इजरायल और हमास के बीच युद्ध के करीब 7 माह हो चुके हैं। लेकिन इसका कोई नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है। इजरायली हमलों से गाजा धूल और धुएं का ढेर बन चुका है। इस बीच दुनियाभर में फिलिस्तीनियों के प्रति सहानुभूति बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में अमेरिकी विश्वविद्यालयों में हमास के समर्थन में होने वाले प्रदर्शनों से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि प्रदर्शनों में शामिल लोगों का ‘इस्लामिक कन्वर्जन’ मुस्लिम करा रहे हैं।
द न्यू अमेरिकन की रिपोर्ट के मुताबिक, वैसे तो महीनों से अमेरिकी विश्वविद्यालय हमास समर्थक, फ़िलिस्तीन समर्थक, इज़रायल विरोधी विरोध प्रदर्शनों की मेजबानी कर रहे हैं। इनका मुख्य टार्गेट कम से कम सतही तौर पर अमेरिका के पॉलिसी मेकर्स को इस बात के लिए राजी करना रहा है कि अमेरिका इजरायल पर दबाव बनाकर गाजा हमले को रुकवाए। इसी प्रदर्शन की कवरेज करते हुए TNA का एक रिपोर्टर ने विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय के दो परिसरों का दौरा किया तो वहां पता चला कि कट्टरपंथी इस्लामिस्टों ने इस्लामिक कन्वर्जन कराना शुरू कर दिया है।
कौन लोग हैं टार्गेट पर
जानकारों का कहना है कि इस तरह के प्रदर्शनों का इस्तेमाल कट्टरपंथी इस्लामिस्ट लोगों को मुसलमान बनाने के लिए करते हैं। कट्टरपंथियों के निशाने पर दो तरह के लोग होते हैं। पहले वो जो फिलिस्तीन और हमास के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों में शामिल रहे हैं, जबकि वे मुस्लिम नहीं हैं। दूसरे वो लोग जो आतंकी संगठन हमास और फिलिस्तीन के प्रति अपनी सहानुभूति रखते हैं।
खास बात ये है कि अमेरिका में फिलिस्तीन का समर्थकन और इजरायल का विरोध करने का ट्रेंड बढ़ा है और इसके लिए चीनी प्लेटफॉर्म टिकटोक को जिम्मेदार माना जाता है। गौरतलब है कि बीते दिनों कई अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रदर्शनकारियों ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कब्जा कर लिया था। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने बल प्रयोग कर विश्वविद्यालयों को खाली करवाया था।
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