मुरादाबाद। लैक्मे फैशन एकेडमी में जबरन इस्लामिक कन्वर्जन का दबाव बनाने के मामले में सलाखों के पीछे पहुंची डायरेक्टर रक्षंदा खान से जुड़े कई राज अभी खुलना बाकी हैं। कानपुर की पढ़ी लिखी हिन्दू युवती सपना सिंह कैसे खुद लव जिहाद के जंजाल में फंसी और फिर मुरादाबाद में जड़ें जमाकर किस तरह कन्वर्जन रैकेट चलाने लगी, पुलिस और गुप्तचर एजेंसियां इसकी छानबीन में जुटी है। सच तो ये है कि देश में इस तरह से हिन्दू युवाओं के भटकाव का स्याह सच लगातार सामने आ रहा है। डॉ. जाकिर नाइक और तारिक जमील जैसे कट्टरपंथी इस्लामिक गुरुओं के प्रभाव में आकर हिन्दू समाज के होनहार लड़के-लड़कियां भटकाव का शिकार हो रहे हैं और खतरनाक फिदायीन राह पर जा रहे हैं।
कहानी 17 साल की: शाहनवाज ने ब्रेनवॉश किया, सपना सिंह बनी रक्षंदा खान
मुरादाबाद में इस्लामिक कन्वर्जन गैंग संचालित कर रही लैक्मे फैशन एकेडमी की डायरेक्टर रक्षंदा खान का सच जानने को पहले उसके अतीत की पूरी कहानी समझनी होती है। सनातनी परिवार में जन्मी रक्षंदा खान की पहचान अब से डेढ़ दशक पहले सपना सिंह के नाम से होती थी। पांच बहनें और एक भाई में से एक सपना कानपुर मूलरूप से कानपुर की शक्ति नगर कालोनी में परिवार के साथ रहती थी। पढ़-लिखकर वह भी दूसरी बेटियों की तरह नौकरी-रोजगार तलाश रही थी। इस बीच उसे कानपुर के एक ब्यूटी पार्लर में काम करने का मौका मिला था, जहां मुस्लिम युवक से दोस्ती ने उसे अजीब से मोड़ पर पहुंचा दिया।
मुलाकात, दोस्ती-प्यार तो उनका नाटक, परदे के पीछे लव जिहाद का षडयंत्र
कानपुर के पार्लर में काम करते हुए सपना की मुलाकात मुस्लिम समुदाय के शाहनवाज खान से हुई और यहीं से उसकी की जिंदगी बदलती चली गई। कार डेकोरेशन का काम करने वाले शाहनवाज के मुलाकात, दोस्ती, प्यार के ड्रामे के पीछे जिहादी सोच थी और उसका असली मकसद हिन्दू बेटी को कन्वर्जन की राह पर ले जाना था। इस षडयंत्र में वह सफल भी रहा। शाहनवाज खान ने सपना सिंह का ऐसा ब्रेनवॉश किया कि उसने अपने परिवार से ही नाता तोड़ लिया और उसके हाथ की कठपुतली बन गई। सनातन संस्कारों में पली-बढ़ी सपना ने मुसलमान से शादी की जिद पकड़ ली। घरवालों ने उसे भले-बुरे का बहुत ज्ञान दिया, हाथ जोड़े, गिड़गिड़ाए मगर शाहनवाज प्रभाव के आगे सपना ने अपनों की कोई बात नहीं सुनी। परिवार के विरोध में जाकर उसने इस्लाम कबूल कर लिया। अपने ही हाथों सपना सिंह की पहचान मिटाकर वह रक्षंदा खान बन गई और शाहनवाज से निकाह कर लिया। इस्लामिक कन्वर्जन के बाद उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। शौहर उसकी मुस्लिम कट्टरपंथियों से मेल-मुलाकातें कराता रहा और वह खुद भी कट्टरपंथ के रास्ते पर चल पड़ी। फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
भेद खुलने के डर से कानपुर छोड़ रक्शंदा खान ने मुरादाबाद में जमाईं जड़ें
अंजान शहर में किसी का काल सच जल्दी सामने नहीं आ पाता, इसलिए रक्षंदा खान को उसका शौहर शाहनवाज अब से तीन साल पहले मुरादाबाद ले आया। पैसा उनके पास ठीक-ठाक था। मुरादाबाद शहर में शिफ्ट होकर शाहनवाज ने रक्षंदा के साथ मिलकर कांठ रोड पर नामी सौंदर्य उत्पाद कंपनी लैक्मे की फ्रेंचाइजी ले ली, लेकिन खतरनाक कट्टरपंथी खेल यहां भी शुरू कर दिया। शाहनवाज परदे के पीछे रहा और उसकी मोहरा बनकर रक्षंदा खान अपनी फैशन एकेडमी में हिन्दू स्टूडेंट पर कन्वर्जन का जाल डालने में लग गई। कंपनी का नाम बड़ा था तो फ्रेंचाइजी चल पड़ी। डायरेक्टर रक्षंदा खान और उसके शौहर शाहनवाज के कट्टरपंथी खेल से अंजाम हिन्दू लड़के-लड़कियां 30 हजार से 3 लाख तक की फीस भरकर मेकअप, स्किन एंड हेयर ट्रीटमेंट से जुड़े कोर्स करने के लिए एकेडमी से जुड़ते चले गए।
