पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून वहां पर रहने वाले न केवल अल्पसंख्यकों, बल्कि खुद मुस्लिमों के लिए भी काल बन रहा है। ईशनिंदा का आरोप लगाकर इस्लामिक कट्टरपंथी किसी भी हत्या कर देते हैं। ऐसी ही एक वारदात उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में हुई, जहां मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ ने एक पुलिस स्टेशन में जबरन घुसकर वहां पर तोड़फोड़ की और वहां पर बंद मोहम्मद इस्माइल नाम के व्यक्ति को जेल से बाहर खींच लिया औऱ उसकी हत्या कर दी। उस पर आरोप लगाया गया कि उसने कुरान का अपमान किया था।
क्या है पूरा मामला
बताया जाता है कि इस्लामिक बर्बरता की ये घटना बीते गुरुवार की है, जब खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कस्बे में मोहम्मद इस्माइल नाम का व्यक्ति एक होटल में रुका हुआ था। वह एक पर्यटक था और वहां घूमने के इरादे से आया हुआ था। लेकिन, वहीं के स्थानीय मुस्लिमों की भीड़ ने उस पर हमला कर दिया। हालांकि, पुलिस वाले उसे होटल से निकालकर बचाने के लिए उसे पुलिस स्टेशन ले गए, लेकिन वहां इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा।
कथित ईशनिंदा का आरोप लगाकर कट्टरपंथियों की भीड़ उसके खून की प्यासी बनी हुई थी। पहले तो पुलिसवालों ने लोगों को रोकने की कोशिशें की, लेकिन इस्लामिक कट्टरपंथियों की भड़की भीड़ के सामने किसी की एक न चली। कट्टरपंथी उसे जेल से बाहर खींच लाए और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी रहीम उल्लाह ने बताया कि हमलावरों ने मदयान कस्बे के पुलिस स्टेशन को जला दिया है, साथ ही वहां खड़ी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। बहरहाल अतिरिक्त पुलिस फोर्स को मदयान भेजा गया था। हालांकि, अभी तक किसी भी हमलावर को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
दुश्मनी निकालने का हथियार बन गया है ईशनिंदा कानून
गौरतलब है कि इस्लामिक कट्टरपंथी देश पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून बहुत ही कठोर है। यहां ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा तक हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार समूह यह मानते हैं कि ईशनिंदा के आरोपों का इस्तेमाल अक्सर धार्मिक अल्पसंख्यकों को डराने और व्यक्तिगत बदला लेने के लिए किया जाता है।
पिछले महीने, पाकिस्तान के पूर्वी पंजाब प्रांत में एक भीड़ ने 72 वर्षीय एक ईसाई व्यक्ति नजीर मसीह पर कुरान के पन्नों का अपमान करने का आरोप लगाकर हमला किया। बाद में एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
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