योद्धा और सैन्य कौशल के नजरिये से भी देखें भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व
May 22, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

योद्धा और सैन्य कौशल के नजरिये से भी देखें भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व

प्रेम, करुणा, मित्रता, सैनिक, राजकौशल, कूटनीति और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं श्रीकृष्ण

by लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास,पीवीएसएम, बार टू एसएम, वीएसएम ( सेवानिवृत)
Aug 26, 2024, 11:10 pm IST
in भारत
अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए श्रीकृष्ण

अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए श्रीकृष्ण

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

“दिने दिने नवं नवं, नमामि नंदसम्भवम”

प्रतिदिन नए रूप में, नंदकुमार को मेरा प्रणाम।

भगवान श्री कृष्ण प्रेम, करुणा, मित्रता, सैनिक, राजकौशल, कूटनीति और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं। हम हजारों वर्षों से नियति और विमर्श को आकार देने वाली दिव्य शक्ति का प्रकटोत्सव मना रहे हैं। कठिन परिस्थितियों में भगवान कृष्ण का जन्म उस युग की जटिल अवधि को रेखांकित करता है। वह समय अच्छाई बनाम बुराई का था। उनका पालन-पोषण बाबा नंद और मैया यशोदा ने किया। उन्होंने बचपन से ही चमत्कार किए। भगवान कृष्ण ने ऋषि संदीपनी से सर्वोत्तम शिक्षा प्राप्त की। वेद, गंधर्व वेद, खगोल विज्ञान, तीरंदाजी और सैनिक कौशल सीखा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें सिखाया गया था कि घोड़ों और हाथियों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए, जो उस युग में युद्ध लड़ने के लिए आवश्यक था।

ऋषि संदीपनि के तहत उनकी शिक्षा और प्रशिक्षण के दौरान भगवान कृष्ण ने अपने भाई बलराम के साथ 64 दिनों में 64 विज्ञान और कलाओं में महारत हासिल की। इसके जरिये वह एक आदर्श छात्र का उदाहरण सबके सामने रखते हैं। एक मेधावी छात्र के बाद, भगवान कृष्ण एक महान गुरु के रूप में सामने आते हैं। उनका जीवन और कार्य उस युग में कई व्यक्तित्वों के लिए प्रेरणा था। भगवान कृष्ण ने अर्जुन और उद्धव को योग, भक्ति, वेदांत और युद्ध के सर्वोच्च सत्य सिखाए। दुनिया की जटिलताओं पर उनकी महारत और सबसे सरल शब्दों में संवाद करने में उनके आस-पास भी कोई नहीं है। जैसा कि हमने देखा है, प्रसिद्ध गीता के जैसा ज्ञानवर्धक कोई ग्रंथ नहीं है।

भगवद्गीता 18 अध्यायों में 700 श्लोकों का ग्रंथ है। हिंदू धर्म की समग्रता का प्रतीक है भगवद गीता। गीता की शिक्षाएं उन लोगों को प्रेरित करती हैं जो किसी भी व्यक्तिगत लाभ की उम्मीद किए बिना राष्ट्र के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ करने में विश्वास करते हैं।

मेरी राय में, भगवद गीता भगवान कृष्ण के विद्वान-सैनिक व्यक्तित्व को उसकी संपूर्णता में सामने लाती है। पहली बार, हमें ‘जस्ट वॉर’ की अवधारणा का पता चला। यह धार्मिकता और समानता के लिए लड़ने का संदर्भ देता है। ‘जूस एड बेलम’ की लैटिन अवधारणा के अस्तित्व में आने से कई हजार साल पहले, भगवद गीता ने शांति लाने के लिए अंतिम उपाय के रूप में युद्ध में जाने का संदेश दिया था। वास्तव में, कूटनीति और चातुर्य के पाठ इतनी खूबसूरती से मिश्रित हैं कि यह शांति और युद्ध की नैतिक बाधाओं के महत्व का उदाहरण है।

सैन्य इतिहास का छात्र होने के कारण मैंने युद्ध और शांति पर महाभारत जैसा महान ग्रंथ नहीं देखा। युद्ध और सैनिकों का ऑर्केस्ट्रेशन इतनी खूबसूरती से बुना गया है कि यह बुनियादी रणनीति, युद्ध के नियम, हथियार, युद्ध की कला और विज्ञान, आश्चर्य, कूटनीति, योजना, नेतृत्व, आकस्मिक योजना, जीत की धारणा और ढेर सारे पहलुओं पर एक उत्कृष्ट कृति है। इतने सारे प्रसंगों को सम्मिलित करके लेकिन हर एक को तार्किक अंत में लाया जाता है। महाभारत के असली सूत्रधार भगवान कृष्ण ही हैं। भगवद्गीता के श्लोकों के माध्यम से, हम जीवन की प्रत्येक परत और मानव जीवन के संघर्षों के महत्व को समझते हैं। यह भगवान कृष्ण का सैनिक गुण और सैन्य कौशल था कि वह युद्ध लड़ने के प्रत्येक पहलू को सामने ला सकते थे, जिससे जीवन में व्यक्तिगत संघर्ष और सर्वोच्च आत्म के अस्तित्व की व्याख्या की जा सकती है।

