अकोला । महाराष्ट्र के अकोला जिले के अकोट शहर में गणपति विसर्जन शोभायात्रा के दौरान अरबी मदरसा नूरानी मस्जिद से कथित तौर पर पत्थरबाजी की घटना सामने आई है, जिसमें 10 लोग बुरी तरह घायल हो गए हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह हिंसा मदरसा से जुड़े कट्टरपंथी मुस्लिम तत्वों द्वारा की गई है। यह घटना नंदीपेठ इलाके के पास हुई, जिसमें 10 लोग बुरी तरह घायल हो गए। स्थानीय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रण में लिया और शोभायात्रा को कुछ समय के लिए रोकने के बाद फिर से शुरू करवाया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। इस घटना ने एक बार फिर से मदरसों और मस्जिदों से होने वाली पत्थरबाजी की घटनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कट्टरपंथी तत्वों द्वारा पत्थरबाजी
अकोला में हुई इस हिंसा में गणपति विसर्जन शोभायात्रा में शामिल निर्दोष नागरिकों पर हमला किया गया है। पत्थरबाजी की शुरुआत अरबी मदरसा नूरानी मस्जिद से की गई, जिसमें शोभायात्रा में शामिल लोगों को निशाना बनाया गया। स्थानीय पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए बल प्रयोग किया, लेकिन घटना से इलाके में तनाव फैल गया है। पत्थरबाजी की इस घटना में 10 लोग घायल हो गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
पुलिस की कार्रवाई
अकोला के एसीपी अनमोल मित्तल ने बताया कि यह घटना गणपति विसर्जन की शोभायात्रा के दौरान हुई, जब मदरसा नूरानी मस्जिद से पत्थरबाजी की गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और कुछ समय के लिए रोकी गई शोभायात्रा को पुनः शुरू करवाया। पुलिस ने इस घटना के बाद 68 लोगों को हिरासत में लिया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।
घायल लोगों को तुरंत उपचार के लिए ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया है ताकि स्थिति और अधिक बिगड़ने से रोकी जा सके।
मस्जिदों और मदरसों से पत्थरबाजी के कई मामले
यह घटना मस्जिद और मदरसे से जुड़ी पत्थरबाजी की घटनाओं की लम्बी कड़ी का हिस्सा है। अकोला के नूरानी मस्जिद से पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में मदरसों और मस्जिदों से पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। कश्मीर घाटी से लेकर पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश तक, कई बार मस्जिदों और मदरसों से निकले कट्टरपंथी तत्व हिंसा में शामिल पाए गए हैं।
2016 में कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद मस्जिदों से पत्थरबाजी की घटनाएं बड़े पैमाने पर हुई थीं, जिससे सुरक्षा बलों और नागरिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। पश्चिम बंगाल के हावड़ा, मुर्शिदाबाद और मालदा में भी मस्जिदों से पत्थरबाजी की कई घटनाएं दर्ज की गई हैं। अब अकोला की यह घटना फिर से मदरसों और मस्जिदों से जुड़े हिंसक गतिविधियों पर सवाल उठाती है।
हिन्दू समाज पर अत्याचार, आवाज उठाने पर “हेट मोंगर” का ठप्पा
यह घटना कट्टरपंथी मानसिकता की ओर इशारा करती है, कैसे कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम तत्व हिंसा का सहारा लेकर हिन्दू समाज पर हमला करते हैं। वहीं जब इस तरह की हिंसा करने वाले तत्वों के खिलाफ सकल हिन्दू समाज एक जुट होकर मोर्चा खोलता या जो इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें ‘हेट मोंगर’ यानी नफरत फैलाने वाला कह दिया जाता है। इन हमलों के बावजूद जब वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं, तो उन्हें ‘हेट मोंगर’ करार देकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जाती है।
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