वक्फ बोर्ड संशोधन बिल संसद में पेश होने के बाद उसे संसदीय समिति के हवाले किए जाने के बाद,केंद्र सरकार ने राज्यवार वक्फ बोर्ड संपत्तियों की समीक्षा शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड राज्य में वक्फ बोर्ड की 5388 संपत्तियों के होने की बात कही जा रही है जोकि देहरादून,नैनीताल उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले में 2153 वक्फ आलेखों के रुप में दर्ज है।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजु ने उपरोक्त सभी संपत्तियों के दस्तावेज, ब्योरा तलब किया है।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स सभी संपत्तियों की जानकारी लेकर दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी है कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में कुछ पंजीकृत संपत्तियों में असरदार लोगो के कब्जे है। कुछ संपत्तियों पर प्रभावशाली प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है जिन्होंने असरदार लोगों को कब्जे करवाए हुए है। जानकारी के अनुसार उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने रुड़की स्थित पिरान कलियर दरगाह के पाक आस्ताने की सैकड़ो बीज जमीन पर भी अवैध कब्जे किए जाने दी है।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में 200 से ज्यादा मामले कोर्ट केस में विचाराधीन है,बताया गया है कि बोर्ड ट्रिब्यूनल सदस्य नही होने से मामलो की सुनवाई ही नही हो रही है। ये भी जानकारी मिली है कि यूपी उत्तराखंड विभाजन के दौरान बहुत सी फाइलें ही देहरादून नही पहुंची है जिसकी वजह से वक्फसंपत्तियों पर अधिकारियो और कब्जेदारो की मिलीभगत की कहानी बयां करती है।
शादाब शम्स का बयान
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि बोर्ड की तरफ से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजु को सभी जानकारी उपलब्ध करवा दी गई है, हम चाहते है कि उक्त संपत्तियों को गरीबों में बांटने पर सरकार विचार करे। उन्होंने स्वीकार किया कि वक्फ बोर्ड की ज्यादातर संपत्तियों पर प्रभावशाली लोग काबिज है। जिनकी जांच एसआईटी से करवाई जानी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे वक्फ बोर्ड संशोधन बिल का भी स्वागत किया और कहा कि इसके लिए जागरूक की जरूरत भी है।
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