बांग्लादेश में जहां एक ओर बांग्ला एवं अंग्रेजी अखबार यह स्पष्ट लिख रहे हैं कि कैसे बांग्लादेश में हिंदुओं को मारा जा रहा है, उनके प्रतिष्ठान लूटे जा रहे हैं और उनके मंदिरों को लूटा जा रहा है, वहीं भारत में एक बड़ा कथित लिबरल वर्ग यह कह रहा है कि यह दरअसल केवल भारत में रह रहे हिन्दू अफवाह फैला रहे हैं। हिन्दू विरोधी प्रोपेगेंडा चलाने वाले ज़ुबैर से लेकर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई सहित कई लोग हैं जो यह स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं के विरुद्ध कुछ हो ही नहीं रहा है। केवल भारतीय टीवी मीडिया ही दुनिया के सामने हिन्दू बनाम मुसलमान का नैरेटिव ला रहा है।
अपने बॉयो में पत्रकार लिखने वाले अरविन्द गुणसेकर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा
Only Indian TV Media in the world can give ‘Hindus vs Muslims’ narrative to #BangladeshCrisis.
Experts in the field !!
— Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) August 6, 2024
इसी पोस्ट को क्वोट करते हुए एक यूजर ने लिखा कि ‘बीबीसी और बांग्लादेशी समाचारपत्रों के ये समाचार हैं।’ उसके बाद उसने लिखा कि ये लोग जब सामने से छपी हुई स्टोरीज़ को मिटा रहे हैं, तो ये सामान्य पत्रकारिता वाली कहानी में क्या करते होंगे?
These are stories from BBC and Bangladeshi Papers.
If these guys are blatantly whitewashing stories that are covered by Bangladeshi newspapers, imagine how much twist they would be giving to their normal journalistic stories. https://t.co/65dliOmdzY pic.twitter.com/4oQT3Kypnl
— Rahul Raj (@x_rahulraj) August 7, 2024
सोशल मीडिया पर ही नहीं बल्कि इंटरनेट पर विदेशी पोर्टल्स भी हिन्दू विरोधी हिंसा का समाचार दे रहे है। बीबीसी में लिखा कि “यहाँ पर कोई कानून व्यवस्था नहीं है और हिंदुओं को फिर से निशाना बनाया जा रहा है!” इस रिपोर्ट में अविरूप सरकार के हवाले से कहा गया है कि उनकी विधवा बहन के घर पर हमला हुआ और उनके घर से भीड़ नकद और गहने आदि लूट कर ले गई। उनका टीवी, बाथरूम फिटिंग और दरवाजे आदि सब तोड़ दिए और उन्हें यह धमकी देते हुए गए कि वे लोग अवामी लीग के समर्थक हैं, इसलिए वे देश छोड़कर चले जाएं।
अविरूप के अनुसार ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। उन्होनें बीबीसी को बताया कि जब भी कभी अवामी लीग कमजोर होती है तो हिंदुओं पर ही हमला होता है।
सोशल मीडिया पर वहाँ से लोग वीडियो भेज रहे हैं कि आखिर कैसे हमले हो रहे हैं और कैसे हिंदुओं और उनकी संपत्ति को निशाना बनाया जा रहा है। एक्स पर वॉयस ऑफ बांग्लादेशी हिंदूज नामक हैंडल वहाँ के हाल निरंतर दे रहा है। उसने एक सूची दी कि कितने हमले हुए हैं:
These incidents happened within 5 hours. The genocide is still going on.
It could be more than that.#AllEyesOnBangladeshiHindus pic.twitter.com/voPqyV4i2a— Voice of Bangladeshi Hindus 🇧🇩 (@VHindus71) August 5, 2024
बांग्लादेश के गायक और कलाकार राहुल आनंदा के घर पर हमला किया गया और उनके घर पर रखे गए लगभग 3000 वाद्ययंत्रों को आग के हवाले कर दिया गया।
राहुल आनंदा का घर 140 वर्ष पुराना था और वहाँ पर ऐसे भी वाद्ययंत्र थे जो राहुल ने खुद बनाए थे। राहुल पूरी ज़िंदगी अपने कौमी मित्रों के प्यार की बातें करते रहे और उनके घर को ही नहीं छोड़ा। ऐसा कहा जा रहा है कि हालांकि वे शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, परंतु मानसिक रूप से वे टूट गए हैं। पिछले वर्ष सितंबर में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों भी राहुल के इस घर में गए थे और प्रशंसा की थी।
इसके साथ ही रवीन्द्रनाथ टैगोर की भी प्रतिमा के तोड़े जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर हैं। परंतु फिर भी एक बहुत बड़ा वर्ग सोशल मीडिया पर है जो यह कह रहा है कि स्थानीय मुस्लिम मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं और उनमें ज़ुबैर सबसे बढ़कर हिंदुओं पर हुए हो रहे हमलों को नकारने का प्रयास कर रहा है। उसने कई मंदिरों की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि भारत में दक्षिणपंथी अकाउंट सांप्रदायिक प्रोपेगैंडा फैला रहे हैं। मगर बांग्लादेश में स्थानीय मुस्लिम मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं। इस पर लोगों ने उससे पूछा कि आखिर मुस्लिम मंदिरों की रक्षा “किससे कर रहे हैं?”
