आधुनिक जीवनशैली में योग की कमी और गलत खान-पान की आदतों के कारण आज लोग जानलेवा और गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। वर्तमान में डायबिटीज (मधुमेह) आम और सबसे गंभीर बीमारी में से एक है। दुनिया भर के युवाओं और वृद्धों में डायबिटीज की बीमारी तेजी से फैल रही है। इसके होने का सबसे बड़ा कारण है, हमारी खराब जीनवशैली है। ऐसे में संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए यह बहुत ही जरूरी है कि हम अपने खानपान और नियमित योग पर विशेष ध्यान दें। योग से न केवल हमारा शरीर शुद्ध होता है, बल्कि स्वस्थ भी रहता है। योग हमारे शरीर से अनेक तरह के टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालता है। यही नहीं हृदय रोग दूर करने के लिए भी योग फायदेमंद है। इसके अलावा आप योग करके महंगी दवाइयों और उनसे होने वाले साइड इफेक्ट्स से भी बच सकते हैं। आज हम अपने लेख में आपको अनुलोम-विलोम प्राणायाम के फायदे बताने जा रहे हैं। इसे आप पार्क, घर की छत या फिर किसी खुले मैदान में भी कर सकते हैं।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
नाड़ियों की शुद्धि के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम बेहद महत्वपूर्ण है। इसे नाड़ी शोधम प्राणायाम भी कहा जाता है। नाड़ियों को शक्ति देने के लिए, माइग्रेन, डिप्रेशन, सिरदर्द, हृदय संबंधी बीमारी, उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप और स्ट्रेस लेने के वालों के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम बेहद जरूरी है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम कैसे करें
अनुलोम-विलोम करने के लिए सबसे पहले एक मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं। अगर आप पद्मासन की मुद्रा में नहीं बैठ सकते, तो सुखासन मुद्रा में भी बैठ सकते हैं। किसी के लिए जमीन पर बैठना मुश्किल है, तो कुर्सी पर बैठ सकते हैं। इसके बाद रीढ़ व गर्दन को सीधा रखते हुए अपनी दोनों आंखें बंद कर लें और एक लंबी गहरी सांस लें फिर धीरे से छोड़ दें। खुद को एकाग्र करने की कोशिश करें। दाएं (सीधे) हाथ के अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से धीरे-धीरे गहरी सांस लें। सांस लेने में ज्यादा जोर न लगाएं। अब दाएं हाथ की मध्य उंगली से बाईं नासिका को बंद करें और दाईं नासिका से अंगूठे को हटाते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें। कुछ सेकंड रुककर दाईं नासिका से गहरी सांस लें। इसके बाद दाहिने अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से दाहिनी हाथ की मध्य उंगली को हटाकर धीरे-धीरे सांस छोड़ें। एक बार में ऐसे पांच से सात चक्र कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को प्रतिदिन करीब 10 मिनट कर सकते हैं।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम के फायदे
अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने से एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। त्वचा में चमक और आंखों की रोशनी बेहतर होती है। इसके साथ ही गुस्सा, बेचैनी, निराशा और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। इस योग के अभ्यास से मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है और वजन घटाने में भी मदद मिलती है।
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