बिंदी, सिंदूर, कलावे से नफरत, एकेडमी में नमाज पढ़ने की खुली आजादी
मुरादाबाद डीएम से मिलकर हिन्दू छात्र-छात्राओं ने बताया कि फैशन एकेडमी में प्रवेश के समय उनसे कहा गया था कि कैंपस में सद्भाव का माहौल होगा और अंदर मांसाहारी खाने पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, फीस जमा करा लेने के बाद रक्षंदा खान की एकेडमी में सब कुछ उल्टा नजर आया। शादीशुदा हिन्दू युवतियों को माथे पर बिंदू, मांग में सिंदूर और हाथ में कलावा पहनकर आने से रोका जाने लगा। हद तो तब हो गई, जब डायरेक्टर रक्षंदा खान जानबूझकर हिन्दू छात्राओं को मुस्लिम स्टूडेंट के ग्रुप में शामिल कर उनसे दोस्ती का दबाव बनाने लगी। विरोध पर हिन्दू छात्र-छात्राओं को तरह-तरह से परेशान किया जाने लगा। रक्षंदा खुलेआम एकेडमी में इस्लाम का प्रचार करती थी। तीन तलाक, हलाला का कभी जिक्र नहीं करती थी लेकिन नमाज पढ़ने, इस्लाम ग्रहण करने के कल्पित फायदे गिनाती थी। सनातन धर्म के बारे में वह आपत्तिजनक टिप्पणियां करने से भी बाज नहीं आती थी। हिन्दू धर्म छोड़ खुद के इस्लाम ग्रहण करने की अजीब तरह से कहानी सुनाती थी। दरअसल, एकेडमी की आड़ में रक्षंदा खान अपने शौहर शाहनवाज के साथ बेखौफ होकर कन्वर्जन रैकेट संचालित कर रही थी। यह बात अलग है कि एकेडमी में पढ़ने वाले हिन्दू छात्र-छात्राएं इस्लामिक दबाव में नहीं आए और रक्षंदा-शाहनवाज का भंडाफोड़ दिया। पुलिस प्रशासन से शिकायतों का सिलसिला शुरू हुआ तो कट्टरपंथी शाहनवाज और रक्षंदा सलाखों के पीछे पहुंच गए।
लगातार शिकायतों पर खुली अफसरों की नींद, तब चला कानून का चाबुक
लैक्मे फैशन एकेडमी की डायरेक्टर रक्षंदा खान के खिलाफ पहली शिकायत करीब एक साल पहले राज राणा नामक हिन्दू छात्रा ने की थी। मुरादाबाद के गोविंदनगर में रहने वाले राज ने अपनी शिकायत में खुलकर कहा था कि डायरेक्टर रक्षंदा खान एकेडमी में ट्रेनिंग देने की जगह इस्लाम का प्रचार करती है। उसने 2022 में मेकअप कोर्स करने के लिए 72 हजार की फीस भरी थी, लेकिन कैंपस में इस्लामिक माहौल देखकर उसका दिल घबराने लगा। पुलिस ने उस समय राज की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की। रक्षंदा खान को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। इससे कट्टरपंथी हो चुकी रक्षंदा के हौसले और बढ़ गए। उसने हिन्दू स्टूडेंट को और ज्यादा परेशान करना शुरू कर दिया। उन पर मुस्लिम लड़कों से दोस्ती और इस्लामिक कन्वर्जन करने का दबाव बढ़ा दिया। इस बार एकेडमी की छात्रा तान्या चौधरी और स्वाति पाल ने हिम्मत दिखाई और जिलाधिकारी से मिलकर रक्षंदा खान का भेद खोल दिया। शिकायत में हिन्दू छात्राओं ने साफ लिखा कि रक्षंदा खान थ्योरी के नाम पर इस्लाम के बारे में पढ़ाती है। कहती है कि हिन्दू लड़कियों को मुसलमानों से शादी करनी चाहिए। व्रत को वह पाखंड और रोजे में बहुत ताकत बताती थी। क्लास में मुस्लिम लड़कों से नमाज भी पढ़वाती थी। मुस्लिम स्टूडेंट की वह खुलकर मदद करती थी और हिन्दू छात्र-छात्राओं को मदद की जगह टार्चर करती थी। लैक्मे के प्रोडक्ट में नकली माल भरकर उनका इस्तेमाल कराती थी, जिससे उपचार की जगह एलर्जी के लक्षण उभरने लगते थे।
