ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ पुरी मंदिर का रत्न भंडार आखिरकार एक बार फिर से 46 वर्षों के बाद आज खोला जाएगा। पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को रविवार को लिस्टिंग और संरक्षण के लिए खोला जाएगा। प्रदेश की मोहन चरण मांझी सरकार ने इसके लिए मंदिर प्रशासन को एसओपी जारी कर दी है।
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रत्न भंडार के लिस्टिंग और उसके संरक्षण की निगरानी करने वाले पैनल का अध्यक्ष उड़ीसा हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज जस्टिस बिश्वनाथ रथ को बनाया गया है। उन्हीं की निगरानी रत्न भंडार को खोला जाएगा। उन्होंने इसको लेकर कहा है कि फिलहाल राज्य सरकार की ओर से जो एसओपी जारी किया गया है उसके अंतर्गत रत्न भंडार को खोलने, भंडार के कीमती रत्नों और आभूषणों को एक निर्दिष्ट कमरे में स्थानांतरित करने और खजाने की संरचनात्मक स्थिति का आकलन और इसकी मरम्मत किया जाएगा।
जबकि, मंदिर के खजानों, रत्नों व दूसरे कीमती सामानों की लिस्टिंग के लिए प्रदेश सरकार बाद में दूसरी एसओपी जारी करेगी। हालांकि, रत्न भंडार को खोलने से पहले जस्टिस रथ , मंदिर की प्रबंध समिति और एएसआई की टीम मिलकर खजाने वाले कमरे में प्रवेश को लेकर रणनीति तैयार करेंगे।
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आखिरी बार 1982-1985 में खोला गया था रत्न भंडार
गौरतलब है कि जगन्नाथ पुरी मंदिर का रत्न भंडार बीते 46 सालों से बंद पड़ा है। इसे आखिरी बार वर्ष 1982 और 1985 में खोला गया था। इससे पहले वर्ष 1978 में प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल रहे बीडी शर्मा की अध्यक्षता वाली 9 सदस्यीय समिति ने ही मंदिर के कोषागार के बाहरी और भीतरी दोनों कक्षों की लिस्टिंग की थी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने मंदिर के रत्न भंडार को नहीं खोले जाने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। साथ ही ये वादा भी किया था कि सत्ता में आते ही रत्न भंडार को खोला जाएगा।
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