लोकसभा चुनाव-2024 में वामपंथ के गढ़ केरल में भाजपा ने खाता खोल दिया है। सुरेश गोपी त्रिशुर से चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने सीपीआई के वीएस सुनील कुमार को 74686 वोटों के अंतर से हराया। लेकिन सबसे अहम बात ये है कि प्रदेश में भाजपा का जनाधार बढ़ा है। जो कि आने वाले वक्त में कई अन्य सीटें भी ला सकता है। प्रदेश में भाजपा के वोटिंग प्रतिशत में 3 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।
पिछले लोकसभा चुनाव (2019) के दौरान प्रदेश में बीजेपी को केवल 13 फीसदी वोट मिले थे। जबकि, इस बार भाजपा ने 16.4 फीसदी वोट हासिल किए हैं। भाजपा को केरल में इस बार 32,96,354 वोट यानि की 16.4 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं। पिछली बार भाजपा को सिर्फ 13 प्रतिशत वोट ही मिल पाए थे।
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कांग्रेस का जनाधार 2 फीसदी गिरा
वहीं केरल में 14 सीटें जीतकर खुशी मना रही कांग्रेस का प्रदेश में जनाधार गिरा है। यहां कांग्रेस को कुल 69,27,111 वोट मिले, जो कि पिछली बार की तुलना में दो फीसदी कम हैं। वहीं 15 सीटों पर वामपंथी सीपीएम को कुल मिलाकर 51,00,964 ही मिले, जो कि पूरे वोट का करीब 25.82 फीसदी है। वहीं पिछली बार के चुनावों को देखें तो सीपीएम को 14 सीटों पर कुल 25.97% वोट शेयर मिले थे। पोन्नानी और इडुक्की में सीपीएम के इंडिपेंडेंट चुनाव चिन्ह पर भी उम्मीदवार चुनाव लड़े थे, जिन्हें 4.24 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। इस तरह से वर्ष 2019 में सीपीएम को यहां 30.6 प्रतिशत वोट मिले थे। लेकिन इस बार वामपंथी पार्टी के वोटों में 2.71 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
किस दल को कितने फीसदी वोट मिले
2024 लोकसभा चुनाव में केरल में कांग्रेस को इस बार 35.06 फीसदी वोट मिले हैं, जो कि पिछली बार के 37.46 प्रतिशत से कम है। वामपंथी सीपीएम के वोटों में भी कुछ गिरावट दर्ज की गई है। जहां सीपीएम को 25.82 प्रतिशत वोट मिले हैं (पिछली बार ये 25.97 प्रतिशत थे), जो कि इस बार 0.15 फीसदी गिरे हैं। वहीं भाजपा के वोटिंग प्रतिशत में इस बार 3 फीसदी का उछाल देखा गया है। जबकि, मुस्लिम लीग का भी मत प्रतिशत पिछली बार के 5.48 से बढ़कर 6.07 फीसदी बढ़ गया है।
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