राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, असम क्षेत्र (अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और असम) का कार्यकर्ता विकास वर्ग 8 जून को संपन्न हुआ। 20 दिवसीय यह वर्ग 18 मई को अगरतला के खैरपुर स्थित सेवाधाम में प्रारंभ हुआ था। वर्ग में 152 प्रशिक्षु, 30 प्रशिक्षक और 41 विभिन्न पदाधिकारियों ने भाग लिया। यह देशभर में आयोजित कुल 14 कार्यकर्ता विकास वर्गों में से एक था।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे त्रिपुरा के प्रमुख व्यवसायी श्री रतन देबनाथ, तो वर्ग सर्वाधिकारी थे उत्तर असम प्रांत के सह प्रांत संघचालक श्री प्रदीप सैकिया।
मुख्य वक्ता और असम क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक श्री वशिष्ठ बेजबरुआ ने कहा कि भारत के ऋषियों ने अनादि काल से ही विश्व को अनेक बहुमूल्य शास्त्रों का ज्ञान दिया है।
पश्चिम पूरी दुनिया को बाजार मानता है, जबकि भारत पूरी दुनिया को परिवार मानता है। हमारे ऋषियों ने कहा है-वसुधैव कुटुम्बकम्। हमारी सामाजिक व्यवस्था इस बात पर केंद्रित है कि मनुष्य को नर से नारायण कैसे बनाया जाए।
दूसरी ओर पश्चिमी सभ्यता भौतिकवादी मनुष्य की अवधारणा से ग्रस्त है। उन्होंने भारत की महान विरासत को बनाए रखने के लिए संघ की भूमिका पर चर्चा की। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन कर लोगों को चकित कर दिया।
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