गत 15 से 17 मार्च तक नागपुर में रेशिमबाग स्थित स्मृति मंदिर परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संम्पन्न हुई। इसमें सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत, सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले व संघ के अन्य अखिल भारतीय अधिकारियों की उपस्थिति में देश के सामने उपस्थित ज्वलंत विषयों पर गहन विचार मंथन हुआ।
तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा के उद्घाटन सत्र में परंपरानुसार सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने गत वर्ष का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें संघ कार्य की पहुंच, विभिन्न आनुषांगिक संगठनों की गतिविधियों और वर्ष के दौरान हुए कुछ विशेष कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। इसके बाद, 45 प्रांतों से आए 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने विभिन्न सत्रों में जिन विषयों पर मंथन किया, उनमें प्रमुख रूप से संघ कार्य विस्तार, अयोध्या में श्रीराम मंदिर का उद्घाटन और श्रीरामलला की प्राणप्रतिष्ठा का महोत्सव, देवी अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी, लोकतंत्र के विशिष्ट पर्व लोकसभा चुनाव, मणिपुर का त्रासद घटनाक्रम, समाज में महिलाओं की सहभागिता, संदेशखाली में महिलाओं के साथ दुराचार और उनका यौन उत्पीड़न जैसे विषय रहे। यहां प्रस्तुत हैं सरकार्यवाह श्री होसबाले द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन और पारित प्रस्ताव के प्रमुख अंश
छह वर्ष के अंतराल के बाद पुन: नागपुर के इस पावन परिसर में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का आयोजन हुआ है। मेरा विश्वास है कि सभी के पूर्ण सहयोग-सहभाग से यह बैठक आनंददायी वातावरण में संपन्न होगी। विगत वर्ष में कार्य विस्तार हेतु किये प्रयासों का परिणाम मिला है। संघ के स्वयंसेवकों ने विस्तार के साथ ही विभिन्न प्रकार के संगठनात्मक तथा समाजोन्मुखी कार्य किए है। विशेषकर अयोध्या में उन्होंने श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में अत्यधिक स्थानों में किये व्यापक गृह संपर्क का एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
संगठन श्रेणी एवं जागरण श्रेणी के कार्य करने से संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ सामाजिक दृष्टि से भी उल्लेखनीय प्रगति संभव हुई है। शाखाओं के विस्तार, स्वयंसेवकों की संख्यात्मक वृद्धि के साथ गुणात्मक तथा प्रभावात्मक दृष्टि से भी हम आगे बढ़े हैं।
यह अतीव दु:खद है कि गत वर्ष के इस कालावधि में अनेक बंधु एवं भगिनी अपनी जीवन यात्रा को समाप्त कर हम से दूर चले गए। उनके प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हम उनकी सद्गति के लिए प्रार्थना करते हैं।
आरोग्य भारती
आरोग्य भारती 21 वर्ष से समग्र स्वास्थ्य की दिशा में काम कर रही है। यह लगभग 500 जिलों में नियमित गतिविधियां संचालित करती है। इसमें सेवा से लेकर शोध कार्य तक, शहरी, ग्रामीण और आदिवासी, सभी चिकित्सा व गैर-चिकित्सा को साथ लेकर 24 अलग-अलग विषयों पर काम किया जा रहा है। पिछले वर्ष 229 जिलों में 933 स्थानों पर 13,696 पुरुष एवं महिला आरोग्य मित्रों को प्रशिक्षित किया गया था। 257 जिलों में 973 स्थानों पर 16,612 लोग नियमित योगाभ्यास करते हैं। 351 जिलों के 1,462 स्कूलों में छात्रों को स्वास्थ्य देखभाल के बारे में जागरूक किया गया।
आरोग्य भारती ने 173 जिलों में 574 स्थानों पर 10,294 महिलाओं के उत्थान के लिए भी काम किया है। इसके संगठनात्मक ढांचे में कुल 871 जिले हैं, जिनमें से 379 जिलों में समितिया, 217 जिलों में सक्रिय टीमें और 165 जिलों में समन्वयक नियुक्त हैं। कुल 761 जिले क्रियाशील हैं। आरोग्य भारती ने 6 दिसंबर, 2023 को तमिलनाडु में मिचौंग चक्रवात के कारण बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान कीं। इसके तहत, 49 शिविरों के माध्यम से 4,369 लोगों (1,752 पुरुष, 2,179 महिलाएं, 438 बच्चे) को लाभ हुआ। इस परियोजना में 230 श्रमिकों ने भाग लिया, जिनमें 8 विभिन्न संगठन, 114 डॉक्टर, 45 मेडिकल छात्र, 168 नर्स और फार्मासिस्ट शामिल थे।
भारत विकास परिषद्
भारत विकास परिषद दिव्यांगों की सहायता के लिए देशभर में 13 केंद्र चला रही है। अब तक दिव्यांगों को उपकरण और रोजगार सहायता के साथ कुल 3,23,445 कृत्रिम अंग वितरित किए जा चुके हैं। सामाजिक कल्याण के लिए कार्य करते हुए भारत विकास परिषद समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए परियोजनाएं भी चलाती है, जैसे शौचालय निर्माण, कढ़ाई-सिलाई केंद्र, कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, पुस्तकालय, चिकित्सा वैन, सौर संयंत्र, पेयजल और अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र। परिषद द्वारा आयोजित विभिन्न स्वास्थ्य जांच शिविरों से अब तक 14,43,767 लोग लाभान्वित हुए हैं, जिनमें रक्तदान शिविर, दिव्यांग शिविर, नेत्र जांच शिविर आदि शामिल हैं।
भारतीय मजदूर संघ
भारतीय मजदूर संघ (भा.म.स) 31 प्रांतों के 710 जिलों में काम कर रहा है। लगभग 595 जिलों में इसकी समितियां बनाई जा चुकी हैं। पिछले एक वर्ष में योजना कर्मियों (आंगनवाड़ी, आशा, मध्याह्न भोजन), खेतिहर ग्रामीण मजदूरों, ठेका मजदूरों, अन्य मजदूरों, मत्स्य पालन, घरेलू कामगारों और निजी परिवहन (ग्रामीण और शहरी) क्षेत्र तथा असंगठित श्रमिकों के बीच भा.म.स का काम बढ़ा है। पिछले वर्ष हरियाणा में आंगनवाड़ी बहनों ने मानदेय 15,000 रुपये करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद सरकार ने बातचीत की और मासिक मानदेय 11,476 रुपये से बढ़ाकर 14,000 रुपये करने के साथ 2 लाख रुपये के सेवानिवृत्ति लाभ की भी घोषणा की। 28 दिसंबर, 2023 को भा.म.स के अखिल भारतीय संगठन सचिव बी. सुरेंद्रन के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में संगठन के प्रतिनिधियों ने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और उन्हें राज्य में श्रमिकों के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं से अवगत कराया।
राष्ट्र सेविका समिति
राष्ट्र सेविका समिति की अर्धवार्षिक बैठक 23-25 फरवरी, 2024 को शांता अक्का जी की उपस्थिति में काशी में आयोजित की गई। इस बैठक में 35 प्रांतों से 111 सेविकाएं उपस्थित थीं। राष्ट्र सेविका समिति 38 प्रांतों के कुल 12 क्षेत्रों में कार्य कर रही है। यह 810 जिलों में सक्रिय है और 343 जिलों में काम करती है। वर्तमान में 498 दैनिक, 3,209 साप्ताहिक शाखाएं और 609 मिलन हैं। राष्ट्र सेविका समिति कुल 1,424 सेवा कार्य चला रही है।
प्रज्ञा प्रवाह
दिसंबर 2023 में गुजरात के सोमनाथ में प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय प्रांत संयोजक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में अगले वर्ष की योजना पर चर्चा की गई थी। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कार्य का विस्तार 37 प्रांतों तक कर दिया गया है। 108 महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में कुल 535 अध्ययन केंद्र सक्रिय हैं। 2023-24 में सक्रिय कार्यकर्ताओं की कुल संख्या 12,757 थी, जिनमें 3,265 महिलाएं और 8,592 पुरुष थे। देशभर में 118 विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 13,383 लोगों ने हिस्सा लिया। साथ ही 167 पुस्तकें प्रकाशित हुईं।