यही प्रश्न उन सभी से पूछा जाना चाहिए कि यदि मुस्लिम मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं तो वे किससे रक्षा कर रहे हैं? कौन है जो इन मंदिरों पर हमले कर रहा है? तो इसके उत्तर में वे शांत हैं! दरअसल अवामी लीग से जुड़े नेताओं और हिंदुओं को स्वाभाविक रूप से अवामी लीग का समर्थक माने जाने का आरोप लगाकर उनपर हमले होते रहते हैं। यह न ही पहला मामला है और न ही शायद यह अंतिम होगा। वर्ष 2021 में दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों को जलाने की घटना कौन भूल सकता है?
ज़ुबैर द्वारा किए गए पोस्ट पर दिलीप मण्डल ने लिखा कि यह इमेज मैनेजमेंट बता रहा है कि ”बांग्लादेश में हालात कितने ख़राब हैं। ये सब करना पड़ रहा है? ज़ुबैर तुम अपने को फैक्ट चेकर बोलना बंद कर दो। तुम खुद को सीधे धर्म रक्षक बोलो। तुम्हारी फैक्ट चेकिंग one dimensional है।”
ये इमेज मैनेजमेंट बता रहा है कि बांग्लादेश में हालात कितने ख़राब हैं। ये सब करना पड़ रहा है? ज़ुबैर तुम अपने को फैक्ट चेकर बोलना बंद कर दो। तुम खुद को सीधे धर्म रक्षक बोलो। तुम्हारी फैक्ट चेकिंग one dimensional है। https://t.co/EuNMaAHxVV
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) August 6, 2024
मगर हिंदुओं के साथ हो रही इस हिंसा को नकारने में ज़ुबैर जैसे लोग ही नहीं, बल्कि इंडिया टुडे नेटवर्क में कार्य करने वाले पत्रकार राजदीप सरदेसाई भी सम्मिलित हैं। राजदीप ने लिखा कि बांग्लादेश की समस्या को हिन्दू या मुस्लिम की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने लिखा कि वे चैनल जो एकतरफा कहानियाँ चला रहे हैं, उन्हें जमीनी हकीकत जानकर यह कहानियाँ चलानी चाहिए क्योंकि ऐसा न करके वे वहाँ के अल्पसंख्यकों को खतरे में डाल रहे हैं।
इस पोस्ट को दोबारा पोस्ट करते हुए आदित्य राज कौल ने लिखा कि यह सच है कि बांग्लादेश में हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही मारे जा रहे हैं। मगर केवल हिन्दू अल्पसंख्यक अपनी धार्मिक पहचान के कारण मारे जा रहे हैं और अभी तक एक भी मस्जिद नष्ट नहीं की गई है, जबकि हिन्दू मंदिरों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है।
True, Rajdeep. Muslims and Hindus both are being killed in Bangladesh.
But, only Hindu minority members are being killed for having the Hindu faith.
No mosques are being destroyed. Only Hindu temples are being selectively targeted, attacked and set ablaze.
Moral compass? https://t.co/HqLHAuaeS3
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) August 6, 2024
यह भी हैरान करने वाली बात है कि जब जब यह समाचार आया कि शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश प्रगति कर रहा है और वह भारत आर्थिक प्रगति में पीछे छोड़ देगा, तो यही वर्ग था जो मोदी को नीचा दिखाने के लिए शेख हसीना की तारीफ करता था और आज वही वर्ग शेख हसीना को तानाशाह बताकर मोदी को भी नतीजे भुगतने की धमकी दे रहा है।
सोशल मीडिया पर ध्रुव राठी का वह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें उसने बांग्लादेश को भारत से बहुत आगे बताया था। मोदी हटाओ टूलकिट हालांकि सक्रिय है और वही चेहरे जो मोदी के लगातार विरोधी हैं, वे मोदी को चेता रहे हैं, जैसे खुद को लोक गायिका कहने वाली नेहा सिंह राठौड़, जिन्होनें 5 अगस्त को एक्स पर लगातार दो पोस्ट किए थे और जिनमें कहा था कि “पाप की बाल्टी भरते देर नहीं लगती साहब। पड़ोसन की तो भर गई—आप अपनी देख लें!”
पाप की बाल्टी भरते देर नहीं लगती साहब!
पड़ोसन की तो भर गई…आप अपनी देख लो.#SheikhHasina #Dhaka
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) August 5, 2024
वहीं कुछ लोग तो यह तक कह रहे हैं कि वे तो यहाँ भागकर आ गईं, हमारे वाले कहाँ जाएंगे?
लोकतंत्र में सरकार का आना-जाना चलता रहता है और भारत का लोकतंत्र ऐसा है जो हर दल को अवसर देता है, परंतु वह उस प्रकार की हिंसा नहीं करता जैसी कि कथित क्रांति के दौरान बांग्लादेश में हुई, जिसमें प्रधानमंत्री के घर से चीजें लूटकर ले जाएं और साथ ही उनके अंत: वस्त्रों को कोई मेडल समझकर खुश हों। उनके ब्लाउज को विजेता की तरह दिखाएं। यह लूट या क्रांति नहीं बल्कि एक प्रकार की विकृत मानसिकता है। जिसका प्रदर्शन वहाँ ही नहीं बल्कि यहाँ भी लोग कर रहे हैं। जब लोकतंत्र से पराजित न किया जा सके तो ये शक्तियां इस प्रकार पराजित करने की कल्पना से आनंदित हो रही हैं और इस आनंद में वे वहाँ पर मौजूद अपने ही हिन्दू भाई-बहनों पर हो रहे हमलों को नकारने में अग्रणी हो रहे हैं।
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