मध्य प्रदेश के इंदौर से घर वापसी का मामला प्रकाश में आया है, जहां इस्लामिक कट्टरता और हलाला जैसी कुप्रथाओं से तंग 35 मुस्लिमों ने सनातन धर्म अपनाया लिया। इन सभी लोगों को इंदौर के एक मंदिर में सनातन परंपरा के तहत पूजा पाठ करवाने के बाद हिन्दू धर्म में प्रवेश कराया गया।
क्या है पूरा मामला
इंदौर शहर में जिन मुस्लिमों ने घर वापसी की है, वे सभी लोग सनातन धर्म से प्रभावित थे। इस कारण से ये बहुत दिनों से सनातन धर्म में घर वापसी करने की कोशिशों में लगे हुए थे। इसके लिए इन सभी ने हिन्दू संगठनों से संपर्क किया, जिसके बाद हिन्दू संगठनों की मदद की मदद से शहर में स्थित एक बड़े मंदिर में मंदिर के पुजारी ने इन सभी की घर वापसी कराई।
खास बात ये है कि घर वापसी करने वाले लोग प्रदेश के अलग-अलग जिलों के रहने वाले थे। करीब 11-12 लोग इंदौर के ही रहने वाले हैं। बाकी के मुस्लिम लोग धार, देवास और मंदसौर जिले के रहने वाले हैं। घर वापसी करने वाले 35 लोगों में 10 महिलाएं भी शामिल हैं।
किन-किन लोगों ने की घर वापसी
इंदौर में जिन तीस लोगों ने घर वापसी की है, उसमें रज्जाक सैय्यद अब रोहित, नीलोफर बनी निकिता, अंजुम शाह बनी आरती, अक्षां शेख आकांक्षा बन गई, मुबारिक बन गया मनीष, अबरार बना अभिषेक, रहमान अब हीरालाल बन गया, रईश बन गया राजू, जमीला बी बनी जमनाबाई, सुरैया बन गई पूजा, रईस खान अब अर्पित, मेहरून बी अब ममता बन गई, रुकइया रुक्मिणी बन गई, जाकिर बना राहुल, शमीम शाह अब सानू बन गए हैं, जरीया से जानवी, रजिया से रानी समेत 35 लोगों ने घर वापसी की है।
मुस्लिमों की घर वापसी कराने वाले हिन्दू संगठन के एक पदाधिकारी ने बताया कि ये सभी लोग इस्लाम में प्रताड़ित थे। इन सभी का वहां पर दम घुट रहा था, क्योंकि ये लोग सनातन धर्म की सौम्यता से प्रभावित थे। ये सभी इस्लामिक कट्टरता और उसमें हलाला जैसी कुरीतियों से प्रभावित थे। इसी कारण से इन सभी ने घर वापसी की है। बहरहाल, इन सभी ने जिले के कलेक्ट्रेट में शपथ पत्र जमा करने जा रहे हैं।
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