विश्व हिंदू परिषद
विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में श्रीरामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा योजना और इसके कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विहिप के धर्माचार्य संपर्क विभाग ने अथक प्रयास किया। देश-विदेश से कुल 4,292 संतों को आमंत्रित किया गया था, जिनमें से 3,107 समारोह में शामिल हुए। साथ ही, कुल 101 कथावाचकों ने भाग लिया। इस समारोह में 36 घुमंतू जनजातियों सहित 131 परंपराओं, सभी संप्रदायों और जातियों के संत भी उपस्थित रहे।
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद
यह अधिवक्ताओं का एक अखिल भारतीय संगठन है, जो समय पर न्याय दिलाने के लिए तंत्र में हस्तक्षेप करता है और नागरिकों के कल्याण एवं राष्ट्र के महत्वपूर्ण संस्थानों के कायाकल्प के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया में योगदान देता है। विगत वर्ष में राष्ट्रीय, प्रांत एवं जिला स्तर पर अनेक अभ्यास वर्ग एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। 9-10 मार्च, 2024 को दिल्ली में संपर्क आयाम की एक राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें देश के सभी राज्यों से 150 अधिवक्ताओं ने भाग लिया। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद द्वारा 17-18 फरवरी, 2024 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मुकदमा आयाम की एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें सभी राज्यों से कुल 135 प्रमुख कार्यकर्ता शामिल हुए। इसी प्रकार, 9-10 सितंबर, 2023 को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में उत्तर प्रदेश (बृज-काशी-अवध) और उत्तराखंड की राज्य इकाइयों के कार्यकारिणी सदस्यों के लिए अभ्यास वर्ग का आयोजन किया गया, जिसमें 65 अधिवक्ताओं ने भाग लिया। पश्चिम क्षेत्र का अभ्यास वर्ग 9-10 सितंबर, 2023 को आयोजित किया गया था। इसमें 6 राज्यों के कुल 110 प्रमुख कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और 10 सत्रों में संगठन के सभी विषयों पर चर्चा की गई। कार्यकारी निकाय उत्तर क्षत्र के लिए अभ्यास वर्ग का आयोजन 20 सितंबर से 1 अक्तूबर, 2023 तक चंडीगढ़ में किया गया था, जिसमें लगभग 160 अधिवक्ताओं ने भाग लिया था।
दीनदयाल शोध संस्थान
दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना 8 मार्च, 1968 को श्री नानाजी देशमुख के मार्गदर्शन में की गई थी, जो वर्तमान में ‘एकात्म मानववाद’ के दर्शन को मान्य करने के लिए काम कर रहा है। भारतीय समाज के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास और पुनर्निर्माण को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य, स्वच्छता, प्राथमिक शिक्षा, स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण आदि के लिए सेवाएं प्रदान करने जैसे विकास के मॉडल विकसित किए गए हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश के गोंडा, बलरामपुर, चित्रकूट (उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश), बीड और नागपुर (महाराष्ट्र) सहित विभिन्न केंद्रों पर विकासात्मक कार्यक्रम चलाए गए हैं। बीते वर्षों में संस्थान ने सामाजिक अनुसंधान के क्षेत्र में कई नए सोपान चढ़े हैं। संस्थान देशभर में सांस्कृतिक ज्ञान और परंपराओं के प्रसार के लिए एक माध्यम बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस प्रयास में संस्थान के विद्वानों और शोधकर्ताओं ने 26 राज्यों के 1,000 से अधिक सांस्कृतिक विद्वानों और विशेषज्ञों के साथ सीधे बातचीत की है, मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से पर्याप्त सामग्री एकत्र की है।
लोक संस्कृति के विभिन्न पहलू सामने आए हैं, जिनके माध्यम से देशज ज्ञान की परंपरा आगे बढ़ी है। लोक ज्ञान की सभी संपदा का प्रतिनिधित्व करने वाली लोक कथाएं, सामाजिक रीति-रिवाजों और त्योहारों का दस्तावेजीकरण किया गया है। इसके अतिरिक्त, संस्था के परामर्शदाताओं ने सामाजिक उत्थान के लक्ष्य के साथ हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाने के लिए विविध सामाजिक रीति-रिवाजों और दृष्टिकोणों का निर्माण किया है।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ
पिछले वर्ष महासंघ ने शिक्षा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया। इसने विभिन्न प्रतिष्ठित केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व राष्ट्रीय संस्थानों के निदेशकों के साथ बैठकें कीं, ताकि उन्हें संगठन के साहित्य, वार्षिक कैलेंडर और अन्य गतिविधियों और दृष्टिकोणों से परिचित कराया जा सके। सांसद संपर्क अभियान के हिस्से के रूप में संसद सदस्यों के साथ संपर्क स्थापित कर उन्हें संगठनात्मक गतिविधियों, संगठन की भविष्य की योजनाओं और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई। इस अभियान के तहत 350 सांसदों से संपर्क किया गया। तिरुपति, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई आदि स्थानों पर वॉयस आॅफ एकेडेमिक्स जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां शिक्षाविदों ने राष्ट्र-निर्माण पर बौद्धिक चर्चा की और व्याख्यान दिए। विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यान्वयन’, ‘विकसित भारत’ और ‘वैश्विक मंच पर भारत’ जैसे विषयों पर विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध सम्मेलन आयोजित किए गए। इन सम्मेलनों में देशभर के 2,740 शिक्षाविदों ने भाग लिया।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत
पिछले वर्ष ग्राहक पंचायत को आनलाइन कर दिया गया। इसमें 12,220 सदस्यों की भागीदारी देखी गई। लोग अब मोबाइल एप के जरिए भी सदस्य बन सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। कुल सदस्यता 1,300 के करीब पहुंच गई है। पिछले वर्ष की तुलना में संगठनात्मक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 को अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में मनाया गया। रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत की उपस्थिति में 9 से 11 नवंबर तक हरियाणा के समालखा में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग 1000 गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें श्री भागवत ने ‘भारतीय ग्राहक आंदोलन’ नामक पुस्तक का विमोचन किया।
क्रीड़ा भारती
