भारत में कैसे और कहां से आया समोसा? जानिए इसका दिलचस्प इतिहास
May 21, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम जीवनशैली

भारत में कैसे और कहां से आया समोसा? जानिए इसका दिलचस्प इतिहास

समोसा, भारत के हर गली-नुक्कड़ पर बिकने वाला यह कुरकुरा और मसालेदार स्नैक, आज भारतीय व्यंजनों का अहम हिस्सा बन चुका है।

by Mahak Singh
Sep 18, 2024, 05:35 pm IST
in जीवनशैली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

समोसा, भारत के हर गली-नुक्कड़ पर बिकने वाला यह कुरकुरा और मसालेदार स्नैक, आज भारतीय व्यंजनों का अहम हिस्सा बन चुका है। किसी भी चाय के साथ इसका संगम हो या किसी खास अवसर पर आने वाले मेहमानों की खातिरदारी, समोसा हर जगह मौजूद है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्वादिष्ट व्यंजन वास्तव में भारतीय नहीं है? इसकी जड़ें तो भारत से हजारों मील दूर मध्य पूर्व में हैं। आइए जानते हैं इस तिकोने पकवान की दिलचस्प और लंबी यात्रा, जो इसे भारत की शान बना गई।

समोसे की उत्पत्ति का इतिहास हमें 10वीं शताब्दी के मध्य पूर्व में ले जाता है। इसका पहला रूप ‘संबुश्क’ (Sambusak) नाम से प्रसिद्ध था, जो एक तिकोने आकार का व्यंजन था और इसे कीमा या सूखे मेवों भरकर तला जाता था। यह व्यंजन फारसी दरबारों में बेहद लोकप्रिय था। मध्य पूर्व के व्यापारी और यात्री जब विभिन्न देशों में गए, तो वे अपने साथ यह व्यंजन भी ले गए। उस समय, इन स्थानों पर मसाले और व्यापार की वजह से अलग-अलग संस्कृतियों का मिलन हो रहा था, और इसी दौरान ‘संबुसक’ ने धीरे-धीरे भारतीय उपमहाद्वीप का भी सफर तय किया।

13वीं-14वीं शताब्दी: भारत में समोसे का आगमन
13वीं और 14वीं शताब्दी के बीच मध्य एशियाई व्यापारियों और मुस्लिम शासकों के साथ समोसा भारत में आया। तुर्क-अफगान शासक अपने खानसामों और व्यंजनों के साथ इस क्षेत्र में पहुंचे। फारसी साहित्य में इसका उल्लेख पहली बार 11वीं शताब्दी के एक इतिहासकार अबुल-फजल बेहकी ने किया था। उन्होंने लिखा था कि कैसे फारस और अरब देशों में यह कीमे और सूखे मेवों से भरा हुआ एक पसंदीदा पकवान था। धीरे-धीरे यह पकवान भारतीय शाही दरबारों में भी लोकप्रिय हो गया।

समोसे में बदलाव

भारत में प्रवेश के बाद समोसा भारतीय स्वादों में ढलने लगा। आलू, जो कि 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों द्वारा भारत लाया गया था, जल्दी ही इस व्यंजन का हिस्सा बन गया। भारत में आलू की लोकप्रियता ने समोसे की भरावन को पूरी तरह बदल दिया। जहां पहले इसमें मांस का प्रयोग किया जाता था, वहीं भारतीय मसालों के साथ आलू की स्टफिंग एक क्रांतिकारी बदलाव बन गई। आज का समोसा मसालों से भरी हुई आलू की भरावन का पर्याय बन चुका है।

समोसे का भारतीयकरण होते ही यह न केवल देशभर में लोकप्रिय हुआ, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में इसके अलग-अलग रूप भी उभरने लगे। उत्तर भारत का समोसा आलू और मटर के साथ मसालों में डुबोया जाता है, जबकि गुजरात में इसे मीठे अंदाज में ‘मुठिया’ के रूप में भी तैयार किया जाता है। बिहार और पश्चिम बंगाल में इसे ‘सिंघाड़ा’ नाम से भी जाना जाता है, जिसका नाम सिंघाड़ा फल से लिया गया है।

आज, भारत के हर राज्य में समोसा स्थानीय स्वादों के अनुसार ढल चुका है। इसके अलग-अलग किस्में जैसे पनीर समोसा, नूडल्स समोसा, चॉकलेट समोसा तक मिल जाते हैं। चाय के साथ ताजा तला हुआ समोसा और इमली या धनिया की चटनी एक ऐसी परंपरा है, जो पूरे देश को जोड़ती है।

भारत से होते हुए समोसे ने दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई। समोसा सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता और भोजन के प्रति प्रेम का प्रतीक है। मध्य पूर्व से आया यह व्यंजन भारत की मिट्टी में ऐसा घुल-मिल गया कि आज यह भारतीयता का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। चाहे वह ठेले पर बिकता हो या किसी फाइव-स्टार होटल में परोसा जाता हो, समोसा आज भी भारत के हर व्यक्ति के दिल में खास जगह रखता है।

Topics: Pehla Samosa Kaisa Thasamosa recipeHistory Of SamosaSamosa historyIndian samosaStreet FoodSamosa History In IndiaStreet Food IndiaHari Chutney SamosaSamosa Recipe In HindiTypes Of SamosaBharat Mein Samosa Kab Aaya
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

समोसा बनाने की आसान विधि

Samosa Recipe: घर पर ऐसे बनाएं हलवाई जैसा खस्ता समोसा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Jyoti Malhotra Pakistan Spy

नहीं मिले Jyoti Malhotra के आतंकी संगठन से जुड़े होने के सबूत, जांच जारी

भाखड़ा डैम पर केन्द्रीय बल की तैनाती : पंजाब-हरियाणा जल विवाद को लेकर गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला

24 घंटे के अन्दर भारत छोड़ दें… : पाकिस्तान उच्चायोग का एक और अधिकारी ‘पर्सोना नॉन ग्रेटा’ घोषित

76 जवानों का हत्यारा बसव राजू एनकाउंटर में ढेर, 1.5 करोड़ का था इनाम

मनी लॉन्ड्रिंग पर बड़ी कार्रवाई : कोलकाता, मुंबई सहित कई शहरों में ED की रेड, विदेशी मुद्रा बरामद

पंजाब : अमृतसर बॉर्डर पर पाकिस्तानी घुसपैठिया गिरफ्तार

हल्द्वानी : बनभूलपुरा में चला सत्यापन अभियान, फर्जी आईडी वालों पर कसा शिकंजा

Delhi Metro Update

क्या आप जानते हैं मेट्रो के किस कोच में खाली मिलेगी सीट?

प्रतीकात्मक तस्वीर

‘हिन्दू आराध्यों की तस्वीर लगाई तो’… : महादेव की नगरी में जबरन कन्वर्जन, कहा- हम सब इसाई, तुझे भी बनना होगा

नेहा सिंह राठौर

नेहा सिंह राठौर की मुश्किलें बढ़ी, अब वाराणसी में दर्ज हुआ केस, जानिए क्या है पूरा मामला..?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies