देहरादून: भारी बारिश और भूस्खलन की चलते उत्तराखंड में जनजीवन प्रभावित है, टिहरी चमोली उत्तरकाशी जिले में भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है। ऊपरी पहाड़ियों पर बादल फटने से बूढा केदार क्षेत्र में तिनगढ़ गाँव देखते ही देखते मलवे में दफ़न हो गया है। भूस्खलन से एक महिला की मौत होने की खबर है और कई मकान मलबे में तब्दील हो गए हैं।
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भारी बारिश की वजह से गंगोत्री में भागीरथी गंगा का पानी, मंदिर की सीढ़ियों तक आ पहुंचा है, भूस्खलन की वजह से यमुनोत्री मंदिर की रसोई भी बह गई है। उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी बारिश की वजह से गंगा की धाराओं में बाढ़ जैसे हालात है और तेज वेग के कारण भूमि कटान भी जारी है। बूढ़ा केदार इलाके में नदी किनारे बनी दुकानें जल में समा गई है। ऋषिकेश हरिद्वार में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जबकि टोंस यमुना नदी हरिपुर में खतरे के निशान के आसपास बह रहा है। यूपी उत्तराखंड बॉर्डर ने गंगा में बाढ़ के चेतावनी जारी कर दी गई है और लोगों को नदी से दूर रहने की सलाह दी गई है।
बागेश्वर पिथौरागढ़ जिले से निकलने वाली नदियां भी उफान पर है जिस कारण काली गंगा शारदा नदी भी रौद्र रूप में बह रही है। बनबसा टनकपुर बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है जिस कारण यूपी में पीलीभीत जिले में पानी भर गया है।
आज भी उत्तराखंड के चमोली बागेश्वर रुद्रप्रयाग पौड़ी उत्तरकाशी टिहरी जिले में भारी बारिश का एलर्ट है, जबकि देहरादून नैनीताल अल्मोड़ा पिथौरागढ़ में भी बारिश होने का अनुमान,मौसम विभाग ने जारी किया है।
एसडीआरएफ लगातर राहत और बचाव के काम में लगी हुई है। बारिश भूस्खलन की वजह से चार धाम यात्रा रुक रुक कर चल रही है कई स्थानों पर बोल्डर गिरने से यातायात अवरुद्ध है, राज्य में 145 सड़के अभी बंद है जिन्हें खोलने के प्रयास युद्ध स्तर पर किए जा रहे है, पीडब्ल्यूडी, बीआरओ और नेशनल हाई वे अथॉर्टी के साथ-साथ स्थानीय एजेंसियां भी सड़कों से मलबा हटा कर रास्ता खोलने के काम में लगी हुई है।
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सीएम पुष्कर धामी ने बूढ़ा केदार क्षेत्र में हुए नुकसान के बारे में आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है और प्रभावित परिवारों को पांच पांच लाख रुपए की तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
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