नई दिल्ली: कद का काबिलियत से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होता। भले ही यह रंग-रूप में चार चांद लगाता हो, लेकिन कभी भी किसी के कद को उसकी काबिलियत से नहीं मापा जा सकता है। कभी अपने छोटे कद के लिए ट्रोल की जाने वाली युवा भारतीय शटलर नित्या श्री सिवन ने पेरिस पैरालंपिक में महिला एकल SH6 स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है। शीर्ष वरीयता प्राप्त नित्या इंडोनेशिया की रीना मार्लिना को केवल 23 मिनट में 21-14 और 21-6 से हराकर पदक अपने नाम करने में कायमाब रहीं।
एशियन गेम्स में भी जीता कांस्य
19 वर्षीय खिलाड़ी नित्या इससे पहले भी अपने दमदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन कर चुकी हैं। 11 महीने पहले एशियन पैरा गेम्स (अक्टूबर, 2023) में भी उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया था। नित्या ने एकल के अलावा युगल मुकाबले में भी अपनी छाप छोड़ी थी और उन्होंने इस स्पर्धा का कांस्य पदक भी अपने नाम किया था।
कौन हैं नित्या श्री सिवन
नित्या श्री सिवन तमिलनाडु के होसुर की रहने वाली हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 2005 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। नित्या की सफलता की यात्रा प्रेरणादायक है। वह एक ऐसे परिवार में पली-बढ़ी जहां खेलों को बहुत अधिक महत्व दिया जाता था। बैडमिंटन खेलने वाली नित्या का शुरुआती सपना एक क्रिकेटर बनने का था। क्रिकेट में उनकी रुचि घर में खेल का माहौल होने के कारण बनी। उनके भाई ने जिला स्तर पर क्रिकेट खेला था। इससे क्रिकेट के प्रति उनका लगाव और बढ़ गया। हालांकि, समय बीतने के साथ नित्या को एहसास हुआ कि वह क्रिकेट नहीं, बैडमिंटन के लिए बनी हैं। दिन प्रतिदिन बैडमिंटन के प्रति उनका जुनून और बढ़ता गया। इसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि वह बैडमिंटन में ही बेहतर करके दिखाएंगी।
परिवार के प्यार और समर्थन से मिला हौसला
नित्या को अपने परिवार के प्यार और समर्थन से बहुत हौसला मिला। उन्होंने घर में खेल के माहौल से प्रोत्साहित होकर धीरे-धीरे बैडमिंटन पर ध्यान केंद्रित किया। इस बदलाव ने SH6 श्रेणी में एक प्रतिष्ठित एथलीट बनने की दिशा में उनके सफर की शुरुआत की। इस दौरान उन्हें उनके छोटे कद के लिए ट्रोलर्स की आलोचनाओं का शिकार भी होना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। नित्या ने इस जीत से यह साबित किया है कि यदि मन में सच्ची लगन और अडिग संकल्प हो, तो किसी भी कठिनाई को पार कर सफलता हासिल की जा सकती है। उनका यह पदक उन सभी लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना कर रहे हैं।
भारत ने जीते 15 पदक
पेरिस पैरालंपिक 2024 का आगाज 28 अगस्त को हुआ था। तब से अब तक भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है। पदक तालिका में भारत 15वें स्थान पर पहुंच गया है। भारत ने अभी तक कुल 15 मेडल जीते हैं, जिसमें तीन स्वर्ण, पांच रजत और 7 कांस्य पदक शामिल हैं। पेरिस पैरालंपिक में अवनी लेखरा ने शूटिंग में, नितेश कुमार ने बैडमिंटन में और सुमित अंतिल ने जैवलिन थ्रो में स्वर्ण जीता है। भारतीय खिलाड़ियों का यह शानदार प्रदर्शन न केवल खेल प्रेमियों के लिए, बल्कि सभी देशवासियों के गर्व का पल है।
ये भी पढ़े- 5वें दिन भारत का शानदार प्रदर्शन,12 घण्टे में जीते 8 पदक
ये भी पढ़े- नितेश कुमार ने रेल हादसे में गंवाया पैर, Paralympics 2024 में स्वर्ण जीतकर रचा इतिहास
ये भी पढ़े- मुरुगेसन लायेंगी भारत के लिए स्वर्ण पदक
टिप्पणियाँ