खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बुधवार, 18 सितंबर का दिन विशेष होने जा रहा है। इस दिन चंद्रमा से जुड़ी दो प्रमुख खगोलीय घटनाएं घटित होने वाली हैं। सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर चंद्रमा पश्चिम में अस्त होते समय कुछ मिनटों के लिए उपछाया ग्रहण के साये में रहेगा। वहीं, शाम को चंद्रमा पूर्व में उदित होकर सुपरमून के रूप में अधिक बड़ा और चमकीला नजर आएगा।
उपछाया ग्रहण की घटना
बुधवार सुबह, चंद्रमा पश्चिम में अस्त होते समय पृथ्वी के उपछाया क्षेत्र में रहेगा, जिससे उसकी चमक में थोड़ी कमी आ जाएगी। इस उपछाया ग्रहण को सामान्य आंखों से नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन टेलिस्कोप की मदद से इसे देखा जा सकता है। इस दौरान चंद्रमा की चमक में मामूली कमी आएगी, लेकिन यह घटना खगोल विज्ञान के शौकीनों के लिए विशेष महत्व रखती है।
सुपरमून की चमक
शाम को चंद्रमा पूर्व में उदित होगा, जब यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा। इस समय चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी केवल 3,57,286 किलोमीटर रह जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, चंद्रमा अधिक बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। इस प्रकार का सुपरमून खगोल विज्ञान में “कार्नमून” और “हार्वेस्ट मून” के नाम से जाना जाता है। यह घटना पूरे देश में देखी जा सकेगी और इसका अनुभव करना एक अद्भुत अवसर होगा।
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