क्रीड़ा भारती की स्थापना 1992 में ‘फिट इंडिया-हिट इंडिया’ बनाने की दृष्टि से की गई थी। यह स्थापित खेलों के साथ-साथ पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देकर सभी भारतीयों की भागीदारी और विकास की परिकल्पना करती है। एक ‘क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा’ आयोजित की गई, जिसमें 1,37,029 उम्मीदवारों ने भाग लिया। इनमें 74,068 लड़के और 62,961 लड़कियां थीं। सबसे अधिक पंजीकरण गुजरात (27,294) में हुए। इसके बाद महाराष्ट्र (20,968), हरियाणा (13,869) और उत्तरी तमिलनाडु (13,349) रहे। क्रीड़ा भारती ने पंजाब में नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ ‘तिरंगा यात्रा’ का आयोजन किया। यह मार्च शहीद सुखदेव सिंह के लुधियाना स्थित आवास से शुरू हुआ और शहीद भगत सिंह के घर पर समाप्त हुआ। इस मार्च में सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
23 मार्च को गुजरात के वडोदरा में ‘बलिदान दिवस’ पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। बाबासाहेब आंबेडकर जयंती के मौके पर ‘हेल्पिंग द हीरोज’ अभियान की शुरुआत की गई और जयपुर में भी रक्तदान अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम में सेवा भारती और सी-20 के सहयोग से ‘सेवा की भारतीय भावना को समझना: इसकी जड़ें और महत्व’ विषय पर एक संवाद भी शामिल था। इसके साथ नई दिल्ली के जेएनयू में ‘अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारतीय दर्शन’ पर एक ‘टेड’ (प्रौद्योगिकी, मनोरंजन और डिजाइन) परिचर्चा का आयोजन किया गया। सेवा भारती पहल के हिस्से के रूप में ओडिशा के बालासोर में रेल दुर्घटना में पीड़ितों को सहायता प्रदान करने, भोजन और पानी वितरित करने व अन्य राहत गतिविधियों के साथ-साथ एक रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया। पिछले वर्ष मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के दौरान हजारों लोग विस्थापित हुए थे। वहां राहत प्रयास किए गए, जिनमें राशन, महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड और नवजात शिशुओं के लिए किट का वितरण शामिल था। इससे हजारों प्रभावित लोग लाभान्वित हुए।
सेवा भारती
सेवा भारती का लक्ष्य वंचितों को अवसर और कौशल प्रदान करना है। यह शिक्षा (13,122), स्वास्थ्य (7,343), आत्मनिर्भरता (4,556) और सामाजिक मुद्दों (5,808) के क्षेत्र में 30,829 सेवा कार्यों के माध्यम से समाज को सशक्त बना रहा है। 2023-24 में सेवा भारती ने ‘मेरी बस्ती, मेरी अयोध्या’ का संकल्प लेते हुए जरूरत पड़ने पर सेवा प्रदान करने का लक्ष्य रखा। दिसंबर 2023 तक इसने इंदौर शहर में 353 जरूरतमंद बच्चों को आवश्यक सेवाएं प्रदान की थीं। वर्तमान में इन बच्चों के लिए 722 सेवा गतिविधियां चल रही हैं। इस अवधि में सेवा भारती ने चक्रवात तौकता से प्रभावित सौराष्ट्र/गुजरात के तटीय क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरित की। 2,340 परिवारों को राशन किट, 719 परिवारों को बिस्तर किट और 820 परिवारों को बर्तन किट दिए गए। वडोदरा में आयोजित स्वास्थ्य शिविर से 142 लोगों को लाभ हुआ। इसके अतिरिक्त, 5,848 परिवारों को आवश्यक सामग्री, राशन किट और दवाएं वितरित की गर्इं। कुल 142 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए। बालासोर रेल दुर्घटना के दौरान घायलों की सहायता में सेवा भारती सबसे आगे थी। इसके अतिरिक्त, सेवा भारती ने मरीजों को 750 यूनिट रक्त उपलब्ध कराया। एन्नोर (तमिलनाडु) में चक्रवात अम्फान के दौरान सेवा भारती ने प्रभावित क्षेत्रों में 2,000 से अधिक परिवारों को राहत सामग्री प्रदान की।
विद्या भारती
2023-24 में विद्या भारती ने देशभर के 776 जिलों में काम किया। यह 12,098 औपचारिक विद्यालय चला रहा है, जिसमें 31,25,969 छात्र और 1,99,544 छात्र अनौपचारिक विद्यालयों, 3,985 एकल विद्यालयों, 4,480 संस्कार केंद्रों और 20,563 शिक्षण केंद्रों में पढ़ रहे हैं। विद्या भारती द्वारा संचालित स्कूलों में 66,779 दिव्यांग छात्र भी पढ़ रहे हैं। यह देशभर में 54 कॉलेज भी चला रहा है। पिछले एक वर्ष में विद्या भारती ने 1,502 स्कूलों में अपशिष्ट जल प्रबंधन, 2,280 स्कूलों में ईको-ब्रिक प्रक्रिया, 221 केंद्रों में सौर ऊर्जा प्रणाली, 156 केंद्रों में नक्षत्र वाटिका, 3,421 केंद्रों में पॉलिथीन मुक्त अभियान आदि कई पहल की हैं।
स्वदेशी जागरण मंच
स्वदेशी जागरण मंच पिछले 33 वर्ष से भारत को आर्थिक क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनाने के लिए काम कर रहा है। पिछले दो वर्ष से यह भारत को आत्मनिर्भर, पूर्ण रोजगार, गरीबी मुक्त और समृद्ध बनाने के लिए काम कर रहा है। इस वर्ष अभियान और मंच अच्छी प्रगति कर रहे हैं और उनका दायरा और अधिक बढ़ाया जा रहा है। जून और जुलाई में मंच ने पूरे देश में सफलतापूर्वक ‘अर्थ संग्रह अभियान’ चलाया। देशभर में स्वदेशी मेलों का भी आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य छोटे व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना है। यह उन्हें एक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपने उत्पादों और सेवाओं को बड़े समूहों तक पहुंचा सकें। 2023-24 में देशभर में कुल 19 मेले आयोजित किए गए।
सक्षम
समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) एक राष्ट्रीय धर्मार्थ संगठन है, जो दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए समर्पित है। वर्तमान में दृष्टिबाधित लोगों की सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हुए यह विभिन्न दिव्यांगों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। चुपचाप, लेकिन प्रभावी ढंग से काम करते हुए सक्षम ने 44 प्रांतों के 336 जिलों में इकाइयां स्थापित की हैं, जिसमें 163 दिव्यांग केंद्र हैं और इससे 82,711 लोग लाभान्वित हुए हैं। इसने विशेष रूप से 800 दिव्यांगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं, जो उनके जीवन को बेहतर बनाने और समाज में उनके समावेश को बढ़ावा देने के प्रति उसके समर्पण का उदाहरण है।
सीमा जागरण मंच
सीमा जागरण मंच विभिन्न राज्यों की सीमाओं पर अलग-अलग नामों से संचालित होता है, जैसे पूर्वोत्तर में सीमांत चेतना मंच, पंजाब में सरहदी लोक सेवा संस्था और राजस्थान में सीमा जन कल्याण समिति। यह राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, जिला और स्थानीय स्तर पर एक संरचित संगठन बनाकर जागरुकता और सतर्कता पैदा करता है। फिलहाल, यह देश के 109 जिलों में सक्रिय है और 75 जिलों में इस पर काम चल रहा है। सीमा जागरण मंच ने 706 स्थानों पर रक्षा बंधन कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें रक्षा अधिकारियों और छात्रों सहित 33,990 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसी प्रकार, 447 स्थानों पर अखंड भारत कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें रक्षा अधिकारियों और छात्रों सहित 28,239 प्रतिभागी शामिल हुए।
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद्
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्व सैनिकों की देशभक्ति, अनुशासन और बलिदान की भावना को एकीकृत करने और भारत को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में गौरव के शिखर पर पहुंचाने हेतु उनके प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह 37 प्रांतों के 403 जिलों में 1,35,644 की कुल सदस्यता के साथ काम कर रहा है। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, छत्तीसगढ़ के सैनिक प्रशिक्षण केंद्र के तत्वाधान में प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से अभनपुर के 8 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। हालांकि, उनमें से केवल 5 उम्मीदवार ही शारीरिक परीक्षण के लिए योग्य थे।
