पश्चिम बंगाल के कोलकाता अस्पताल में महिला डॉक्टर की रेप और हत्या के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले युवा चिकित्सक के लिए इंसाफ दिलाने के लिए कोलकाता में 8-9 अगस्त की दरमियानी रात को राधा गोबिंदकर मेडिकल कॉलेज में महिलाएं सड़कों पर उतर गई।
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प्रदर्शनकारी महिलाओं ने AIIMS, IIT, IIM, RML समेत कई बड़े संस्थानों की कामकाजी महिलाओं ने कैंडल मार्च निकालकर नारेबाजी की। इस दौरान महिलाओं ने अपनी बच्चियों की सुरक्षा की मांग की। हाथों में तख्तियां और बैनर लिए नारेबाजी करती रही हैं। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं के साथ ही पुरुष भी शामिल हुई। इस बीच मृतक डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि विरोध की मांग जोरदार है और एकदम साफ है कि सुरक्षा नहीं तो ड्यूटी नहीं।
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रिपोर्ट के मुताबिक, कहा जा रहा है कि अभी ऐसे शांतिपूर्ण तरीके से और विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे और इसमें नई दिल्ली स्थित एम्स सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी शामिल हो सकते हैं। डॉक्टरों ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के ट्रेनीज ने इंसाफ न मिलने तक काम पर वापस नहीं जाने की कसम खाई है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान एक ट्रेनी डॉक्टर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा-हमें रात 11 बजे विरोध मार्च के लिए यहां से निकलना था, लेकिन परिसर के बाहर लोगों का एक समूह था, वे नारे लगा रहे थे-हमें न्याय चाहिए, लेकिन, वे आगे नहीं बढ़ रहे थे और अचानक भीड़ गुस्से में आ गई। वे लोग अंदर घुसने की कोशिशें करने लगे। वो लोग अंदर आए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। हमने अपनी महिला टीम को पहले ही वहां से जाने के लिए कह दिया था और जैसे ही गए तो भीड़ बैरिकेड्स को तोड़कर अंदर घुस गई। इसके बाद पुलिस लाठीचार्ज भी की।
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