ऋषिकेश । जहां एक ओर भारतीय युवाओं में भारतीय संस्कृति और धर्म से दूर जाने की प्रवृत्ति देखी जा रही है, वहीं विदेशी नागरिकों में भारतीय सभ्यता और सनातन धर्म को अपनाने की दिशा में रुचि बढ़ रही है। इसी का एक ताज़ा उदाहरण सोमवार को देखने को मिला जब पोलैंड के युवक पावेल क्वास्निविस्की ने सनातन धर्म अपनाया और वैदिक रीति-रिवाज के साथ नामकरण संस्कार यज्ञ का हिस्सा बने। इस मौके पर उन्हें कालिदास नाम दिया गया।
घटना ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर हुई, जहां कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस विशेष अवसर पर ज्योतिषाचार्य सोनिया राज ने पावेल को दीक्षा दी। इसके बाद, सनातन धर्म के अनुसार हवन और पूजन की विधि की गई। पावेल ने पीतांबर धोती और जनेऊ पहनकर वैदिक पद्धति से पूजा की। दीक्षा के बाद, उनका नामकरण संस्कार किया गया और उनका नया नाम “कालिदास” रखा गया।
नामकरण संस्कार के बाद, कालिदास ने बताया कि उन्होंने मां काली की शरण में जाने और उच्च साधना के लिए मंत्र की दीक्षा ली है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म अपनाने से उन्हें एक अलग शांति और ऊर्जा की अनुभूति हो रही है। साथ ही, उन्होंने इस नए जीवन के लिए संतोष और उत्साह भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म अपनाकर वह बेहद खुश हैं और उन्हें इसका कोई पछतावा नहीं है।
कालिदास ने यह भी बताया कि अब वे अपने गुरुदेव और सनातन धर्म की सेवा में जीवन को समर्पित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा, आचार्य अभिनव पोखरियाल और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
बता दें कि भारतीय संस्कृति और धर्म की गहराई और उसके महत्व को समझने के लिए देश-विदेश के लोग सनातन को अपनाने के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार आते रहते हैं। सनातन धर्म के प्रति विदेशी नागरिकों की बढ़ती रुचि इस बात का प्रमाण है कि भारतीय संस्कृति का आकर्षण सीमाओं से परे है।
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