महिला समन्वय
वर्ष 2023-24 में महिला समन्वय ने 43 प्रांतों में कई महिला सम्मेलनों का आयोजन किया, जिसमें कुल 5,57,555 बहनों की उपस्थिति रहीं। बंगाल के संदेशखाली में हिंदू विरोधी घटनाओं के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रव्यापी संदेश प्रसारित किया गया, जिससे राज्य सरकार के रुख के विरोध में लगभग 40 स्थानों पर प्रदर्शन हुए और ज्ञापन सौंपा गया। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से तीन कार्यशालाएं आयोजित की गईं। पहली, 8 सितंबर, 2023 को ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित की गई, जिसका विषय था- ‘महिलाएं और निर्णय लेने में कॉरपोरेट की भूमिकाएं’, 13 सितंबर, 2023 को गुजरात के अमदाबाद में आयोजित दूसरी कार्यशाला का विषय था ‘महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य’ और 11 दिसंबर को वडोदरा में आयोजित तीसरी कार्यशाला ‘महिलाएं और स्वास्थ्य’ विषय पर केंद्रित थी। इसके अलावा, मणिपुर में संकटग्रस्त महिलाओं के बारे में मीनाक्षी ताई पशिवेजी के साथ एक बैठक की गई और उनके उत्थान के लिए अनाथ बच्चों की शिक्षा के लिए विद्या भारती को 1,60,000 रुपये की राशि दी गई।
सेवा विभाग
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प्रत्येक 5 वर्ष में होने वाले सेवा सर्वे का काम पूर्ण हुआ। 2019 के समान इस वर्ष भी मोबाइल एप के द्वारा 16,303 कार्यकर्ताओं ने कार्य को पूरा किया। पूरे देश में सभी मातृ संस्थाओं सहित कुल सेवाकार्य (दैनिक या साप्ताहिक) व उपक्रमों (वर्ष में 2, 3 बार आयोजित) की संख्या 1,22,890 है।
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इन सेवा कार्यों में सेवित जन की संख्या भी उल्लेखनीय है। शिक्षा, स्वावलंबन तथा सामाजिक सेवा कार्यों में 21,45,000 व्यक्तियों ने नियमित सेवा प्राप्त कर अपने जीवन को शिक्षित व उन्नत बनाने का प्रयत्न किया, जबकि स्वास्थ्य प्रकल्पों में 87,16,000, अन्नदान योजना में 27,35,000 से अधिक व्यक्ति लाभान्वित हुए।
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ग्रामीण क्षेत्र में 19,208, जनजातीय क्षेत्र में 19,034 और शहरों की सेवा बस्ती में 14,268 सेवा कार्य नियमित रूप से चल रहे हैं। मातृ संगठन (21,681) और सेवा भारती (30,829) के कुल नियमित सेवा कार्यों की संख्या 52,510 है।
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आयाम अनुसार नियमित सेवा कार्य संख्या : शिक्षा- 25,819, स्वास्थ्य – 12,012, स्वावलंबन सामाजिक – 6,626 8,053।
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इस पूरे वर्ष में किये गए सेवा उपक्रमों की संख्या 70,380 है।
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इस वर्ष में 22,109 स्वच्छता कार्यक्रम तथा 9,306 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए। 2,003 रक्तदान शिविरों में 1,26,927 यूनिट रक्तदान किया गया।
परम पूजनीय सरसंघचालक जी का प्रवास
2023-24 में सरसंघचालक जी के सात प्रांतों के प्रवास हुए। शारीरिक प्रधान प्रकट कार्यक्रम, दायित्ववान कार्यकर्ता परिवार संवाद, प्रचारकों से संवाद, मकर संक्रांति उत्सव आदि जैसे कार्यक्रमों में उपस्थित रहना हुआ। इसके अलावा प्रबुद्धजन गोष्ठी, पुस्तक विमोचन, समारोह आदि में आप उपस्थित रहे। इस वर्ष 5 स्थानों पर सभी 11 क्षेत्रों की क्षेत्र कार्यकरिणी की दो दिवसीय बैठक संपन्न हुई। इस वर्ष किसी न किसी निमित्त 35 प्रान्तों मे जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। कर्णावती, नागपुर तथा दिल्ली में युवा उद्यमियों के साथ कार्यक्रम संपन्न हुए। प्रचार विभाग कोंकण प्रांत द्वारा मुंबई में हिन्दी तथा मराठी सिने जगत के ख्यातनाम चयनित निर्माता, निर्देशकों, कलाकारों, लेखकों तथा पुरस्कार प्राप्त गणमान्यों के साथ अनौपचारिक संवाद हुआ। प्रवास में विभिन्न स्थानों पर संत-महात्माओं से आशीर्वाद प्राप्त किये। 26 जनवरी 2024 को नागपुर संघ कार्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर तिरंगा झंडा फहराया। 23 नवंबर 2023 को उन्होंने थाईलैंड में वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस 2023 का उद्घाटन किया।
सरकार्यवाह जी का प्रवास
2023-24 में सभी 11 क्षेत्रों में प्रवास हुआ। स्वयंसेवक एकत्रीकरण, ज्येष्ठ प्रचारक एवं वरिष्ठ स्वयंसेवकों के साथ संवाद, कार्यकर्ता शिविर, विशिष्ट जन संपर्क आदि कार्यक्रम भी अनेक स्थानों पर हुए। देशभर में कार्य विस्तार की दृष्टि से नित्य शाखा, बस्ती, मंडल को लेकर कार्यक्रम, योजनाओं के माध्यम से कार्य को गति देने में सर्वत्र कार्यकर्ता उत्साह से लगे हैं। जयपुर, उत्तर बिहार, उत्तर तमिलनाडु, अरुणाचल, पंजाब आदि प्रांतों में एकत्रीकरण तथा केरल के कोट्टायम में वैकोम सत्याग्रह की शताब्दी वर्ष को निमित्त बनाकर स्वयंसेवकों के एकत्रीकरण कार्यक्रम संपन्न हुए।
दक्षिण बिहार, महाकौशल, ब्रज, कानपुर, काशी प्रांतों में मुख्य शिक्षक, कार्यवाह एवं शाखा टोली को लेकर प्रबोधन के कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। कोयंबतूर एवं भुवनेश्वर में नगर स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद हुआ। प्रवास में दक्षिण बेंगलुरु (कर्नाटक), कोरबा (छत्तीसगढ़), (देहरादून) उत्तराखंड, गुवाहाटी (उत्तर असम) में कार्यकर्ता कुटुंब मिलन के कार्यक्रम हुए तथा हिमाचल के ऊना में स्वयंसेवक परिवारों के साथ मकर संक्रांति उत्सव में सहभागिता रही।
अन्य कार्यक्रम
ग्राम विकास के प्रभात ग्राम दर्शन हेतु मालवा प्रांत में हरदा और प. महाराष्ट्र में शिवे नामक गांवों में दिन भर रहकर ग्राम विकास के कार्यों का दर्शन एवं कार्य में लगे कार्यकर्ता एवं ग्रामजन के साथ संवाद हुआ। समरसता गुरुकुल प्रकल्प में जाना हुआ। जयपुर में अप्रैल 2023 में राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा संपन्न राष्ट्रीय सेवा संगम, कर्णावती में जुलाई में माईग्रेंट पाकिस्तानी हिन्दू डॉक्टरों को भारत में मिले नागरिक अधिकारों के निमित्त स्वागत समारोह और मुंबई में अगस्त 2023 में आयोजित हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला के कार्यकर्ता सम्मेलन में सहभाग एवं उद्बोधन हुआ। जुलाई 2023 में इंदौर में शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350वें वर्ष के उपलक्ष्य में व्याख्यान और दिल्ली में इसी उपलक्ष्य में सार्वजनिक समारोह तथा श्री शैलम में छत्रपति शिवाजी स्फूर्ति केन्द्र का दर्शन किया।
शारीरिक शिक्षण विभाग
अखिल भारतीय खेल कार्यशाला 17 से 19 नवंबर 2023 को कर्णावती (गुजरात) में संपन्न हुई। 37 प्रांतों से 72 शिक्षार्थी तथा 14 शिक्षक उपस्थित थे। अखिल भारतीय प्रहार महायज्ञ 16 दिसंबर 2023, सहभागी शाखा 42,455, मिलन 6,885, स्वयंसेवक 6,53,1651.
