पूरी दुनिया में मौसम बदल रहा है और जाहिर है कि पाकिस्तान भी इससे अछूता नहीं है। पाकिस्तान में भी लगातार ऐसे क्षेत्रों मे बढ़ोत्तरी हो रही है, जहां पर मौसम की चरम स्थितियां दिखाई देती हैं, अर्थात बाढ़ या बहुत गर्मी। मगर इसके चलते पाकिस्तान की लड़कियों पर पहाड़ टूटा है। उनके सामने कई समस्याएं आ रही हैं और उन्हें बचपन में ही अपने सपनों को तोड़कर निकाह में बांध दिया जा रहा है।
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ऐसी लड़कियों को नाम दिया जा रहा है, “मानसून ब्राइड्स” का। अर्थात ऐसी दुल्हनें जो मानसून के कारण दुल्हन बन रही हैं और ये वे लड़कियां हैं, जिनके हाथों में कलम और किताबें होनी चाहिए थीं। एफपी ने कई ऐसी मानसून दुल्हनों से बात की। इसमें बताया गया है कि कैसे पैसों के कारण लोग अपनी बेटियों की बचपन में ही शादी कर रहे हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं। वे पैसों के बदले में अपनी बेटियों की शादी कर रहे हैं।
पाकिस्तान का सिंध क्षेत्र जलवायु परिवर्तन का सामना कर रहा है। यहाँ पर अब काफी लंबे समय तक बारिश होती है, जिसके कारण भू स्खलन, बाढ़ के खतरे के साथ ही फसल को नुकसान होता है। यही कारण है कि सिंध की कृषि बेल्ट की एक बड़ी आबादी परेशान है। वर्ष 2022 में आई बाढ़ के बाद अभी तक काफी गाँव उस नुकसान से उबर नहीं पाए है। गौरतलब है कि इस बाढ़ के चलते देश का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया था।
गैर सरकारी संगठन सूजग संसार के संस्थापक बिरहमनी का कहना है कि परिवारों को अपना पेट पालने के लिए कुछ तो चाहिए। तो जो सबसे पहला तरीका उनके सामने आता है कि पैसे के बदले में अपनी बेटियों को शादी में दे देना। उनका यह भी कहना है कि वर्ष 2022 के बाद आई बाढ़ के बाद बच्चियों की शादियों में अचानक से ही तेजी आई है। बाढ़ से सबसे अधिक पीड़ित दादू जिला, जो कई महीनों तक झील बना रहा था, में ऐसी दुल्हनों की संख्या बढ़ी है।
खान मुहम्मद मल्लाह गाँव में, पिछले मानसून से लेकर अभी तक कुल 45 कम उम्र की लड़कियों की शादी हो चुकी है। इसी गाँव की शामिला और अमीना की शादी जून में एक सामूहिक समारोह में हुई थी। शामिला के अनुसार, वह शादी के लिए खुश थी, क्योंकि उसे लग रहा था कि शादी के बाद उसकी ज़िंदगी सरल हो जाएगी। मगर बारिश के बाद अब उसे लग रहा है कि जो भी है वह भी बर्बाद हो जाएगा।
वर्ष 2022 में ऐसी ही एक दुल्हन नजमा अली की कहानी भी उससे अलग नहीं है। नजमा अली भी अपनी शादी को लेकर उत्साहित थी। उसे लगता था कि शादी के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा। नजमा की शादी उसके माता-पिता को ढाई लाख रुपए देकर हुई थी। नजमा के अनुसार, उसके शौहर ने शादी के लिए उसके अम्मी अब्बू को ढाई लाख रुपए दिए थे, मगर वह भी कर्ज लेकर दिए थे और अब उन्हें लौटाने के लिए पैसे नहीं हैं। अपने छ महीने के बच्चे को गोद में झुलाते हुए उसने एफपी को बताया कि “मुझे लगता था कि मुझे लिपस्टिक, कपड़े, मेकअप और बर्तन मिलेंगे। मगर मैं अब अपने शौहर और बच्चे के साथ अपने घर पर वापस आ गई हूँ, क्योंकि हमारे पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं!”
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नजमा का गाँव मेन नारा घाटी में एक नहर के किनारे बसा है और बंजर है। जो पानी नहर में है, वह इतना प्रदूषित है कि वहाँ पर कोई मछली बची नहीं है। नजमा की अम्मी का कहना है कि पहले यहाँ पर बड़े-बड़े खेत होते थे और जहां पर लड़कियां काम करती थीं। वे सब्जियां उगाया करती थीं, जो अब इस कारण नहीं होती हैं क्योंकि पानी जहरीला है और यह 2022 के बाद हुआ है। नज़मा की अम्मी का कहना है कि पहले लड़कियां हम पर बोझ नहीं होती थीं। जिस उम्र मे पहले लड़कियां शादी करती थीं, उस उम्र में अब उनके पाँच-पाँच बच्चे हो जाते हैं और वे अपने अम्मी-अब्बू के पास वापस आ जाती हैं, क्योंकि उनके शौहर के पास कोई काम नहीं है।
यूनिसेफ के अनुसार पाकिस्तान में बाल दुल्हनों की संख्या बहुत अधिक है। हालांकि कम उम्र के निकाह में कमी आई है, मगर सबूत यही कहते हैं कि मौसम के बदलने रुझानों ने ऐसी दुल्हनों की संख्या बढ़ाई है, जो बहुत ही कम उम्र में निकाह में चली गई हैं। यह कि लड़की के अम्मी-अब्बू पैसे के बदले अपनी बेटियों का निकाह कर देते हैं। ऐसी दुल्हनों की उम्र 10 वर्ष तक हो सकती है। ऐसी ही एक दस वर्षीय बच्ची का निकाह सूजग संसार के प्रयासों से रोक दिया गया था। बच्ची को सिलाई मशीन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया, जिसके कारण वह अपनी पढ़ाई करते हुए कुछ कमा भी रही है।
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