भगवान कृष्ण का जीवन खुशी और संतोष की भावना को परिभाषित करता है। कोई आश्चर्य नहीं कि भगवान कृष्ण भारत के बाहर सबसे अधिक पूजनीय हैं। विदेशों में भगवान कृष्ण पर मंदिरों और संप्रदायों की संख्या ही नहीं बढ़ रही है, अनुयायियों की संख्या भी बढ़ रही है। उनकी छवि अरबों भक्तों को रोमांचित करती है। गीता पर कई अध्ययन और शोध अभी भी हो रहे हैं।

दुनिया में एक महाभारत चल रहा है और भारत के पड़ोस में भी। दुनिया उथल-पुथल की स्थिति और आंतरिक परेशानियों से जूझ रही है। कुछ समूहों ने अधिक धन और शक्ति अर्जित की है। इतना कि उन्हें लगता है कि वे राष्ट्रों की नियति को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसा लगता है कि सत्ता में बने रहने के लिए ये नेता देश को युद्ध के लिए मजबूर कर सकते हैं। भगवान कृष्ण और उनकी शिक्षाएं दुनिया को स्थिर कर सकती हैं और शांति और समृद्धि ला सकती हैं।

भारत जो भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है, अपनी अनूठी सार्वभौमिक अपील के साथ दुनिया को शांति, समृद्धि और खुशी का संदेश देता है। इसके लिए, भारत को पूरी तरह से मॉडल राज्य के रूप में उभरना होगा, जो शांति का दूत है। आइए इस जन्माष्टमी को दुनिया में स्थायी शांति, आनंद और विकास का उत्सव बनाएं। जय श्री कृष्ण ।

Topics: श्रीकृष्णभगवान श्रीकृष्णश्रीकृष्ण जन्माष्टमी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

करवाचौथ का व्रत केवल सुहागिनों के लिए ही क्यों, “तलाकशुदा और लिव इन के लिए भी हो”, SC ने खारिज की दलील

दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते आचार्य देवव्रत। साथ में हैं बाएं से हितेश शंकर, बृजबिहारी गुप्ता और मुकेश भाई  मलकान

जड़ से जुड़ने पर जोर

Panchjanya Bhagwat Geeta Ab Shukla

क्यों चुने गए अर्जुन..? : पाञ्चजन्य के गुरुकुलम में एबी शुक्ल ने खोला गीता का रहस्य

भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी

‘पांडवों के साथ पाञ्चजन्य’-  सांसद सुधांशु त्रिवेदी

हेनरिक्स ने ईसाई मत त्यागकर सनातन धर्म अपना लिया है।

हेनरिक्स काशी में बने केशव, ईसाई मत त्याग अपनाया सनातन धर्म, भगवान श्रीकृष्ण के प्रति गहरी आस्था

श्रीकृष्ण सोलह कलाओं से युक्त संपूर्ण अवतार माने जाते हैं

रास पूर्णिमा : अलौकिक प्रेम की दिव्य महालीला

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

रामनगर : जंगल में चला धामी सरकार का बुलडोजर, 22 हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमण मुक्त

केरल यूनिवर्सिटी बिल पर बवाल : शिक्षकों की अभिव्यक्ति पर रोक..?

Operation sindoor

अधर्म के ऊपर धर्म की विजय का प्रतीक है ‘ऑपरेशन सिंदूर’

पहलगाम आतंकी हमले के 30 दिन और भारत की निर्णायक कार्रवाई, जानिए पूरा विश्लेषण…

शौर्य यात्रा : ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर ओडिशा में महिलाओं ने निकली भव्य यात्रा

उत्तराखंड : हेमकुंड साहिब के लिए पहला जत्था रवाना

‘गजवा ए हिन्द’ का प्लान और 600 नंबर : पाकिस्तानी जासूस मोहम्मद तुफैल वाराणसी से गिरफ्तार, शैतानी मंशा उजागर

पाकिस्तान : 100 साल पुराने शिव मंदिर पर कब्जा, हिन्दुओं ने वीडियो जारी कर लगाई गुहार

छेड़छाड़ और यौन शोषण : हिन्दू लड़कियों के अश्लील वीडियो बरामद, शूटिंग कोच मोहसिन गिरफ्तार

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

दुश्मनों ने देखा जब सिंदूर बारूद बन जाता है तो नतीजा क्या होता है, पाकिस्तान से सिर्फ पीओजेके पर ही बात होगी: पीएम मोदी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies