राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी मदरसे चल रहे हैं। राजधानी देहरादून की आजाद कॉलोनी में एक मदरसे के बच्चों में फूड प्वाइजनिंग की शिकायत मिली। जानकारी लेने पहुंची डा गीता खन्ना पर उल्टा मदरसे प्रबंधक ने आरोप लगा दिए। डा गीता खन्ना उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष हैं।
जानकारी के मुताबिक राजधानी में एक-दो नहीं कई मदरसे, बिना मदरसा बोर्ड या शिक्षा विभाग के पंजीकरण के चल रहे हैं। जिनपर बाल अधिकार संरक्षण आयोग , शासन-प्रशासन का ध्यान दिला चुका है।
आजाद कॉलोनी स्थित जामियातुस सलाम उल इस्लामिया मदरसे में बच्चों के फूड प्वाइजनिंग की शिकायत मिलने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा गीता खन्ना अपने दल के साथ जांच-पड़ताल के लिए पहुंची। उन्होंने शिकायतों को सही पाते हुए एसएसपी देहरादून को इस बारे में रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया।
डा गीता खन्ना ने बताया कि मदरसा बोर्ड या शिक्षा विभाग के पोर्टल पर कहीं भी ये मदरसा पंजीकृत नहीं है, जब उनके द्वारा मदरसा संचालक से इस बारे में जानकारी मांगी तो वे उल्टा डा खन्ना पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के जैसे आरोप लगाने लगे।
राजधानी देहरादून में फर्जी मदरसा, फूड प्वाइजनिंग की शिकायत पर हुआ निरीक्षण
बौखलाए प्रबंधक, उल्टा बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष पर लगाया आरोप
मदरसा संचालक मुफ्ती रईस अहमद अंसारी का कहना था कि आयोग अध्यक्ष ने प्रवेश लेकर हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। इस बारे में हम राज्यपाल से शिकायत करेंगे।
डा खन्ना का कहना था कि मदरसा प्रबंधक अपने को फंसता देख ऐसा बर्ताव करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि ये 250 बच्चों के भविष्य का सवाल है, जहां खाने की गुणवत्ता नहीं है और बच्चो की शिक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। ये मदरसा स्थल मानक के अनुरूप भी नहीं है। चार मंजिला इमारत में बच्चों की सुरक्षा के मापदंडों की अनदेखी की गई है।
उन्होंने कहा कि आयोग ने शासन को पत्र लिखकर बिना पंजीकरण चल रहे ऐसे मदरसों के खिलाफ कारवाई किए जाने की भी सिफारिश की है।
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