तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि तमिलनाडु के कुछ लोग पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के लोगों के साथ मिलकर अफगानिस्तान से हेरोइन आयात करते हैं। राज्यपाल ने दावा किया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में इसकी पुष्टि हुई है।
राज्यपाल ने मंगलवार (25 जून 2024) को राजभवन में अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय जागरूकता अभियान का शुभारंभ करने के बाद कहा, “एनआईए की जांच से पता चला है कि तमिलनाडु में कुछ लोग पाकिस्तान और यूएई के लोगों की मदद से अफगानिस्तान से हेरोइन आयात कर रहे हैं। जब केरल के समुद्रतट के पास हेरोइन को जब्त किया गया था। तब ड्रग माफियाओं के पास एके 47 भी मिले थे।”
उन्होंने सत्तारूढ़ डीएमके सरकार पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि राज्य में नशीले पदार्थों की तस्करी के कारण कई आपराधिक घटनाएं हुई हैं, जिससे कई सामाजिक समस्याएं पैदा होती हैं। सभी को अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन करना चाहिए और तमिलनाडु में नशीले पदार्थों का आयात रोकना चाहिए।
राज्यपाल ने नशीली पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने हाल ही में राज्य में अवैध शराब से हुई मौतों की ओर इशारा करते हुए कहा कि पिछले साल चेंगलपट्टू और विल्लुपुरम जिलों में अवैध शराब के सेवन से कई लोगों की जान जाने के बाद राज्य पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन उसके बाद क्या कार्रवाई की गई? क्या असली दोषियों की पहचान हो पाई है? कल्लाकुरिची जिले में अवैध शराब पीने के कारण 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। यह दर्दनाक त्रासदी है। घटना के तीन दिन बाद तक कार्रवाई की जाती है, लेकिन उसके बाद यह नियमित हो जाती है और लगातार लोगों की जान जाती है।
उन्होंने कहा कि सरकार और समाज को एकजुट होकर नशा मुक्त समाज का संकल्प लेना होगा। इसमें किसी भी दल को राजनीति करने से बचना होगा। युवा नशे की लत में फंसते जा रहे हैं। हमारे देश का भविष्य नशे से प्रभावित हो रहा है। नशीली पदार्थ मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ”तमिलनाडु आने के पहले दिन से ही कई माता-पिता मुझसे मिल रहे हैं और स्कूलों-कॉलेजों में नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए कार्रवाई करने पर जोर दे रहे हैं।”
उन्होंने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए यह भी कहा कि वह तथ्यों को अस्वीकार कर नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों का बचाव कर रहे हैं। वे (राज्य सरकार) कह रहे हैं कि राज्य में कोई नशीले पदार्थों की तस्करी नहीं हो रही है। जब राज्यपाल ने इस बारे में पूछताछ की, तो उनसे कहा गया कि यहां केवल गांजा है और कोई अन्य नशीले पदार्थ इस्तेमाल नहीं किए जा रहे हैं। राज्य सरकार को इस मानसिकता से बाहर आना होगा कि तमिलनाडु में कोई नशीले पदार्थों की तस्करी नहीं हो रही है, अन्यथा युवाओं का जीवन प्रभावित हो सकता है।
उन्होंने नशीली पदार्थों के दुष्प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि हमने अपने देश में देखा है कि पंजाब, जो कभी सबसे खुशहाल राज्य हुआ करता था, दो-तीन दशकों के भीतर नशे से कितना प्रभावित हुआ है। राज्यपाल ने सिंथेटिक ड्रग्स के खतरनाक प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नशे की अत्यधिक लत लोगों के मौत का कारण बनती जा रही हैं। तमिलनाडु में केवल गांजा मौजूद होने के दावों के बावजूद, हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां पूरे राज्य में सिंथेटिक ड्रग्स जब्त कर रही हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि जब माता-पिता इस समस्या से अवगत हैं, तो जांच एजेंसियां कैसे जागरूक नहीं हैं?
उन्होंने कहा, “जब हम किसी समस्या से इनकार करते हैं, तो समस्या और जटिल हो जाती है। अगर आप इससे इनकार करते हैं, तो इसका मतलब है कि आप समस्या का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं।” तमिलनाडु के राज्यपाल ने आगे चेतावनी दी कि नशीली पदार्थों और अवैध शराब के उपयोग को अनदेखा करना लोगों के साथ अन्याय है। यह उनके भविष्य को खतरे में डालता है। बिना किसी मिलीभगत के इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि राज्य में नशीले पदार्थों की तस्करी नहीं हो रही है।
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