नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दो गवाहों के बयान मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में दर्ज किए गए। जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह को 01 नवंबर 1984 की हत्या हुई थी। विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जिन्दा जला दिया गया था। इन दोनों मामलों में 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इसके लिए मई, 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ भी किया जा चुका है।कोर्ट ने 23 अगस्त 2023 को सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिया था।
आज (27 अगस्त 2024) को स्पेशल जज कावेरी बावेजा की अदातल में मामले की सुनवाई हुई। दो गवाहों कंवलजीत कौर और डॉ सतबीर बेदी के बयान दर्ज किए गए। दोनों का क्रॉस-एग्जामिनेशन सज्जन कुमार की ओर से पेश वकील ने किया। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मनीष रावत ने कहा कि एक गवाह बलविंदर कौर धालीवाल को बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया जाए। बलविंदर कौर धालीवाल फिलहाल फिरोजपुर में सीनियर डिवीजन सिविल जज हैं। धालीवाल ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया था। फिरोजपुर के डिस्ट्रिक्ट जज ने ई-मेल कर ये कहा है कि धालीवाल की गवाही से एक महीने पहले सूचना दी जाए और उनका बयान पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रुल्स के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के करायी जाए। उसके बाद कोर्ट ने धालीवाल को 27 सितंबर को अपने बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दर्ज कराने का आदेश दिया।
इससे पहले 19 जुलाई को गवाह तेजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए थे। इसके पहले 11 जनवरी को गवाह हरजीत कौर के बयान दर्ज किए गए थे। 07 दिसंबर, 2023 को दो गवाहों तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए थे। 09 नवंबर, 2023 को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए। अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था। कोर्ट ने 12 अक्टूबर, 2023 को दो गवाहों के बयान दर्ज किए थे। 21 सितंबर, 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ गैरजरूरी दस्तावेज और गवाहों के बयान को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 153A, 295, 149, 307, 308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। हालांकि, कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं हैं, सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर हैं।
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