बौद्धिक शिक्षण विभाग
21-23 जुलाई 2023 को बौद्धिक विभाग की अखिल भारतीय बैठक मेरठ प्रांत के गाजियाबाद महानगर में संपन्न हुई। कुल 103 में से 90 कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इस वर्ष की योजना के अनुसार सभी प्रांतों के 324 विभागों में से 207 विभागों में बैठकें हुईं। 10698 अपेक्षित कार्यकर्ताओं में से 5387 कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी प्रांतों में प्रांत, विभाग या जिला स्तर पर प्रार्थना, गीत, मानचित्र परिचय, समाचार समीक्षा, दीर्घ कथा और वीडियो
कार्य विस्तार
कर्नाटक उत्तर-मंडल में कार्य विस्तार को गति देने के लिए पिछले तीन वर्ष से मंडल केंद्रित प्रवास की योजना चल रही है। इस वर्ष की योजना में 1659 कार्यकर्ताओं ने 15 दिन के प्रवास किये। 17 दिसंबर 2023 को प्रांत के 1990 मंडलों में से 1717 पर प्रवास हुआ। 5005 स्थानों पर 6954 शाखाएं चली। 706 बस्ती में से 638 बस्ती में शाखा चलीं। उस दिन की उपस्थिति तरुण 35586, बालक 22600 और शिशु 6039 रही।
आंध्र प्रदेश-पिछले 3 साल से करनूल विभाग ने 2025 तक विभाग के हर गांव में संघ कार्यकर्ता तयार हों, इसके लिए हर गांव में प्रवास की योजना बनाई। 2021 में श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान में 13500 कार्यकर्ता गांव-गांव गए।
गुजरात-साबरकांठा जिले मे कार्यविस्तार और दृढ़ीकरण के लक्ष्य को लेकर वार्षिक योजना बैठक में एक दिवसीय सम्मलेन हुआ। 2022 में 15 स्थानों पर 37 शाखाएं, 36 मिलन तथा 6 मंडलियां थीं। 3 वर्ष के सतत प्रयास से अब 73 स्थानों पर 111 शाखाएं, 112 मिलन तथा 149 मंडलियां हैं।
सौराष्ट्र-राजकोट महानगर में 7 जनवरी 2024 को सभी बस्तियों से स्वयंसेवकों के एकत्रीकरण के लिए कार्यविस्तार कुंभ-2024 का आयोजन किया गया। कुल 223 बस्तियों में से 200 बस्तियों में 2271 संख्या रही तथा 1100 नए गणवेश बने।
महाकौशल-प्रांत में शाखा विस्तार एवं मण्डल स्तर तक कार्यविस्तार के लिए उपखंड /उपनगर शीत शिविर की योजना बनी। खंड एवं जिला स्थानों पर संचालन टोली का प्रशिक्षण हुआ। 170 नवीन शाखाओं की वृद्धि हुई।
चित्तौड़-तीन वर्ष पूर्व उदयपुर महानगर के कार्यकर्ताओं ने कार्य विस्तार की योजना तैयार की। वर्तमान में 266 उपबस्तियों में से 221 उपबस्तियों में शाखा अथवा मिलन है। सभी 33 सेवा बस्ती में शाखा चल रही है। पिछले तीन वर्ष में 45 मिलन में ध्वज प्रदान कार्यक्रम हुए। महानगर में 12 शाखाओं के माध्यम से नई शाखाएं प्रारंभ हुई है।
जोधपुर-जालोर जिले में कार्य विस्तार के लिये 3 वर्ष की योजना बनाई गयी। जहां पिछले 10 वर्ष में शाखाएं लगी थीं वे स्थान, प्रवासी कार्यकर्ता के स्थान, संघ शिक्षा वर्ग शिक्षित कार्यकर्ता के स्थान आदि पर प्रयत्न हुआ। मार्च 2022 में स्थान 68, शाखा 90, मिलन 13, मंडली 10 थीं वहीं अब फरवरी 2024 में स्थान 100, शाखा 116, मिलन 16, तथा मण्डली 14 हैं।
हरियाणा-12-14 जनवरी 2024 को प. पू. सरसंघचालक जी का प्रांत प्रवास हुआ।
मेरठ-सराहनपुर महानगर में प्रत्येक नगर की बस्तियों में जहां कभी शाखा अथवा मिलन रहा है या जहां संपर्क है, ऐसे स्थान निश्चित कर महानगर के प्रत्येक प्रवासी कार्यकर्ता द्वारा एक सप्ताह उसी स्थान पर जाकर शाखा शुरू करने का अभियान लिया गया। 255 प्रवासी कार्यकर्ताओं ने 160 स्थानों पर प्रवास किया।
ओडिशा-पश्चिम कोरापुट जिला अन्तर्गत कुन्द्रा विकास खण्ड में शाखा कुम्भ का आयोजन किया गया। एक ही मैदान में 108 ध्वज लगाकर अलग अलग शारीरिक कार्यक्रम किये गए।
उत्तर असम-कार्य विस्तार हेतु 23 जनवरी 2024 को बरपेटा जिले में नई शाखा प्रारंभ करने और शाखा विहीन मंडलों में शाखा अथवा साप्ताहिक मिलन शुरू करने हेतु ‘आजाद हिंद शाखा संगम’ संपन्न हुआ।
दक्षिण असम-विस्तारक सप्ताह योजना में 76 स्थानों पर 104 विस्तारक निकले, जिसमें 57 नये स्थान थे।
कर्नाटक दक्षिण -प्रांत का घोष वर्ग 23-25 दिसंबर 2023 को सम्पन्न हुआ। 37 जिलों के 50 तहसील तथा 111 नगरों के 831 वादक वर्ग में सम्मिलित हुए।
कर्नाटक उत्तर-धारवाड़ के पास गरग में आयोजित शिविर में 235 मंडलों से 630 कार्यकर्ता तथा होसपेट के पास हगरीबोम्मनहल्ली में आयोजित शिविर में 309 मंडलों से 735 कार्यकर्ता उपस्थित थे।
आन्ध्र प्रदेश-विशाखा महानगर में जून 2023 में 58 शाखाओं में 26 घोष शिक्षकों का 7 दिन प्रवास हुआ। 8 जनवरी 2024 को ‘स्वर सागर’ कार्यक्रम में 32 घोष वादकों का लगातार 78 मिनट का वादन हुआ।
छत्तीसगढ़-दंतेवाड़ा जिले में विजयादशमी के उत्सव पर 495 बाल स्वयंसेवकों का पथ संचलन हुआ। खंडों व नगरों में 13 नई शाखाएं शुरू हुईं।
चित्तौड़-प्रांत के आठ विभाग केंद्रों पर गुणवत्तापूर्ण शारीरिक प्रदर्शन हुए जिसमें 1531 स्वयंसेवकों द्वारा शारीरिक प्रदर्शन तथा 202 स्वयंसेवकों द्वारा घोष प्रदर्शन हुए।
जोधपुर-बीकानेर महानगर के स्वयंसेवकों को ग्रामीण जीवन शैली का परिचय कराने हेतु हुए उपक्रम में 80 स्वयंसेवक सहभागी हुए। 21 जनवरी को गुणवत्तापूर्ण पथ संचलन व शारीरिक प्रधान कार्यक्रम संपन्न हुआ।
दिल्ली-सभी गतिविधियों से जुड़ी समाज की सज्जन शक्ति को संपर्क करने की व्यापक योजना बनायी गई। प्रांत स्तर पर प्रत्येक गतिविधि की सज्जन शक्ति संगम आयोजित हुआ।
जम्मू-कश्मीर-कार्यवाह श्रेणी के दायित्व के कार्यकर्ता बंधुओं के प्रशिक्षण का वर्ग सम्पन्न हुआ। सहसरकार्यवाह मुकुंदा जी उपस्थित थे। वर्ग में अपेक्षित 272 कार्यकर्ता में से 161 उपस्थित थे। 4 फरवरी 2024 को जम्मू में प्राध्यापक स्वयंसेवकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।
काशी-प्रयाग दक्षिण भाग द्वारा 6-7 जनवरी 2024 को 5वीं से 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए शिविर का आयोजन किया गया। सुल्तानपुर नगर में बाल शिविर एवं पथ संचलन का आयोजन किया गया। 5 नई संयुक्त विद्यार्थी शाखाएं प्रारम्भ हुईं।
मध्यबंग प्रान्त-6 जिलों में नियमित उत्सव केंद्रित वक्ता प्रशिक्षण, 8 नगरों में प्रार्थना अभ्यास कार्यशालाएं, 32 शाखाओं एवं 13 मिलन में मानचित्र परिचय कार्यक्रम आयोजित किये गए।
श्रीराम मन्दिर से राष्ट्रीय पुनरुत्थान की ओर
पौष शुक्ल द्वादशी, युगाब्द 5125 (22 जनवरी 2024) को श्रीराम जन्मभूमि पर श्री रामलला के विग्रह की भव्य-दिव्य प्राणप्रतिष्ठा विश्व इतिहास का एक अलौकिक एवं स्वर्णिम पृष्ठ है। हिन्दू समाज के सैकड़ों वर्ष के सतत संघर्ष एवं बलिदानों, पूज्य संतों और महापुरुषों के मार्गदर्शन में चले राष्ट्रव्यापी आंदोलन तथा समाज के विभिन्न घटकों के सामूहिक संकल्प के परिणामस्वरूप संघर्षकाल के एक दीर्घ अध्याय का सुखद समाधान हुआ।
