उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 1 जून 2024 से राज्य में एक ही दुकान पर पान मसाला और तंबाकू की संयुक्त बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इस आदेश का उद्देश्य राज्य में तंबाकू और उससे संबंधित उत्पादों के सेवन को नियंत्रित करना और जनस्वास्थ्य को सुधारना है। राज्य सरकार ने इस आदेश को सख्ती से लागू करने का निर्देश जारी किया है।
पिछला प्रतिबंध और उसकी अवहेलना
उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2013 में उत्तर प्रदेश सरकार ने तंबाकू युक्त पान मसाले के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। इस प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाना और तंबाकू सेवन के खिलाफ सख्त कदम उठाना था। हालांकि, कुछ कंपनियों ने इस प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए पान मसाले के साथ तंबाकू के पाउच की बिक्री जारी रखी। इन कंपनियों ने अलग-अलग पाउच में पान मसाला और तंबाकू बेचकर नियमों की अनदेखी की, जिससे यह आवश्यक हो गया कि सरकार इस दिशा में और कठोर कदम उठाए।
नए प्रतिबंध का उद्देश्य
सरकार का यह नया आदेश उन दुकानों को प्रभावित करता है जो पान मसाला और तंबाकू दोनों को एक ही जगह पर बेच रही थे। इस प्रतिबंध का उद्देश्य इन उत्पादों की उपलब्धता को कम करना और लोगों को तंबाकू सेवन की लत से छुटकारा दिलवाना है। यह प्रतिबंध राज्य के सभी जिलों में लागू होगा और इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
जनस्वास्थ्य पर प्रभाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि तंबाकू और पान मसाले का सेवन कैंसर, हृदय रोग और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का प्रमुख कारण है। सरकार के इस फैसले से इन उत्पादों की सहज उपलब्धता में कमी आएगी, जिससे इनसे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों में भी कमी आएगी। इस प्रतिबंध से विशेषकर युवाओं को तंबाकू सेवन से दूर रखने में मदद मिलेगी, जो अक्सर इन उत्पादों के सेवन की आदत में फंस जाते हैं।
दुकानदारों और उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
सरकार के इस फैसले पर दुकानदारों और उपभोक्ताओं की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई दुकानदारों का कहना है कि इससे उनकी आमदनी पर असर पड़ेगा, जबकि कुछ का मानना है कि यह जनस्वास्थ्य के लिए एक सकारात्मक कदम है। उपभोक्ता भी इस फैसले को लेकर विभाजित हैं, कुछ लोग इस प्रतिबंध का समर्थन करते हैं जबकि अन्य इसे उनकी स्वतंत्रता पर अंकुश मानते हैं।
भविष्य की योजना
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस प्रतिबंध का सख्ती से पालन किया जाएगा और इसका उल्लंघन करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, सरकार तंबाकू के सेवन के खिलाफ जन जागरूकता अभियान भी चलाने की योजना बना रही है, जिससे लोग इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक हो सकें। बरहाल उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य में तंबाकू और पान मसाले के सेवन पर नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल जनस्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि तंबाकू से होने वाली बीमारियों और मृत्युदर में भी कमी आएगी। सरकार और समाज दोनों की यह जिम्मेदारी है कि वे इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें और तंबाकू मुक्त समाज की ओर अग्रसर हों।
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