अमेरिका में चुनाव प्रचार या कीचड़ उछालने का खेला
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

अमेरिका में चुनाव प्रचार या कीचड़ उछालने का खेला

आजकल अमेरिका में राजनीतिक वातावरण गर्माया हुआ है। यहाँ के समाचारों में रूस-यूक्रेन व इज़राइल-फ़िलिस्तीन युद्ध के समाचार तीसरी-चौथी प्राथमिकता में चले गए हैं।

by प्रो• बृज किशोर कुठियाला
Aug 16, 2024, 02:32 pm IST
in विश्व
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आजकल अमेरिका में राजनीतिक वातावरण गर्माया हुआ है। यहाँ के समाचारों में रूस-यूक्रेन व इज़राइल-फ़िलिस्तीन युद्ध के समाचार तीसरी-चौथी प्राथमिकता में चले गए हैं। इस वर्ष 5 नवम्बर तक राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए चुनाव मण्डल का मतदान होना है और 8 जनवरी 2025 को नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे।

दो ही मुख्य पार्टियों में चुनावी कुश्ती होती है। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला देवी हैरिस हैं जो आजकल उप राष्ट्रपति के पद पर आसीन हैं। वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन पहले तो चुनावी दौड़ में जोश के साथ लगे पर सार्वजनिक तौर पर भूलने की आदत और शारीरिक दुर्बलता ज़ाहिर होने पर पीछे हट गए और अपनी ओर से कमला देवी हैरिस को नामांकित कर दिया।

अब चुनावी प्रचार धीरे-धीरे प्रखर व आक्रामक होता जा रहा है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव जीतने के लिए कई पैंतरे बदलने पड़ते हैं। अपने गुणों का बढ़ा-चढ़ाकर आख्यान करना और प्रतिद्वंद्वी की छवि को बिगाड़ने का प्रयास सर्वमान्य प्रकिया है। सभी पक्ष आश्वासनों की भी झड़ी लगा देते हैं। भारत के लोकसभा के आम चुनावों में भी यह सब कुछ होता है। भारत के 76 वर्ष पुराने लोकतंत्र के मुक़ाबले अमेरिकी लोकतन्त्र तो लगभग 400 वर्ष पुराना है और अपेक्षा है कि वहां की चुनाव प्रकिया अधिक परिपक्व होगी। परन्तु ऐसा नहीं दिख रहा, अमेरिकी चुनाव प्रचार के दौरान एक दूसरे पर दोषारोपण, लांछन व आरोप लगाने की भाषा की शालीनता में तो सभी सीमाएं टूट जाती है।

2020 के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ने डोनाल्ड ट्रम्प को शुरुआती प्रचार में ‘डेन्जरस डोनल्ड’ कहा और बाद में ‘अमेरिका की आत्मा के लिए ख़तरनाक’ बताया। वर्तमान चुनावों में विरोधी दल ट्रम्प को बार-बार ‘वियर्ड’ अर्थात् अजीब या विचित्र घोषित कर रहे हैं। ट्रम्प को बूढ़ा व अजनबी के रूप में भी डेमोक्रेटिक पार्टी अमेरिकी वोटर के सामने परोस रही है। दूसरी ओर ट्रम्प बाइडन को अमेरिका का सबसे निकम्मा राष्ट्रपति बताते नहीं थकते। कमला देवी हैरिस के नाम का ट्रम्प कभी भी ठीक उच्चारण नहीं करते। उनकी पार्टी कमला पर आरोप लगा रही है कि जो महिला बार की परीक्षा पास नहीं कर पाई वह देश कैसे चलाएगी।

दोनों पार्टियों ने अपने-अपने उप राष्ट्रपति के उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं जो ज़हरीले और भड़काऊ भाषण देने में एक-दूसरे से बढ़ चढ़कर ही बयानबाजी में लगे हैं। जे डी वान्स रिपब्लिकन पार्टी के और ट्रम्प की पसन्द के उम्मीदवार हैं। पूर्व में वह ट्रम्प के विरोधी थे और उनके विरोधी इसी बात की आलोचना करते हुए उन्हें ‘टर्न कोट’ अर्थात् रंग बदलते गिरगिट के नाम से चिढ़ा रहे हैं। कमला देवी हैरिस ने टिम वाल्ज को अपनी पार्टी का उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है। यह स्कूल में फुटबॉल के कोच हुआ करते थे, इनको ठेठ श्वेत मेहनती अमेरिकियों का उदाहरण बताया जाता है। विरोधी इनको साधारण बुद्धि का ऐसा व्यक्ति जो सेना मे 22 वर्ष रहने के वावजूद किसी सक्रिय लड़ाई में नहीं गया और जब उसके यूनिट को ईराक़ के युद्ध मे जाना था तो सेवा से निवृत्त हो गए। विरोधी उनके 31 वर्ष की आयु मे शराब के नशे में कार चलाने के अपराध को भी उघाड़ रहे हैं।