इस पवित्र दिवस को जीवन में साक्षात् देखने के शुभ अवसर के पीछे शोधकर्ताओं, पुरातत्वविदों, विचारकों, विधिवेत्ताओं, संचार माध्यमों, बलिदानी कारसेवकों सहित आंदोलनरत समस्त हिन्दू समाज तथा शासन-प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान विशेष उल्लेखनीय है। अ.भा.प्र.सभा इस संघर्ष में जीवन अर्पण करने वाले सभी हुतात्माओं के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उपर्युक्त सभी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती है।
श्रीराम मन्दिर में अभिमंत्रित अक्षत वितरण अभियान में समाज के समस्त वर्गों की सक्रिय सहभागिता रही। लाखों रामभक्तों ने सभी नगरों और अधिकांश गांवों में करोड़ों परिवारों से संपर्क किया। 22 जनवरी 2024 को भारत ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व में अद्भुुत आयोजन किये गए। गली-गली और गांव-गांव में स्वप्रेरणा से निकली शोभायात्राओं, घर-घर में आयोजित दीपोत्सवों तथा लहराती भगवा पताकाओं और मंदिरों-धर्मस्थलों में हुए संकीर्तनों आदि के आयोजनों ने समाज में एक नवीन ऊर्जा का संचार किया।
श्री अयोध्याधाम में प्राणप्रतिष्ठा के दिन देश के धार्मिक, राजनीतिक एवं समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के शीर्ष नेतृत्व तथा सभी मत-पंथ-सम्प्रदायों के पूजनीय संतवृंद की गरिमामयी उपस्थिति थी। उनकी उपस्थिति इस बात की द्योतक है कि श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप समरस, सुगठित राष्ट्रजीवन खड़ा करने का वातावरण बन गया है। यह भारत के पुनरुत्थान के गौरवशाली अध्याय के प्रारंभ का संकेत भी है। श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से परकीयों के शासन और संघर्षकाल में आई आत्मविश्वास की कमी और आत्मविस्मृति से समाज बाहर आ रहा है। सम्पूर्ण समाज हिंदुत्व के भाव से ओतप्रोत होकर अपने ‘स्व’ को जानने तथा उसके आधार पर जीने के लिए तत्पर हो रहा है।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन हमें सामाजिक दायित्वों के प्रति प्रतिबद्ध रहते हुए समाज व राष्टÑ के लिए त्याग करने की प्रेरणा देता है। उनकी शासन पद्धति ‘रामराज्य’ के नाम से विश्व इतिहास में प्रतिष्ठित हुई, जिसके आदर्श सार्वभौमिक व सार्वकालिक हैं। जीवन मूल्यों का क्षरण, मानवीय संवेदनाओं में आई कमी, विस्तारवाद के कारण बढ़ती हिंसा व क्रूरता आदि चुनौतियों का सामना करने हेतु रामराज्य की संकल्पना सम्पूर्ण विश्व के लिए आज भी अनुकरणीय है।
प्रतिनिधि सभा का यह सुविचारित मत है कि सम्पूर्ण समाज अपने जीवन में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों को प्रतिष्ठित करने का संकल्प ले, जिससे राममंदिर के पुनर्निर्माण का उद्देश्य सार्थक होगा। श्रीराम के जीवन में परिलक्षित त्याग, प्रेम, न्याय, शौर्य, सद्भाव एवं निष्पक्षता आदि धर्म के शाश्वत मूल्यों को आज समाज में पुन: प्रतिष्ठित करना आवश्यक है। सभी प्रकार के परस्पर वैमनस्य और भेदों को समाप्त कर समरसता से युक्त पुरुषार्र्थी समाज का निर्माण करना ही श्रीराम की वास्तविक आराधना होगी।
अ.भा.प्र.सभा समस्त भारतीयों का आवाहन करती है कि बंधुत्वभाव से युक्त, कर्तव्यनिष्ठ, मूल्याधारित और सामाजिक न्याय की सुनिश्चितता करने वाले समर्थ भारत का निर्माण करें, जिसके आधार पर वह एक सर्वकल्याणकारी वैश्विक व्यवस्था का निर्माण करने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर सकेगा।
सेवा विभाग
पूरे देश में सभी मातृसंस्थाओं सहित कुल सेवाकार्य (दैनिक या साप्ताहिक) व उपक्रमों की संख्या 1,22,890 है। शिक्षा, स्वावलम्बन तथा सामाजिक सेवाकार्यों में 21,45,000 व्यक्तियों ने किसी न किसी रूप में नियमित सेवा प्राप्त की। वहीं स्वास्थ्य प्रकल्पों में 87,16,000, अन्नदान योजना में 27,35,000 से अधिक व्यक्ति लाभान्वित हुए।
दक्षिण तमिलनाडु-7 दिसंबर 2023 को आई बाढ़ के बाद स्वयंसेवकों ने सेवा भारती के माध्यम से राहत कार्य में योगदान दिया। 42 केन्द्रों से 3,45,000 भोजन पैकेट तथा अन्य नित्य उपयोगी वस्तुएं वितरित की गईं। 3,775 स्वयंसेवक सहभागी हुए।
कर्नाटक दक्षिण-गत 3 वर्ष से मंगलुरु महानगर के व्यवसायी शाखा तथा मिलन के कार्यकर्ताओं ने 27 में से 25 सेवा बस्तियों को दत्तक लिया है। वहां 15 बाल गोकुलम, भजन कार्यक्रम, परीक्षा के समय ट्यूशन तथा लेखन साहित्य का वितरण जैसे उपक्रम चल रहे हैं।
मालवा-अयोध्या में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा से पूर्व ही दो महानगरों इंदौर व उज्जैन की हर बस्ती को सेवा कार्य युक्त करने का संकल्प लिया। योजना को नाम दिया ‘मेरी बस्ती मेरी अयोध्या’।
संपर्क विभाग
इस वर्ष अखिल भारतीय स्तर से जिला स्तर तक विभिन्न10 श्रेणियों में 95,315 महानुभावों से प्रत्यक्ष संपर्क हुआ। देश में संपर्क विभाग में कुल 12,068 कार्यकर्ता हैं। पू. सरसंघचालक और मा. सरकार्यवाह के प्रवास में संपर्क विभाग के माध्यम से देश के गणमान्य महानुभावों को व्यक्तिगत मिलना हुआ। इस वर्ष देश में विभिन्न सामाजिक विषयों पर समाज की सकारात्मक भूमिका तय होने हेतु संपर्क विभाग का सक्रिय सहभाग रहा। अवकाश प्राप्त न्यायाधीश, सेनाधिकारी, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी तथा विदेश सेवा से जुड़े महानुभावों से व्यक्तिगत संपर्क व बैठकों के माध्यम से राष्ट्रीय विषयों पर चर्चा में अच्छी सहभागिता बनी है।
प्रचार विभाग
पू. सरसंघचालक व मा. सरकार्यवाह के प्रवास कार्यक्रमों के अतिरिक्त प्रचार विभाग कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण व क्षमतावर्धन की दृष्टि से क्षेत्रश: दो दिवसीय कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। वारंगल, मंगलूरू, धार, सीकर, काशी और गुवाहाटी में साहित्योत्सव सम्पन्न हुए। प्रचार विभाग मध्य क्षेत्र द्वारा उज्जैन में ज्वलंत विषयों पर लेखन करने वाले स्तंभ लेखकों, संपादकों, पैनलिस्ट, ब्लॉगर, लेखकों, साहित्यकारों, रचनाकारों, कथा-कहानीकारों, यूट्यूबर, नवीन एवं पुरातन के लिए आधुनिकतम ‘साहित्यिक सृष्टि भारतीय दृष्टि लेखन संवादशाला का 30 सितंबर-2 अक्तूूबर 2023 को आयोजन किया गया।
धर्म जागरण समन्वय
जोधपुर प्रांत में 29-30 जुलाई, 2023 को सभी प्रांत प्रमुखों एवं संयोजकों की बैठक हुई। सरकार्यवाह दत्ताजी व पालक अधिकारी भैयाजी जोशी ने पूर्ण समय रहकर मार्गदर्शन किया। इस वर्ष 241 यात्राएं निकाली गई। 42 प्रांतों के 2 दिवसीय अभ्यास वर्ग हुए। आंध्रप्रदेश में 399 हिन्दू सम्मेलनों में 4992 गांवों से 1,57,205 हिन्दू सम्मिलित हुए। प्रयाग दक्षिण भाग, देवप्रयागम नगर की अम्बेडकर बस्ती में कुल 12 परिवार कन्वर्ट हुए थे। नित्य संपर्क से इन परिवारों का फिर हिन्दू धर्म अपनाने का मन बना।
ग्रामविकास-7 दिसंबर को मालवा प्रांत में गांव हरदा में सरकार्यवाह जी ने गांव वालों से संवाद किया। ग्राम समिति द्वारा किये जा रहे विशेष कार्य जैसे जल संरक्षण एवं संवर्धन को प्रत्यक्ष जाकर देखा। 10-15 गांव के समूह में स्वावलंबन की दृष्टि से समाज आधारित कम खर्चे में जरूरतमंद बंधुओं को रोजगार का अवसर प्रदान करने का प्रयास 2014 से देश के 10 प्रांतों के15 संकुलों में हो रहा है।
