काश ! दिग्विजय सिंह मदरसों और चर्च पोषित स्कूलों पर भी अपनी राय रखते
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

काश ! दिग्विजय सिंह मदरसों और चर्च पोषित स्कूलों पर भी अपनी राय रखते

दिग्‍विजय सिंह मध्‍य प्रदेश के लगातार 10 वर्षों तक मुख्‍यमंत्री रहे। सरस्‍वती शिशु मंदिर इनके सीएम कार्यकाल में भी अपना ‘शिक्षा का ज्ञान’ देने का काम कर रहे थे और आज भी कर रहे हैं, किंतु पता नहीं क्‍यों दिग्विजय शिशु मंदिर को लेकर बार-बार अनाप-शनाप बोलते हैं।

by डॉ. मयंक चतुर्वेदी
Jul 19, 2024, 05:37 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिग्‍विजय सिंह मध्‍य प्रदेश के लगातार 10 वर्षों तक मुख्‍यमंत्री रहे। सरस्‍वती शिशु मंदिर इनके सीएम कार्यकाल में भी अपना ‘शिक्षा का ज्ञान’ देने का काम कर रहे थे और आज भी कर रहे हैं, किंतु पता नहीं क्‍यों दिग्विजय शिशु मंदिर को लेकर बार-बार अनाप-शनाप बोलते हैं। अच्‍छा होता, यदि वे लोकतांत्रिक देश भारत में लोकतांत्रिक भावना से आबद्ध हो मदरसों और चर्च पोषित स्‍कूलों पर अपनी राय रखें।

इस बार सरस्‍वती शिशु मंदिर को लेकर दिग्विजय ने कहा, “सरस्वती शिशु मंदिर जहर घोलने का काम करते हैं। दिमाग में घोले गये जहर को निकालना आसान नहीं है।” पूर्व में भी उन्‍होंने गलत बयानबाजी की थी। अच्‍छा यह होता कि दिग्‍विजय सिंह अपनी पीआर टीम और अपने नजदीकियों में एक बार देख लेते कि कितने साथी उन्‍हें जो सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, वे सरस्‍वती स्‍कूल से पढ़कर निकले हैं और उन्‍होंने कितना जहर समाज में फैलाया? खैर, यह उनके आसपास के लोगों की और उनसे सीधे जुड़े अपने लोगों की व्‍यक्‍तिगत बात है, लेकिन अन्‍य बच्‍चों के भी अनुभव पढ़ लेते जोकि आज सोशल मीडिया पर मिल जाएंगे।

वस्‍तुत: शिशु मंदिर से पढ़कर निकले बच्चे देश के विकास में, हर क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। गौरव नैथानी टेक महिंद्रा में कार्यरत हैं। उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई की है। गौरव कहते हैं कि मैं अपने जीवन के पहले आठ साल रोज सुबह प्रार्थना में शामिल हुआ। मेरा झुकाव बुद्ध की ओर है। मुझे यहां कभी साम्प्रदायिक शिक्षा नहीं मिली, ये मैं दावे से कह सकता हूँ। गांधी जयंती मनाई जाती थी और मैं वाद-विवाद में प्रतिभाग भी करता था। मेरे साथ के दो छात्र आज उत्तराखंड कांग्रेस में सक्रिय हैं। एक तो शायद कांग्रेस के टिकट से चुनाव भी लड़े। मेरे एक सीनियर एनएसडी से पास होकर निकले और आजकल वामपंथी विचारधारा से प्रेरित हैं। मैं आज भी उनका बहुत बड़ा फैन हूँ। मेरा एक दोस्त जेएनयू से पढ़कर निकला है और आजकल शोध कार्य में लगा है। शिशु मंदिर एक अच्छा अनुभव था। मेरे खुले विचारों में इस स्कूल का योगदान मैं नकार नहीं सकता।

