हल्द्वानी के बहुचर्चित रेलवे अतिक्रमण मामले की सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड ने भी अपने को इस मामले में पक्ष बना लिए जाने की अर्जी दी है। इस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वक्फ बोर्ड के अधिकारियों का जवाब तलब किया। जिसके बाद अगली तारीख में उक्त प्रार्थना पत्र वापस लेने के लिए निर्देशित किया।
उल्लेखनीय है कि रेलवे और राज्य सरकार की भूमि पर कथित अतिक्रमण किए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, इस मामले को निचली अदालतों से लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सुना गया है। इसमें वक्फ बोर्ड कभी सामने नहीं आया था और अब उसने सीधे सुप्रीम कोर्ट में बिना सरकार के संज्ञान में लाए अर्जी दाखिल कर दी। बताया जाता है कि उक्त अर्जी चार साल पहले वक्फ बोर्ड ने तैयार की हुई थी और इसके पीछे उद्देश्य इस मामले को और लंबित करना था, जबकि केंद्र और राज्य सरकार इसका निस्तारण चाहती हैं। इस बारे में अगली सुनवाई 25 जुलाई को की जाएगी। इस दिन वक्फ बोर्ड अपनी अर्जी वापस ले सकता है।
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन को अपने विस्तार के लिए अपनी भूमि चाहिए जिस पर कथित रूप से अतिक्रमण किया हुआ है और ये मामला विवादों और सुर्खियों के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
इस कानूनी लड़ाई में अभी तक वक्फ बोर्ड दूर रहा लेकिन पिछली तारीख में उसने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के निवेदन पत्र दाखिल किया और दावा किया कि बनभूलपुरा रेलवे भूमि और राजस्व भूमि के कथित अतिक्रमण मामले में उसकी भी 19 संपत्तियां हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड की अर्जी को स्वीकार करते हुए अगली तारीख में अपना पक्ष रखने के लिए निर्देशित किया था। मामले की सुनवाई 25 जुलाई को होगी। अगली तारीख के लिए सरकार ने विधि विशेषज्ञों से परामर्श करना शुरू कर दिया और इस मामले में रेलवे और वक्फ बोर्ड से भी विचार विमर्श किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बनभूलपुरा क्षेत्र में गौला नदी से लगातार भूमि का कटाव हो रहा है और केंद्र और राज्य सरकार यहां अपने विस्तार कार्यों को पूरा नहीं कर पा रही है। जिसके लिए उसे भूमि चाहिए और भूमि का ये मामला कोर्ट में ही वर्षों से चल रहा है।
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