कुटुम्ब प्रबोधन
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का दिव्य ध्येय साकार करने के लिये, अपने घर में, पड़ोस के पांच दस परिवारजन के साथ एवं अपना परिवार चलाने के लिये जिस व्यक्ति, परिवार, संस्था से संबंध आता है, उन सभी के साथ प्रेम, आदर, विश्वास स्थापित करने का प्रयास ‘कुटुम्ब मित्रों’ के माध्यम से चल रहा है। प्रांतो में कुटुंबमित्र नियुक्त होते हैं। वर्तमान में कुल 1,25,000 कुटुंबमित्र हैं। आयु के अनुसार उपक्रमों में बालक बालिकाओं को कथा, खेल, श्लोक, स्तोत्रपाठ, जन्मदिन भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखकर मनाना, मोबाइल का विवेकपूर्ण उपयोग करना आदि द्वारा संस्कारित परिवार का वातावरण निर्माण किया जा रहा है।
सामाजिक समरसता
भगवान वाल्मिकी श्री रामतीर्थ ज्योती यात्रा पंजाब एवं उत्तर क्षेत्र के रामलीला समितियों को अमृतसर स्थित वाल्मीकि श्री रामतीर्थ आश्रम से ज्योती ले जाने का आवाहन किया गया। आंध्र प्रदेश में 5 स्थानों पर समरसता सम्मेलन संपन्न हुए। गुजरात प्रांत में पू. सरसंघचालक जी की उपस्थिति में अनुसूचित समाज से गणमान्य व्यक्तियों की गोष्ठी का आयोजन किया गया। महाराष्ट्र राज्य सफाई कर्मचारी उत्थान परिषद 30 सितंबर को मुंबई में संपन्न हुई। राज्य से 480 कर्मचारी प्रतिनिधि, संगठन प्रतिनिधि, विद्यार्थी एवं सरकारी अधिकारी उपस्थित रहे। आरक्षण बचाव अभियान-कन्वर्टिड हुए पूर्व की अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण देने की मांग का विरोध करने हेतु देशभर में व्यापक अभियान हुआ।
पर्यावरण संरक्षण
संगठनात्मक संरचना 45 प्रान्तों में से 44 में संयोजक नियुक्त हैं। विभाग संयोजक 220, जिला संयोजक 918 तथा महानगर संयोजक 200 हैं। 75 विश्वविद्यालयों के 4000 से अधिक विद्यार्थियों का प्रतिमाह आनलाइन प्रशिक्षण पिछले तीन वर्ष से चल रहा है। रक्षा विभाग में एक कार्यशाला आयोजित की गयी। लगभग 300 सेना अधिकारियों एवं परिवार के सदस्यों को ईको ब्रिक्स बनाने, कचरा विभाजित करने, रसोई के कचरे से खाद बनाने तथा बायोएंजाइम बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। पर्यावरण पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन आॅनलाइन किया गया। ‘एक पेड़ देश के नाम’ अभियान के अंतर्गत देश में लगभग 575 सघन वन सामाजिक सहभागिता से लगाये गये। राजस्थान में 300 से अधिक सघन वन अभी तक लगे हैं।
प्रान्तों के विशेष कार्यक्रम
केरल-कोट्टायम वायकोम में महादेव मंदिर परिसर के रास्तों को तथाकथित अस्पृश्यों के लिए खोलने के लिए मार्च 30, 1924 को शुरू हुआ सत्याग्रह नवंबर 23, 1925 को समाप्त हुआ था। इसी की शताब्दी के अवसर पर कोलयम विभाग के कार्यकर्ताओं ने 6 अक्तूबर 2023 को पूर्ण गणवेश में सांघिक का आयोजन किया।
तेलंगाना-भाग्यनगर की आई.टी. मिलन टोली के 21 नए मिलन प्रारम्भ हुए। वर्तमान में 91 मिलन व 57 बाल गोकुलम चल रहे हैं।
सौराष्ट्र-कच्छ जिले में 2 नवंबर 2023 को 10,230 गणवेश में तरुणों का विराट महाकुम्भ ‘कच्छ विभाग एकत्रीकरण’ संपन्न हुआ। इस एकत्रीकरण में रापर-कच्छ के श्री रविभाण संप्रदाय गादि के महंत पू. त्रिकालदासजी महाराज के आशीर्वचन प्राप्त हुए तथा सह सरकार्यवाह श्री अरुणकुमार जी का मार्गदर्शन हुआ।
महाकौशल-प्रांत में मकर संक्रमण उत्सव में 35,452 तरुण, 12,226 बाल, 4,223 शिशु उपस्थित रहे। 3,404 मातृ शक्ति की सहभागिता तथा 55,812 कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व हुआ। सतना विभाग ने महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में संघ कार्य का विस्तार करने की दृष्टि से महाविद्यालयीन विद्यार्थी शताब्दी शिविर का आयोजन किया।
छत्तीसगढ़-रायगढ़ विभाग में भगवान महावीर स्वामी जी के 2550वें निर्वाण महोत्सव के अवसर पर भगवान महावीर स्वामी जी की दिग्दर्शिका का विमोचन किया गया।
चित्तौड़-बाबा रामदेव जयंती के अवसर पर खेल महोत्सव का आयोजन किया गया।
दिल्ली-12 फरवरी 2024 को दिल्ली के विज्ञान भवन में भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण वर्ष के उपलक्ष्य में ‘कल्याणक महोत्सव’ का भव्य आयोजन किया गया।
हरियाणा-मकर संक्रांति पर प. पू. सरसंघचालक जी ने सोनीपत के गोहाना कस्बे के प्राचीन महर्षि वाल्मीकि मंदिर में दर्शन किये।
झारखण्ड- जनजातीय बहुल झारखण्ड में कन्वर्जन, मुसलमानों द्वारा जनजातीय समाज की जमीन हड़पना, नक्सल उपद्रव जैसे कई गंभीर मुद्दों पर व्यापक विरोध शुरू हो गया है। जगह जगह जनजाति कार्यकर्ता कन्वर्जन के खिलाफ खड़े हो रहे है।
ओडिशा पूर्व-पुरी विभाग में ‘विश्व गुरु भारत में शिक्षकों का योगदान’ विषय पर भुवनेश्वर महानगर स्थित आंचलिक शिक्षा अनुष्ठान में एक प्राध्यापक चिंतन संगोष्ठी कार्यक्रम संपन्न हुआ। ओडिशा पश्चिम-प्रांत के 129 खंड व 34 नगरों में 160 स्थानों पर सभी जाति-बिरादरी प्रमुखों की सामाजिक सद्भाव बैठकें हुईं।
दक्षिण बंग-12 जनवरी 2024 को स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती के उपलक्ष्य में कोलकाता के ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर सभागार में युवा कार्यकर्ता एकत्रीकरण हुआ। सरकार्यवाह जी का उद्बोधन हुआ।
उत्तर असम-28-29 दिसंबर, 2023 को माजुली के उत्तर कमलाबारी सत्र में आयोजित ‘पूर्वोत्तर मणिकांचन 2023’ संत सम्मेलन में अनेक समुदायों के धार्मिक नेताओं ने भाग लिया।
अरुणाचल प्रदेश- मा. सरकार्यवाह जी के प्रवास के दौरान ईटानगर कैपिटल काम्प्लेक्स नगर का एकत्रीकरण, ग्राम लेकी, नाहालार्गुन में 12 फरवरी 2024 को संपन्न हुआ।
पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर का 300वां जयंती वर्ष
सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी के संदर्भ में एक वक्तव्य जारी किया। सरकार्यवाह ने स्वयंसेवकों से देवी अहिल्या के दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 31 मई, 2024 से देवी अहिल्याबाई होलकर का 300 वां जयंती वर्ष प्रारंभ हो रहा है। उनका जीवन भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम पर्व है। ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले सामान्य परिवार की बालिका से एक असाधारण शासनकर्ता तक की उनकी जीवनयात्रा आज भी प्रेरणा का महान स्रोत है। वे कर्तृत्व, सादगी, धर्म के प्रति समर्पण, प्रशासनिक कुशलता, दूरदृष्टि एवं उज्ज्वल चारित्र्य का अद्वितीय आदर्श थीं।