अमेरिकी आम चुनाव को समझने के लिए यह भी जानना ज़रूरी है कि पारम्परिक रूप से रिपब्लिकन पार्टी को नरम दल माना जाता है और डेमोक्रेटिक पार्टी को उदार व तथाकथित प्रगतिशील। परन्तु पिछले कुछ दशकों से दोनों की छवि बदली है। आज डेमोक्रेटिक पार्टी में वामपंथी, कट्टरपंथी व व्यक्तिवादी प्रचुर मात्रा में हैं।इस पार्टी की पहचान गर्भपात के पक्षधर होने की है जबकि बड़ी संख्या में अनुयायियों के साथ कैथोलिक चर्च गर्भपात को क़ानूनी स्वीकार्यता देने का विरोध करती है।

डेमोक्रेटिक पार्टी अवैध रूप से अमेरिका में घुसे लोगों के प्रति भी नरम रुख़ रखती है क्योंकि भारत की तरह ही अवैध घुसपैठियों को वोटर बना कर वोट बैंक की तरह पार्टी उपयोग करती है। डेमोक्रेटिक पार्टी के 2009 से 2017 तक राष्ट्रपति रहे बराक हुसैन ओबामा के विषय में रिपब्लिकन पार्टी ने आरोप लगाया कि वे ख़तरनाक रूप से उग्रवादी है, और अपने धार्मिक नेताओं के आदेश पर चलते हैं।

रिपब्लिकन पार्टी न केवल घुसपैठ रोकने के पक्ष में है परन्तु अभी के घुसपैठियों को देश से निकालने का भी आश्वासन देती है। रिपब्लिकन पार्टी का नया नारा ‘अमेरिका फ़र्स्ट’ भी काफ़ी प्रसिद्ध हो रहा है।

राजनैतिक विश्लेषक अमेरिकी राजनीति में कट्टरपंथी महिलाओं के उभार को बड़ी सूक्ष्म दृष्टि से देख रहे हैं। पिछले चार वर्षों मे डेमोक्रेटिक पार्टी में ‘स्क्वैड’ से जाने जाना वाला चार युवा महिलाओं का दल साहसिक कट्टरपंथी के लिए प्रसिद्ध हुआ है। इनमें इल्हास ओमार और रशीदा तालिब मुसलिम तो परम्परावादी हैं, बुर्के व हिजाब के पक्ष में हैं, पर अन्यथा आधुनिकतता की पक्षधर हैं। इसी तरह अलेक्ज़ेंडराओंकासयो ईसाई हैं पर हर नीति का विरोध करती हैं। यह ‘सक्वैड’ फ़िलिस्तीन, मुस्लिमों व घुसपैठियों का समर्थक है। कुछ-कुछ टुकड़े-टुकड़े गैंग की तरह। चुनाव प्रचार और उसके बाद इनकी भूमिका में अमेरिका की भविष्य की झलक दिखेगी।

Topics: Election Campaignरूस-यूक्रेन व इज़राइल-फ़िलिस्तीनअमेरिका में चुनाव प्रचारडोनल्ड ट्रम्पकमला देवी हैरिसजो बाइडनरिपब्लिकन पार्टी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Elon Musk Criticises trump

मस्क ने ट्रंप के टैक्स बिल को बताया खतरनाक, चेतावनी- ‘लाखों नौकरियां खतरे में’

लिबरल मीडिया, कितना लिबरल

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के दो दावेदार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस

साझे हित मजबूत रिश्ता

अमेरिकी चुनाव, मुद्दे और भारत

Dr Mohan Yadav

‘घमंडिया गठबंधन की पार्टी DMK सनातन धर्म को खत्म करने की बात करती है और कांग्रेस चुप है’: CM मोहन यादव 

हमास पर जोरदार हमला कर रहा है इजरायल

इजरायल पहुंचा अमेरिका का जंगी बेड़ा, हमास का होगा काम तमाम, गाजा पट्टी पर हवाई हमला, मारा गया अबू शामला

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies