कर्णावती: कच्छ के मुंद्रा पोर्ट से वर्ष 2021 में पकड़े गए ₹21000 करोड़ के हेरोइन केस में आठ आरोपियों की आरोपमुक्त करने से संबंधित याचिका स्पेशल एनआईए कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त मौखिक और दस्तावेजी सबूत उपलब्ध हैं, जो उनके खिलाफ केस का ट्रायल चलाने के लिए पर्याप्त हैं।
स्पेशल NIA कोर्ट ने आरोपी मोहम्मद खान अखलकी अब्दुलखान , राजकुमार पेरूमल, फरदीन ओमेर आमरे, सुभान आर्यनफर, ओहान माधव वाघुड़ादे, प्रदीप कुमार, आनंद सिंह, सुशांत सरकार और प्रिन्स शर्मा की याचिका खारिज कर दी थी। स्पेशियल NIA कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि मामले के तथ्यों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि सीमा पार के ड्रग सिंडिकेट द्वारा भारत में ड्रग्स की तस्करी की एक बड़ी साजिश की जा रही है। जांच एजेंसी के मामले और चार्जशीट के अनुसार, भारत ड्रग्स के सबसे बड़े और प्रमुख उत्पादकता वाले अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान के बीच पिस रहा है। थाईलैंड, लाओस और म्यांमार की वजह से भारत की समुद्री जल सीमा अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया के लिए बहुत सुविधाजनक होती जा रही है। भारत के विभिन्न हिस्सों में ड्रग तस्करी के माध्यम से एकत्र किए गए धन का उपयोग लश्कर-ऐ-तैयबा के साथ जुड़े लोगों द्वारा आतंकवादी गतिविधियो के लिए किया जा रहा था। इस प्रकार, वर्तमान मामले में अभियुक्तों की पहली स्पष्ट संलिप्तता है और इस मामले में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत को देखते हुए उन्हें आरोपमुक्त नहीं किया जा सकता।
बता दे कि यह ड्रग्स रैकेट साल 2021 में गांधीधाम DRI ने पकड़ा था। दरअसल 13-09-2021 को मुंद्रा पोर्ट पर डीआरआई ने कन्साइनमेंट को पकड़ा था जिसकी आड़ में 2988.21 किलो हेरोइन जब्त की गई थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत ₹21हजार करोड़ थी। इस कन्साइनमेंट को मेसर्स आशी ट्रेडिंग कंपनीने इम्पोर्ट किया था और अफगानिस्तान स्थित हसन हुसेन लिमिटेड फर्म ने एक्सपोर्ट किया था। इस केस की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार ने 6-10-2021 को NIA को जांच सौंपी थी।
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