सलाखों के पीछे पहुंचे डायरेक्टर मियां-बेगम, नेटवर्क खंगाल रही पुलिस
हिन्दू छात्राओं की शिकायत को गंभीरता से लेकर डीएम मुरादाबाद अनुज सिंह ने पुलिस को मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए। पुलिस छानबीन में जुटी तो छात्राओं द्वारा रक्षंदा खान और उसके शौहर शाहनवाज पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई। जिसके बाद पुलिस ने लैक्मे फैशन एकेडमी के डायरेक्टर दंपति को गिरफ्तार कर लिया। रक्षंदा खान और शाहनवाज खान को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया और सीओ अर्पित कपूर ने मीडिया को बताया है कि लैक्मे फैशन एकेडमी की छात्रा तान्या चौधरी, स्वाति पाल और छात्र जतिन सैनी ने डीएम से मिलकर जबरन कन्वर्जन को दबाव बनाए जाने की शिकायत पर डायरेक्टर रक्षंदा खान व उसके शौहर शाहनवाज खान पर कानूनी कार्रवाई की गई है। पुलिस की विवेचना जारी है। आगे और भी राज सामने आ सकते हैं। पुलिस इस बात का पता भी कर रही है कि हिन्दू छात्र-छात्राओं पर इस्लामिक कन्वर्जन का दबाव बनाने के पीछे कोई और ताकत तो काम नहीं कर रही। यूपी में ऐसे मामले में पूर्व में सामने आ चुके हैं, जिसमें इस्लामिक कन्वर्जन के तार पाकिस्तान सहित दूसरे मुस्लिम देशों से जुड़े होने की बात सामने आई थी।
गाजियाबाद स्टोरी: हिन्दू युवती को आत्मघाती बना रहा था जिहादी नेटवर्क
कुछ माह पहले गाजियाबाद पुलिस ने हिन्दू युवती को फिदायीन बनने की राह पर ले जाने की बड़ी साजिश का भंडाफोड़ किया था। गाजियाबाद की युवती का ब्रेनबॉश कर उससे पांच वक्त नमाज पढ़वाई जा रही थी और उसे शहादत के लिए तैयार किया जा रहा था। व्यवहार बदलने पर पिता ने बेटी का मोबाइल खंगाला तो होश उड़ गए। शिकायत पर पुलिस ने कन्वर्जन रैकेट से जुड़े ऐसे तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जो खुद भी कन्वर्जन का शिकार हुए और दूसरे युवाओं को भी उसी राह पर ले जाने के षड्यंत्र में लगे थे। पुलिस के साथ यूपी एसटीएफ-एटीएस भी इस जांच में शामिल रहे थे। इससे पहले देश में स्कूली बच्चों को गेमिंग एप के जरिए कन्वर्जन का शिकार बनाने के मामले भी सामने आ चुके हैं। गाजियाबाद-नोएडा में अंतर्राष्ट्रीय षडयंत्र का खुलासा होने से सुरक्षा एजेंसियां टेंशन में थीं। जांच में पता लगा कि पाकिस्तान से संचालित हो रही कट्टरपंथी ताकतों के टार्गेट पर हिन्दू समाज के होनहार पढ़े-लिखे युवा हैं, जिनका ब्रेनबॉश कर जिहादी बनाने की साजिश हो रही है।
राहुल अग्रवाल का ब्रेनवॉश कर राहिल बनाया, उसने हिन्दू युवती को फंसाया
पुलिस के मुताबिक, गाजियाबाद की खोड़ी कॉलोनी में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी बेटी के बदले व्यवहार के बारे में थाने में शिकायत की थी। पुलिस को बताया कि बेटी पिछले कुछ साल से सेक्टर-60 नोएडा की एक कंपनी में जॉब कर रही थी। उसी कंपनी में राहुल अग्रवाल नामक का युवक भी एग्जीक्यूटिव पद पर काम करता था। राहुल के संपर्क में आने के बाद बेटी बिल्कुल बदल गई थी। शक होने पर जब उस पर नजर रखना शुरू की तो पता लगा कि बेटी इस्लामिक रिवाज अपनाने लगी है। नमाज पढ़ती है। इस्लामिक तरीके से वेशभूषा में भी रहने लगी। विरोध किया तो वह ऊलजलूल बातें कहते हुए बगावत पर उतर आई। घरवाले के सामने उसने उसने इस्लाम की खातिर शहादत देने तक की धमकी दे डाली थी। परेशान परिवार ने मोबाइल खंगाला तो पता लगा कि इस्लामिक