नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर अपनी सरकार की सफलताओं को उजागर किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई अब अंतिम चरण में है और बीते 10 वर्षों में आतंकी घटनाओं में बड़े स्तर पर कमी आई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “अब घाटी में आतंक और अलगाववाद सिर झुका रहा है। पत्थरबाज़ी की घटनाओं में भी कमी आई है और इसमें जम्मू-कश्मीर के लोग हमारी मदद कर रहे हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि घाटी में शांति और स्थिरता लौट रही है, जो इस क्षेत्र के विकास और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को संविधान की बात करना शोभा नहीं देता। इन लोगों ने दर्जनों आर्टिकल्स को, संविधान की आत्मा को छिन्न-भिन्न करने का पाप किया है। इनके मुंह से संविधान की बात शोभा नहीं देती, ये पाप करके बैठे हुए लोग हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएगी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा गया था, तब कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा, “जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं और दुनिया में लहराते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है, फिर संविधान दिवस क्यों लाएं?”
प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण के बाद राज्यसभा में माहौल गर्म हो गया और कांग्रेस के नेता उनकी टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देने लगे। पीएम मोदी ने अपने भाषण के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और विपक्ष की आलोचना के बावजूद वे अपने उद्देश्यों को पूरा करने में जुटे रहेंगे।
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