद्वैतप्रस्थान में अन्यथाख्यातिवाद का बहुत हद तक समर्थन किया, पर सुरेश्वर इसका खंडन करते हैं। मंडनके अनुसार जीव अविद्या का आश्रय है, सुरेश्वर ब्रह्म को ही अविद्या का आश्रय और विष मानते हैं। इसी मतभेद के आधार पर अद्वैत वेदांत के दो प्रस्थान चल पड़े। वहीं, शंकराचार्य के विचारोपदेश आत्मा और परमात्मा की एकरूपता पर आधारित हैं, जिसके अनुसार परमात्मा एक ही समय में सगुण और निर्गुण दोनों ही स्वरूपों में रहता है। फिर चार्वाक दर्शन को भी देख सकते हैं, जो कि एक प्राचीन भारतीय भौतिकवादी नास्तिक दर्शन है। यह मात्र प्रत्यक्ष प्रमाण को मानता है तथा पारलौकिक सत्ताओं के सिद्धांत को यह स्वीकार नहीं करता। इसलिए यह दर्शन वेदबाह्य कहा गया है। इसके समेत कुल वेदबाह्य दर्शन छ: हैं- माध्यमिक, योगाचार, सौत्रान्तिक, वैभाषिक और आर्हत(जैन)। वस्‍तुत: इन सभी में वेद से असम्मत सिद्धान्तों का प्रतिपादन है।

इसे भी पढ़ें: झाड़-फूंक कराने आई लड़की से गंदी हरकतें कर रहा था मौलाना, मां ने भरी पंचायत में बरसाईं चप्पलें 

बौद्ध धर्म दार्शनिक तर्क और ध्यान के अभ्यास दोनों को जोड़ता है, यह धर्म मुक्ति के लिए कई बौद्ध मार्ग प्रस्तुत करता है। भारत में जब सिख पंथ का प्रादुर्भाव हुआ तो वह भी गुरुओं की वाणी से प्रकट हुआ। ये सभी दर्शन, मत, विचार भारत में एक साथ, एक समय में प्रगति करते हुए आपको मिलते हैं, कई बार एक घर में चार सदस्‍य अपने-अपने मत के पक्‍के मिल जाते हैं, कहीं कोई विरोध नहीं, कहीं कोई मनमुटाव नहीं, न कोई मनभेद, सभी अपने स्‍तर से विकास, संभावनाओं और अंतत: मुक्‍ति का मार्ग खोज रहे हैं। यही तो है भारत की खूबसूरती। असहमतियों के बीच भी सहमति…फिर भारत का लोकतंत्र भी तो यही है…।

Topics: नरेंद्र मोदीMallikarjun KhargeकठुआKathuaNarendra ModiCongressकांग्रेसमल्लिकार्जुन खड़गे
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मां जगरानी देवी और चंद्रशेखर आजाद

चंद्रशेखर आजाद की मां की दुखभरी कहानीः मूर्ति तक न लगने दी कांग्रेस ने

Shashi Tharoor national interest Party loyalty

कांग्रेस से वफादारी पर शशि थरूर: राष्ट्रीय हित पहले, पार्टी बाद में

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

ED arrested Bhupesh baghel Son Chaitanya liquor scam

Chhattisgarh Liquor Scam: भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ईडी ने किया गिरफ्तार

राहुल गांधी खुद जमानत पर हैं और हमें जेल भेजने आये थे: हिमंत बिस्वा

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

आज का इतिहास

“तारीख बोल उठी”, जानिये 23 जुलाई का इतिहास: आज ही के दिन गूंजी थी “आकाशवाणी”

मौलाना छांगुर

भदोही: मुस्लिम पत्नी और ‘छांगुर गैंग’ ने इस्लाम कबूलने का बनाया दबाव, चाकू की नोंक पर पढ़वाया कलमा

बाल गंगाधर तिलक

लोकमान्य तिलक जयंती पर विशेष : स्वराज के संघर्ष ने बनाया ‘लोकमान्य’

मां जगरानी देवी और चंद्रशेखर आजाद

चंद्रशेखर आजाद की मां की दुखभरी कहानीः मूर्ति तक न लगने दी कांग्रेस ने

सुबह खाली पेट आंवला जूस पीने के फायदे

स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक द्वारा घोषित शोध छात्रवृत्तियाँ 2025

सावरकर स्मारक की पहल : क्रांतिकारी आंदोलन पर रिसर्च के लिए 3 शोधकर्ताओं को मिली प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति

अब्दुल रहमान उर्फ पप्पू की गिरफ्तारी- कन्वर्जन सिंडिकेट का मास्टरमाइंड

हिंदू से ईसाई बना, फिर मुस्लिम बनकर करने लगा इस्लामिक कन्वर्जन, ‘रहमान चाचा’ का खुला काला चिट्ठा

सीरिया में ड्रूज समुदाय के हजारों लोगों की हत्या की गई है।

सीरिया में हजारों ड्रूज़ लोगों की हत्याएं: मगर क्यों? विमर्श में इतना सन्नाटा क्यों?

शशि थरूर कांग्रेस के लिए जरूरी या मजबूरी..?

उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला: CM धामी ने SIT जांच के दिए निर्देश, सनातनी स्कूलों के नाम का दुरुपयोग कर हुआ मुस्लिम घपला

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies