भारत लंबे वक्त से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता के लिए प्रयासरत है, लेकिन हर बार कोई न कोई रोड़ा अटक जाता है। इसी क्रम में एक बार फिर से फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए भारत का समर्थन किया है। उन्होंने सुरक्षा परिषद में सुधार की वकालत की है। मैंक्रो का कहना है कि हमारे पास एक सुरक्षा परिषद है, जिसे और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए मैक्रों ने कहा कि सुरक्षा परिषद को और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि उनका देश सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होना चाहिए। फ्रांस का ये मानना है कि दो ऐसे देश भी सुरक्षा परिषद में होने चाहिए, जो कि अफ्रीका का भी प्रतिनिधित्व कर सकें।
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यहीं नहीं राष्ट्रपति मैक्रों ने सुरक्षा परिषद के कामकाज पर भी सवाल उठाया, उन्होंने कहा कि सामूहिक अपराधों के मामलों में वीटो के अधिकार को सीमित करने और शांति को बरकरार रखने के मामलों पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि अब यही वो वक्त है जब जमीन पर बेहतर तरीके से काम करने की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य देश हैं, जबकि 10 अस्थायी सदस्य देश हैं। यानी कि यूएनएससी में कुल 15 सदस्य देश हैं। ये जो 10 अस्थायी देश हैं, उन्हें दो साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा चुना जाता है। खास बात ये है कि 5 देशों के पास वीटो पॉवर होती है, जिसके तहत ये किसी भी मुद्दे पर अपना वीटो लगा सकते हैं। बता दें कि भारत आखिरी बार 2021-22 में सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया था।
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हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भविष्य के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुरक्षा परिषद को चेताया था। गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद को पुरानी व्यवस्था करार देते हुए कहा था कि इसके अधिकार क्षेत्र खत्म होते जा रहे हैं।
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