शिशु मंदिर के अन्‍य छात्र रितेश कुमार प्रजापति हम गीत जो गाते थे, वह यह थे –

माँ भारती की स्वर्णिम माटी हमें है चन्दन।
माटी हमारी पूजा माटी हमारा वंदन ।।

अथवा

चन्दन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है।।

बचपन से ऐसे गीत गाते हुए बड़े होंगे तो राष्ट्रप्रेम स्वतः ही हमारे व्यवहार में आएगा। हर महीने एक नया गीत गाते थे, मैंने एक डायरी बनाई थी जिसमें मैं ये गीत लिखता था; उसमें में कुछ गीत अभी भी याद हैं। गीतों के अतिरिक्त हमारी सुबह और शाम को होने वाली प्रार्थना हमें हमारी संस्कृति से बांधे रखती थी।

ॐ संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्, देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते।।
समानो मन्त्र: समिति: समानी समानं मन: सहचित्तमेषाम्। समानं मन्त्रमभिमन्त्रये व: समानेन वो हविषा जुहोमि।।
समानी व आकूति: समाना हृदयानि व:। समानमस्तु वो मनो यथा व: सुसहासति।।
ॐ शांति शांति शांति !!

यह मंत्र सभी शिशु मंदिरों में छुट्टी के समय गाया जाता है, इसको हमलोग संगठन मंत्र बोलते हैं । रितेश कुमार अपनी बात को समाप्‍त करते हुए कहते हैं, ‘‘बालमन कच्ची मिट्टी के समान होता है, इसको हम जैसा चाहे वैसा आकार दे सकते हैं, इसमें माता-पिता तथा विद्यालय के शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसीलिए बच्चों को ऐसी शिक्षा मिलनी चाहिए, जिससे वे बड़े होकर राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दे सकें। विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालय यही काम कर रहे हैं, मैं सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने को अपना सौभाग्य मानता हूँ।’’

Topics: Congressसरस्वती शिशु मंदिरदिग्विजय सिंहchurchMadrasaमदरसा और चर्चमदरसा और चर्च पर दिग्विजय सिंह की राय
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

इंदिरा गांधी ने आपातकाल में की थी क्रूरता, संजय गांधी ने जबरन कराई थी नसबंदी: शशि थरूर

कांग्रेस

भारतीय राजनीति में कांग्रेसी रीति-नीति की छाया और बदलाव की चुनौतियां

नाबालिग लड़की का निकाह

13 साल की बच्ची का 45 साल के शख्स से निकाह, FIR दर्ज, आरोपी फरार

Bihar election-2025

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: लालू यादव का कांग्रेस से मोहभंग, AIMIM के साथ नया गठबंधन?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : सांस्कृतिक पुनर्जागरण का नूतन पर्व

Bihar Muslim Vote

AIMIM और कथित धर्मनिरपेक्ष दलों की जंग: बिहार में मुस्लिम वोटों की सियासत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

श्रीहरि सुकेश

कनाडा विमान हादसा: भारतीय छात्र पायलट की हवाई दुर्घटना में मौत

बुमराह और आर्चर

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: लॉर्ड्स में चरम पर होगा रोमांच

मौलाना छांगुर ने कराया 1500 से अधिक हिंदू महिलाओं का कन्वर्जन, बढ़ा रहा था मुस्लिम आबादी

Uttarakhand weather

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: 10 से 14 जुलाई तक मूसलाधार वर्षा की चेतावनी

Pratap Singh Bajwa complaint Against AAP leaders

केजरीवाल, भगवंत मान व आप अध्यक्ष अमन अरोड़ा के खिलाफ वीडियो से छेड़छाड़ की शिकायत

UP Operation Anti conversion

उत्तर प्रदेश में अवैध कन्वर्जन के खिलाफ सख्त कार्रवाई: 8 वर्षों में 16 आरोपियों को सजा

Uttarakhand Amit Shah

उत्तराखंड: अमित शाह के दौरे के साथ 1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग सेरेमनी, औद्योगिक प्रगति को नई दिशा

Shubman Gill

England vs India series 2025: शुभमन गिल की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को झुकाया

मुंबई: ‘सिंदूर ब्रिज’ का हुआ उद्घाटन, ट्रैफिक जाम से मिलेगी बड़ी राहत

ब्रिटेन में मुस्लिमों के लिए वेबसाइट, पुरुषों के लिए चार निकाह की वकालत, वर्जिन बीवी की मांग

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies