महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में पिछले दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए माफी मांगी है। पालघर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाढवण बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी व विकास कार्यों का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आराध्य देवता हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज इस कार्यक्रम के बारे में बात करने से पहले मैं अपने दिल की भावनाएं व्यक्त करना चाहता हूं। जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, तो सबसे पहले मैंने रायगढ़ किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर प्रार्थना की और उनका आशीर्वाद लिया। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो कुछ भी हुआ, मेरे और मेरे सभी साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देवता हैं। मैं आज अपने आराध्य देव के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें, उनका अपमान करते रहें, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते रहें, और उसके बावजूद माफ़ी मांगने को तैयार न हों। ऐसे महान सपूतों का अपमान करने के बाद जिन्हें पश्चाताप न हो, उनके संस्कार महाराष्ट्र की जनता जान ले।
छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा ढहने के मामले में कंपनी का सलाहकार गिरफ्तार
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। जिन दो लोगों पर मामला दर्ज किया गया, उनमें से एक चेतन पाटिल को सिंधुदुर्ग की पुलिस ने कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया है। मालवण में सिंधुदुर्ग किले के पास राजकोट में यह प्रतिमा थी। इसे बनाने का ठेका मेसर्स आर्टिस्ट्री कंपनी को दिया गया था। जयदीप आप्टे इस कंपनी के मालिक हैं और चेतन पाटिल सलाहकार हैं। प्रतिमा गिरने के बाद इन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
(इनपुट एजेंसी)
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