‘श्री शंकर आज्ञेवरुन’ (श्री शंकर की आज्ञानुसार) अंकित राजमुद्रा से चलने वाला उनका शासन हमेशा भगवान शंकर के प्रतिनिधि के रूप में ही काम करता रहा। उनका लोक कल्याणकारी शासन भूमिहीन किसानों, भीलों जैसे जनजाति समूहों तथा विधवाओं के हितों की रक्षा करने वाला एक आदर्श शासन था। समाज सुधार, कृषि सुधार, जल प्रबंधन, पर्यावरण रक्षा, जनकल्याण और शिक्षा के प्रति समर्पित होने के साथ-साथ उनका शासन न्यायप्रिय भी था। समाज के सभी वर्गों का सम्मान, सुरक्षा, प्रगति के अवसर देने वाली समरसता की दृष्टि उनके प्रशासन का आधार रही। केवल अपने राज्य में ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण देश के मंदिरों की पूजन-व्यवस्था और उनके आर्थिक प्रबंधन पर भी उन्होंने विशेष ध्यान दिया। बद्रीनाथ से रामेश्वरम तक और द्वारिका से लेकर पुरी तक आक्रमणकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए मंदिरों का उन्होंने पुनर्निर्माण करवाया। प्राचीन काल से चलती आयीं और आक्रमण काल में खंडित हुईं तीर्थयात्राओं में उनके कामों से नवीन चेतना आयी। इन वृहद् कार्यों के कारण उन्हें ‘पुण्यश्लोक’ की उपाधि मिली। संपूर्ण भारतवर्ष में फैले इन पवित्र स्थानों का विकास वास्तव में उनकी राष्ट्रीय दृष्टि का परिचायक है।
पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई की जयंती के 300वें वर्ष के पावन अवसर पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए समस्त स्वयंसेवक एवं समाज बंधु-भगिनी इस पर्व पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में मनोयोग से सहभाग करें। उनके दिखाए सादगी, चारित्र्य, धर्मनिष्ठा और राष्टÑीय स्वाभिमान के मार्ग पर अग्रसर होना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
समाजाभिमुख कार्य
कर्नाटक दक्षिण – बंगलुरु दक्षिण में ‘कलिका केंद्र’ नाम से प्रचलित अभ्यासिका, रक्तदान शिविर, सेवा बस्ती के बच्चों के लिए साईकल वितरण, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण जैसे उपक्रम शाखा द्वारा चलाए जाते हैं।
आंध्र प्रदेश-अनकापल्ली जिले के मछुआरा बहुल वाडनरसापुरम ग्राम को प्लास्टिक मुक्त गांव बनाने की पहल हुई।
गुजरात-महेसाणा जिले की महाराणा प्रताप व्यवसायी शाखा ने पानी के 85 नये पंप सशुल्क खरीदकर लगवाये।
विदर्भ-अकोला जिले के अंदुरा ग्राम के वीर भगत सिंह शाखा द्वारा रक्तदान शिविर, महाआरोग्य शिविर, पर्यावरण संरक्षण, कृषकों के लिए मार्गदर्शन, विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण, गणपति विसर्जन, दुर्गा देवी विसर्जन के समय प्लास्टिक विलगीकरण तथा निर्माल्य का विनियोग तथा सुव्यवस्था, बालक बालिकाओं का ज्ञानवर्धन करने के लिए पुण्य भूमि भारत स्पर्धा, दुग्ध व्यवसाय मागदर्शन इत्यादि उपक्रम चलाए जाते हैं।
मालवा-शाजापुर के मक्सी खंड में मातृशक्ति को पौष्टिक अन्न के प्रति प्रशिक्षण दिया गया। जैविक खेती, दूध उत्पादन एवं मावे का निर्माण, गांव का बैंक, प्याज के फूड प्रोसेसिंग यूनिट, व्यसन मुक्ति एवं संस्कार हेतु संतों द्वारा प्रबोधन जैसे विषयों पर काम करने हेतु टोलियां बनाई गई हैं।
चित्तौड़-राजसमंद विभाग के आमेट जिले में ग्राम काछबली में स्वयंसेवकों ने समाज में सुपरिवर्तन करने में भूमिका निभाई है।
मथुरा महानगर की शाखा द्वारा तालाब का सौन्दर्यीकरण, महिलाओं को शराब मुक्ति हेतु जागरूक करने जैसे काम हुए।
जोधपुर-जूनागढ़, बीकानेर की माधव तरुण व्यवसायी शाखा द्वारा जूनागढ़ किले में स्थित गणेश मन्दिर की सुव्यवस्था में सहयोग किया। यहां लग भग एक लाख श्रद्धालु आते है।
मध्य बंग-प्रान्त के तारकेश्वर जिले में राधानगर गांव में 70 परिवारों में आज साक्षरता बढ़ी है और अन्य समस्याओं का निराकरण हुआ है।
वर्तमान परिदृश्य
यह वर्ष अयोध्या में नवनिर्मित भव्य मंदिर में श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के स्वर्णिम वर्ष के रूप में सदैव याद किया जायेगा। अयोध्या में मंदिर के पुनर्निर्माण ने भारतीयों के बीच राष्ट्रभाव की वृद्धि का अनुभव कराया है। जयपुर में राष्ट्रीय सेवा संगम के आयोजन में, सामाजिक पंच परिवर्तन तथा गतिविधियों के लिए किए गए विभिन्न प्रयासों में, सेवा प्रकल्पों में, गंगा समग्र (गंगा बचाओ, निर्मल गंगा, अविरल गंगा) या घुमंतू जनजातियों के बीच काम जैसे विविध आयामों तथा सामाजिक सद्भाव कार्य आदि के तहत किये गये कार्यों में आए अनुभवों से नि:संदेह यह साबित हुआ है कि समाज सभी सकारात्मक बदलावों के लिए तैयार है।
जहां एक ओर हिंदू समाज में रचनात्मक कार्यों के प्रति जागरूकता और उत्साह दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर विघटनकारी और विभाजनकारी ताकतें हैं जो सकारात्मक कार्य से कभी खुश नहीं होतीं। मेवात में नूह में मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग ने विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित यात्रा पर हिंसक हमला किया। मणिपुर की स्थिति ने समाज के दो वर्गों, मैतेई और कुकी के बीच गहरे घाव पैदा कर दिए हैं। पंजाब में अलगाववादी आतंकवाद ने पुन: एक बार फिर अपना सिर उठाया है। लोकसभा चुनाव से ठीक दो महीने पहले, विशेष रूप से पंजाब में किसान आंदोलन के आड़ में फिर से अराजकता फैलाने का प्रयास प्रारंभ हुआ। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली में सैकड़ों माता-बहनों, विशेषकर अनुसूचित जाति और जनजाति समाज की बहनों पर अत्याचारों की घटना ने पूरे समाज के अंत:करण को झकझोर कर रख दिया है। अधिक आक्रोशकारी बात यह है कि वहां के शासन द्वारा दोषी व्यक्तियों को कठोरतम दंड देने के बजाय उन्हें बचाने के प्रयास किए जा रहे है।
जो शक्तियां भारत, हिंदुत्व या संघ की शत्रु हैं, वे सामाजिक सौहार्द को बाधित या बदनाम करने के लिए नई योजनाओं और षड्यंत्रों की तलाश में हमेशा सक्रिय रहती है। भारत, हिंदुत्व और संघ राष्ट्रीय-स्वत्व की अभिव्यक्ति हैं। उन्हें मजबूत करने का अर्थ है राष्ट्रीय स्वत्व को बढ़ावा देना। हमारे राष्ट्रीय जीवन के हर पहलू में इस राष्ट्रीय स्वाभिमान का पुनर्जागरण ही संघ का जीवन-व्रत है।
अगले महीने देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। स्वयंसेवकों को न केवल अपने मताधिकार का प्रयोग करने का पवित्र कर्तव्य निभाना है, बल्कि शत-प्रतिशत मतदान भी सुनिश्चित करना है। संघ कार्य के संतुलित और समग्र विकास के लिए दो मोर्चों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है-एक, गुणवत्ता वृद्धि के साथ संगठनात्मक विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण, और दूसरा, सज्जन शक्ति संचालन के साथ-साथ समाजोन्मुखी आयाम एवं गतिविधियां। परिस्थिति उत्कृष्ट है; संघ का शताब्दी वर्ष हमें संकेत दे रहा है। आइए, हम आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें; आइए, हम निश्चितता के साथ काम करें। समय हमारा है; वह हमारी प्रतीक्षा कर रहा है।
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