उत्तराखंड के हिल स्टेशनों में इस साल गर्मी का प्रकोप असामान्य रूप से बढ़ गया है। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मसूरी, जिसे ‘पहाड़ों की रानी’ कहा जाता है, का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। वहीं, झीलों की नगरी नैनीताल में भी तापमान 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।
पर्यटन पर पड़ा असर
मैदानी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पर्यटक गर्मी से निजात पाने के लिए पहाड़ों की ओर रुख करते हैं। लेकिन इस बार पहाड़ों के ठंडे रहने वाले नगरों का तापमान भी मैदानी क्षेत्रों की तरह ही गर्म हो गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में कभी इतनी भीषण गर्मी का सामना नहीं किया। ग्लोबल वार्मिंग का असर पहाड़ों पर भी साफ नजर आ रहा है। बदरीनाथ और केदारनाथ जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी दिन का तापमान असामान्य रूप से गर्म हो गया है।
देहरादून घाटी का हाल
मैदानी क्षेत्रों में देहरादून घाटी का तापमान भी इस बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। सामान्यतः गर्मी बढ़ने पर शाम को ठंडी हवा चलने लगती थी और बारिश शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है। रुड़की और हरिद्वार में भी गर्मी का पारा 44 से 45 डिग्री तक पहुंच चुका है।
हल्द्वानी और राजस्थान में समानता
भावर क्षेत्र का प्रमुख नगर हल्द्वानी का तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है, जो राजस्थान के जयपुर के तापमान के समान है। जून माह में ऐसी गर्मी पहले कभी नहीं देखी गई थी।
अन्य हिल स्टेशनों की स्थिति
अल्मोड़ा, रानीखेत, धनोल्टी, धानाचूली और मुक्तेश्वर जैसे हिल स्टेशनों में भी तापमान 30 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच चुका है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, आज से गर्मी में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। 22 जून से पहाड़ों में मानसून आने का अनुमान है और हल्की बारिश शुरू हो सकती है। इस वर्ष मार्च के बाद से औसत से 15 प्रतिशत कम बारिश हुई है। अगले एक हफ्ते में प्री मानसून शॉवर होने की भी संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट होगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
पर्यटन और स्थानीय बाजारों पर असर
भीषण गर्मी के कारण पहाड़ी पर्यटन स्थलों के बाजार दिन भर सूने रहते हैं। जहां पहले पंखे तक नहीं चलते थे, अब वहां एसी और कूलर लगाए जा रहे हैं।
उत्तराखंड के हिल स्टेशनों में इस असामान्य गर्मी का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि मानसून के आगमन से तापमान में गिरावट आएगी और लोग राहत की सांस ले सकेंगे।
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