मलेशिया से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक इस्लामिक कट्टरपंथी फिरदौस वोंग पर कई नाबालिग बच्चों को चोरी-छुपे इस्लाम में कन्वर्ट करने का आरोप लगा है। इसको लेकर उसकी खूब आलोचना की जा रही है। आरोप है कि एक कार्यक्रम में सवाल और जबाव के सत्र में आरोपी ने खुद इस बात को कबूल किया कि Tik Tok पर उसने एक वीडियो अपलोड किया है, जिसमें इस्लाम से सहानुभूति रखने वालों को किस तरह से इस्लाम कबूल करवाना है।
उसने बताया कि उसके Tik Tok वीडियो को सोशल मीडिया पर अब तक 74000 से भी अधिक बार देखा जा चुका है। फिरदौस ने युवाओं को इस्लाम में परिवर्तित करने की अपील की है। हालांकि,आरोपी ने खुद ही इस बात को स्वीकार किया है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का इस्लामिक कन्वर्जन धर्मांतरण कानून के खिलाफ है। ऐसे में अगर यह मामला अदालत में गया तो कन्वर्जन निरस्त हो जाएगा। फिरदौस ने मौलानाओं अपील की है कि वो नाबालिगों को ये सिखाएं कि किस तरह से वो अपने माता-पिता की चोरी से अपने घरों से बाहर इस्लामिक तौर तरीकों में रह सकते हैं।
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अगर किसी नाबालिग बच्चे के पास घर में अपना कमरा है तो वो कमरा बंद करके अजान कर सकता है।
मलेशियाई इंडियन्स पीपुल्स पार्टी ने उपदेशक को बैन करने की मांग
इस बीच मलेशियाई इंडियन पीपुल्स पार्टी का राष्ट्रीय सूचना प्रमुख एम सुथन ने देश के शिक्षा मंत्रालय से आरोपी फिरदौस को देश के सरकारी स्कूलों में जाने से प्रतिबंधित करने की मांग की है। सुथन का कहना है कि फिरदौस का नाबालिगों को चुपके से इस्लामिक कन्वर्जन कराने का सुझाव गैरकानूनी है। यह गैर-मुस्लिम माता-पिता के लिए बहुत ही असंवेदनशील रवैया है।
सुथन ने कहा कि कौन कहता है कि सात से 17 वर्ष की आयु के बच्चों को अपने माता-पिता की अनुमति के बिना धर्म परिवर्तन करने की अनुमति है?
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