कन्वर्जन की पर उनकी बेटी को ले जाने की साजिश साथ काम करने वाला राहुल अग्रवाल कर रहा था। पुलिस की छानबीन में पता लगा कि गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन इलाके का रहने वाला राहुल अग्रवाल खुद भी कन्वर्जन का शिकार हो चुका था। कट्टरपंथियों ने 2016 में उसका कन्वर्जन कराकर राहुल से राहिल नाम रख दिया था। हालांकि, वह सार्वजिक रूप से राहुल अग्रवाल नाम का ही इस्तेमाल करता था। पुलिस ने उसके मोबाइल का डाटा और चैटिंग खंगाली तो उसमें तमाम भड़काऊ बातें और इस्लामिक साहित्य मिला। वह पाकिस्तानी के कट्टपंथी मौलानाओं की तकरीरें सुनता था और फिर हिन्दू समाज के किसी भी युवा को टार्गेट बनाकर उसको कन्वर्जन के लिए उकसाता था।
भारत-पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों में फैला इस्लामिक कन्वर्जन रैकैट
राहुल अग्रवाल की व्हॉट्सऐप चैटिंग से खुलासा हुआ था कि कन्वर्जन रैकेट का नेटवर्क पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों में फैला है। रैकेट जरूरतमंद लोगों को टार्गेट कर उनका कई-कई महीने ब्रेनवॉश करता है। इसकी शुरूआत मदद के नाम पर की जाती है और धीरे-धीरे कन्वर्जन के लिए तैयार कर दिया जाता है। ऐसे लोगों से कहा जाता है कि उन्हें शहादत के लिए तैयार रहना होगा और अपने जैसे दूसरे युवाओं को इस्लाम से जोड़ना होगा। पुलिस की जांच में गाजियाबाद के युवक-युवती समेत चार लोगों के कन्वर्जन की जानकारी सामने आई थी। बड़े पैमाने पर कन्वर्जन की साजिश का पता होने के बाद पुलिस के साथ एटीएस व अनय एजेंसियां भी कार्रवाई में जुटी थीं। रैकेट से जुड़े बाकी लोगों की तलाश की अब तक जारी है।
कट्टरपंथियों की चाल: हिन्दुओं को मुसलमान बनाओ, फिर उनसे गुनाह कराओ
गाजियाबाद पुलिस ने राहुल से पूछताछ के बाद उस शख्स को भी दबोचा था, जिसने उसका कन्वर्जन कराया। 2013 में इस्लाम अपनाने वाले शख्स ने अपने आका तक पुलिस को पहुंचा दिया, जो 2011 में खुद भी कन्वर्जन का शिकार बना था। पता ये भी लगा कि राहुल अग्रवाल ने खोड़ा की युवती को पहले प्यार का नाटक कर अपने जाल में फंसा लिया था। पहले उसे शादी का झांसा दिया। फिर उससे कहा कि वह दूसरे धर्म से है और कन्वर्जन के बाद ही उससे शादी कर सकेगा। जिहादी जाल में फंसी युवती इस्लाम अपनाने को तैयार हो गई तो राहुल उर्फ राहिल ने उसे और गहरे षडयंत्र में फंसाने का काम किया। समय से कन्वर्जन का सच सामने न आता तो गाजियाबाद की हिन्दू युवती न जाने किस खतरनाक अंजाम तक पहुंचा जाती।
युवाओं को बरगला रहे डॉ. जाकिर नाइक- तारिक जमील जैसे मुस्लिम गुरु
राहुल उर्फ राहिल के मोबाइल में पाकिस्तानी कट्टरपंथी और उपदेशक की वीडियो मिली थीं। छानबीन में यह बात भी सामने आई कि कन्वर्जन कराने के बाद गिरोह के सदस्य लोगों को कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक डॉ. जाकिर नाइक और तारिक जमील की वीडियो सुनने के लिए प्रेरित करते हैं। साथ ही गिरोह से जुड़े कुछ लोग देश के युवक-युवतियों को शहादत के लिए मानव बम बनने के लिए भी प्रेरित करते हैं। गाजियाबाद का राहुल अग्रवाल हो या कानपुर की सपना सिंह की कहानी यह साबित करने के लिए काफी है कि हिन्दू युवाओं को बरगलाकर इस्लामिक कट्टरपंथी देश में लगातार कन्वर्जन करा रहे हैं और भटकाव का शिकार युवाओं को जिहादी, फिदायीन और मानम बम तक बनाने का षडयंत्र कर रहे हैं।
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