नई दिल्ली । आमिर खान की फिल्म ‘PK’ (2014) को कौन भूल सकता है, जिसमें हिन्दू धर्म के प्रतीकों का मजाक उड़ाया गया था। भगवान शिव को लेकर अपमानजनक दृश्य और हिन्दू संतों को गुंडा के रूप में दर्शाना आज भी कई लोगों के दिल में चुभता है। अब, ऐसा प्रतीत होता है कि आमिर खान ने यह मशाल अपने बेटे जुनैद खान को सौंप दी है। जुनैद खान का जन्म 1994 में हुआ था और वे आमिर खान और उनकी पहली पत्नी रीना दत्ता के बेटे हैं।
यशराज फिल्म्स और नेटफ्लिक्स मिलकर ‘महाराज’ नामक एक फिल्म बना रहे हैं, जो जुनैद खान की पहली फिल्म होगी। यह फिल्म 1862 में घटित हुए ‘महाराज लिबेल केस’ पर आधारित है। इस मामले में धर्मगुरु जदुनाथजी बृजरतनजी महाराज ने गुजराती अखबार ‘सत्यप्रकाश’ के लेखक करसंदास मूलजी द्वारा लिखे गए एक लेख को लेकर मानहानि का मामला दर्ज करवाया था। इस लेख में वैष्णव पंथ के ‘पुष्टिमार्ग’ (वल्लभ संप्रदाय) के साधुओं पर गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिनमें प्रमुख आरोप यह था कि जदुनाथजी के कई महिलाओं से यौन संबंध हैं और भक्तों को अपनी पत्नी साधुओं को सौंपनी पड़ती है।
फिल्म में जुनैद खान करसंदास मूलजी का किरदार निभाएंगे, जबकि जयदीप अहलावत एक हिन्दू साधु के रूप में विलेन का रोल करेंगे। फिल्म के पोस्टर को रिलीज करते हुए निर्माताओं ने यह संदेश दिया कि 162 वर्षों बाद आखिरकार दिखाया जाएगा कि कैसे एक व्यक्ति ने अपने संकल्प की शक्ति से यथास्थिति को चुनौती दी।
‘महाराज’ का यह मामला 19वीं सदी के गुजरात की सामाजिक और धार्मिक व्यवस्थाओं को उजागर करता है। बंबई सुप्रीम कोर्ट ने इस मानहानि केस का फैसला पत्रकार करसंदास मूलजी के पक्ष में सुनाया था। यह फैसला अंग्रेज जज जोसेफ अरनॉल्ड ने सुनाया था।
अब सवाल यह है कि मदरसों में हो रहे बलात्कार की घटनाओं के बीच इस तरह की फिल्म बना कर क्या नैरेटिव पेश किया जा रहा है? फिल्म को लेकर जारी इस विवाद से यह साफ है कि आमिर खान और उनके बेटे जुनैद खान एक बार फिर से उसी राह पर चल रहे हैं, जिसमें हिन्दू धर्म और संतों का नकारात्मक चित्रण किया गया है। इससे यह भी सवाल उठता है कि बॉलीवुड में हिन्दू धर्म के खिलाफ इस तरह की फिल्मों को प्रोत्साहित करने का क्या उद्देश्य हो सकता है?
फिल्म ‘महाराज’ को लेकर कई हिंदुत्व निष्ठ संगठनों ने भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इतिहास के विवादित और अस्पष्ट मामलों को फिल्मों के माध्यम से भड़काने की कोशिश की जा रही है, जिससे समाज में तनाव बढ़ सकता है।
बरहाल फिल्म ‘महाराज’ के साथ जुनैद खान का डेब्यू विवादों में घिरता दिख रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसे लेकर किस प्रकार की प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं। क्योंकि यह फिल्म इतिहास के एक ऐसे अध्याय को पर्दे पर उतारेगी, जो धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से संवेदनशील है।
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