नई दिल्ली । भारतीय मीडिया जगत के एक प्रतिष्ठित नाम, उमेश उपाध्याय, का आज निधन हो गया। उमेश उपाध्याय के घर पर कुछ निर्माण कार्य चल रहा था, इसी दौरान कुछ काम करते समय वह दुर्घटनावश गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
चार दशकों का अनुभव
उमेश उपाध्याय ने भारतीय मीडिया में चार दशकों से अधिक समय तक विभिन्न माध्यमों में कार्य किया। उनका करियर प्रिंट, रेडियो, टीवी और डिजिटल मीडिया में शानदार रहा। उन्होंने ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’, ‘ऑल इंडिया रेडियो’, ‘डीडी न्यूज’, ‘नेटवर्क18’ और ‘जी न्यूज’ सहित कई प्रमुख समाचार संगठनों के साथ काम किया।
एक ग्राउंड रिपोर्टर से अनुभवी संपादक तक का सफर
उमेश उपाध्याय ने अपने करियर की शुरुआत एक ग्राउंड रिपोर्टर के रूप में की थी और बाद में एक अनुभवी संपादक के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण न्यूज और टॉक शो का निर्माण और संचालन किया गया। वह न केवल एक प्रतिभाशाली पत्रकार थे, बल्कि एक कुशल एंकर भी थे, जिनकी प्रस्तुति शैली ने उन्हें दर्शकों के बीच लोकप्रिय बनाया।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और लेखनी
उमेश उपाध्याय जेएनयू, डीयू और FTII जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र रह चुके थे। उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा और पत्रकारिता के प्रति गहरा जुड़ाव बनाए रखा। उनके लेखों में अंतरराष्ट्रीय संबंधों और मीडिया के प्रति उनका जुनून स्पष्ट रूप से झलकता था। कुछ समय पहले ही उन्होंने एक महत्वपूर्ण किताब ‘वेस्टर्न मीडिया नरेटिव्स ऑन इंडिया फ्रॉम गांधी टू मोदी’ लिखी थी, जो भारतीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर उनकी गहरी समझ का प्रमाण है।
मीडिया जगत की अपूरणीय क्षति
उमेश उपाध्याय का निधन भारतीय पत्रकारिता के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ कई पत्रकारों और मीडिया कर्मियों ने उठाया। उनके निधन से न केवल उनके परिवार बल्कि समूचे मीडिया जगत में शोक व्याप्त है।
उमेश उपाध्याय ने भारतीय मीडिया में अपने योगदान से अमिट छाप छोड़ी है। उनकी सरलता, सजगता और पत्रकारिता के प्रति समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन से भारतीय मीडिया जगत में जो रिक्तता उत्पन्न हुई है, उसे भर पाना कठिन होगा।
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