हैरानी की बात है कि यह चीनी सैन्य अड्डा इतना बड़ा है कि अंदर कई बख्तरबंद वाहन छुपाए जा सकें। इसी जगह टेस्ट साइट हैं, तो ईंधन तथा गोले-बारूद के जमावड़े की सुविधा भी बनाई गई है। यहां इस बंकर तक चीन की सेना सड़कों तथा खाइयों के रास्ते पहुंच सकती है, जिसका विशाल संजाल खड़ा किया गया है।
कम्युनिस्ट षड्यंत्रकारी देश चीन भारत के विरुद्ध लगातार साजिशें रच रहा है, लेकिन हर बार उसकी पोल खुल जाती है। ताजा जानकारी बताती है कि कम्युनिस्ट ड्रैगन लद्दाख के निकट बंकर खोद रहा है, हथियारों का जखीरा खड़ा कर रहा है। यह साजिश पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील से सटी सीमा के आस—पास चल रही है। दुश्मनी के भाव से चल रही इस हरकत का खुलासा ताजा उपग्रह तस्वीरों से हुआ है।
सीमा के पास चीन का भारी तादाद में हथियार इकट्ठा करना उसकी मंशा जताता है। इसे उजागर करतीं उपग्रह तस्वीरें अमेरिका की एक संस्था ‘ब्लैकस्काई’ द्वारा जारी की गई हैं। इस संस्था का कहना है कि इन तस्वीरों में साफ देख सकते हैं कि चीनी सैनिक बंकर तैयार कर रहे हैं। बेशक, ये बंकर हथियारों तथा ईंधन को जमा करने के लिए बनाए जा रहे हैं।
इस अमेरिकी संस्था ने आगे बताया है कि चीन द्वारा 2021-22 में ये बंकर तैयार किए गए लगते हैं। ठीक इसी जगह के आसपास कई चीनी बख्तरबंद सैनिक वाहन भी खड़े दिखाई देते हैं। उल्लेखनीय है कि लद्दाख में पैंगोंग झील के निकट ही सिरजैप नामक स्थान पर चीन की पीएलए का अड्डा है। इसी जगह चीन की सेना का हेडक्वार्टर है। यही वह जगह है जिसे भारत अपना बताता आ रहा है। हैरानी की बात है कि चीन की यह हिमाकत सीमा से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर चल रही है।
बात बहुत पुरानी नहीं है कि जब साल 2020 में 5 मई के दिन चीन और भारत के सीमा प्रहरियों के बीच चीन के घुसपैठ की कोशिश के बाद हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में चीनी सेना का बुरा हाल हुआ था और भारत के मुकाबले उसके कई गुना अधिक सैनिक मारे गए थे। तबसे ही चीन वहां दुश्मनी का भाव पाले सैन्य साजिशें रचता आ रहा है। उस वक्त वीरान इस इलाके में ही अब ताजा उपग्रह तस्वीरें उक्त साजिश का खुलासा कर रही हैं।
अमेरिकी संस्था ‘ब्लैकस्काई’ की उपग्रह तस्वीरें इसी साल 30 मई को ली बताई गई हैं। तस्वीरों में दिखता है कि वहां भूमिगत बंकर है जिसमें निकलने के पांच दरवाजे दिख रहे हैं। बंकर की बनावट ऐसी है कि जिससे हवाई आक्रमण से इसे कोई हानि न पहुंच पाए।
हैरानी की बात है कि यह चीनी सैन्य अड्डा इतना बड़ा है कि अंदर कई बख्तरबंद वाहन छुपाए जा सकें। इसी जगह टेस्ट साइट हैं, तो ईंधन तथा गोले-बारूद के जमावड़े की सुविधा भी बनाई गई है। यहां इस बंकर तक चीन की सेना सड़कों तथा खाइयों के रास्ते पहुंच सकती है, जिसका विशाल संजाल खड़ा किया गया है।
बताते हैं कि यह चीनी अड्डा उस गलवान वैली से सिर्फ 120 किलोमीटर दूर है जहां पर साल 2020 में उक्त भारत—चीन हिंसक झड़प हुई थी। इसमें संदेह नहीं है कि आज की तारीख में सैटेलाइट अथवा ड्रोन के जरिए सारा हाल जाना जा सकता है। इसलिए भारत के रक्षा विशेषज्ञों की नजर से यह चीनी साजिश छुपी नहीं रही होगी।
चीन पहले भी भारत के उत्तर-पूर्व में सिक्किम के निकट तिब्बत की तरफ अपने शिगात्से हवाई बेस पर J20 लड़ाकू विमान तैनात कर चुका है। हाल में ली गईं उपग्रह तस्वीरें इस बात का भी खुलासा करती हैं। उपग्रह चित्र चीनी लड़ाकू विमान J-20, J-10 तथा KJ-500 भी स्पष्ट दिखाते हैं। भारत का सुरक्षा तंत्र चीन की हरकतें जानता है और निश्चित ही इन सब बातों का भी उसे पता है। कम्युनिस्ट ड्रैगन की तरह से असावधान नहीं रहा जा सकता, यह बात विशेष रूप से ध्यान में रखनी होगी।
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